व्यापार के लिए शर्तें

नोटिफिकेशन के मुताबिक गेहूं के आटे की निर्यात नीति मुक्त रहती है और इस पर कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं है।यह प्रावधान मैदा और अन्य तरह के आटों के निर्यात पर भी लागू होगा। वहीं, यह फैसला 12 जुलाई से प्रभावी होने वाला है।
गेहूं के बाद अब आटा पर सरकार की सख्ती, विदेश भेजे जाने के लिए शर्तें लागू
देश में आटा की बढ़ती कीमतों और निर्यात की गुणवत्ता को देखते हुए सरकार ने गेहूं के आटे के निर्यात पर सख्ती बढ़ा दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की एक अधिसूचना से यह जानकारी मिली है। इसके मुताबिक गेहूं के आटे का निर्यात मुक्त रहेगा लेकिन यह अंतर-मंत्रालयी समिति की सिफारिश के अधीन होगा। इसके तहत अब सभी निर्यातकों को शिपमेंट से पहले गेहूं निर्यात पर अंतर-मंत्रालयी समिति से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा। पहले इस तरह के नियम नहीं थे।
क्या है वजह: नोटिफिकेशन में लिखा गया है, "गेहूं और गेहूं के आटे में वैश्विक आपूर्ति में व्यवधान ने कई नए प्लेयर्स मार्केट में आ गए हैं। इस वजह से कीमतों में उतार-चढ़ाव और गुणवत्ता से संबंधित मुद्दों पर गौर करने की जरूरत हो गई है। भारत से गेहूं के आटे के निर्यात की गुणवत्ता बनाए रखना जरूरी है। इसके अलावा कीमतों व्यापार के लिए शर्तें पर भी काबू रखना अनिवार्य है।"
5 : कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों के बीच व्यापार की शर्तों का सूचकांक
6.5 : कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों के बीच व्यापार की शर्तों का सूचकांक
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अंतिम अद्यतन : 20-04-2021, 03:28 अपराह्न
पीएम किसान योजना की किस्त आ गई है तो हो जाएं सावधान!
किसानों के हित में सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को आर्थिक मदद भी कर रही है। इसी क्रम में केंद्र सरकार द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि चलाई जा रही है। इस योजना के तहत देश के किसानों को केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है।
पैसा खाते में भेज दिया जाता है
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार की ओर से 100 प्रतिशत वित्त पोषण वाली एक केंद्रीय क्षेत्र की व्यापार के लिए शर्तें व्यापार के लिए शर्तें योजना है। इस योजना के तहत किसानों को सालाना दो हजार रुपये तीन बराबर किस्तों में मिलेंगे। 6,000 दिया जाता है। यह राशि सभी हितग्राहियों के बैंक खाते में भेजी जाती है। हालांकि सरकार ने इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं।
दरअसल सरकार ने पीएम किसान योजना का लाभ लेने के लिए कुछ नियम बनाए हैं। यदि कोई किसान उन नियमों के अनुसार अर्हता प्राप्त नहीं करता है, तो ऐसे किसानों को पीएम किसान योजना के लिए पात्र किसान नहीं माना जाएगा। ऐसे में अगर इन किसानों को पीएम किसान योजना के तहत किस्तें चली गई हैं तो उन्हें यह पैसा वापस करना होगा.
वापस की जाने वाली राशि
आयकर भुगतान अथवा अन्य कारणों से अपात्र पाए जाने वाले हितग्राहियों को अब तक प्राप्त राशि शासन को लौटानी होगी। जिन हितग्राहियों को भारत सरकार द्वारा प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत आयकर भुगतान अथवा अन्य कारणों से अपात्र घोषित किया गया है, किसानों को अब तक प्राप्त व्यापार के लिए शर्तें राशि अनिवार्य रूप से वापस करनी होगी।
सरकार की ओर से इस पैसे की वसूली के उपाय भी बताए गए हैं, जहां इस राशि की वसूली की जा सकती है. साथ ही आप किसान सम्मान निधि के पात्र किसान हैं या नहीं, यह आप पीएम किसान सम्मान निधि की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं।
व्यापार के लिए शर्तें
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड
South Eastern Coalfields Limited
(भारत सरकार का उपक्रम)
(A Government of India Undertaking)
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दासता में बढ़ोत्तरी
अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के नवीनतम अनुमान दिखाते हैं कि जबरन मज़दूरी और जबरन विवाहों में, पिछले पाँच वर्षों के दौरान ख़ासी वृद्धि हुई है.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, वर्ष 2016 के वैश्विक अनुमानों की तुलना में, वर्ष 2021 में, एक करोड़ ज़्यादा लोगों को दास बनाया गया, जिसके बाद दुनिया भर में दासों की संख्या पाँच करोड़ हो गई है.
वैसे तो आधुनिक दासता को क़ानून में परिभाषित नहीं किया गया है, इस शब्द का प्रयोग जबरन मज़दूरी, ऋण बन्धन, जबरन विवाह, और मानव तस्करी जैसी व्यापार के लिए शर्तें प्रथाओं के लिए किया जाता है.
अब भी बरक़रार
इसमें शोषण की वो तमाम परिस्थितियाँ शामिल हैं जिनमें कोई व्यक्ति धमकियों, हिंसा, उत्पीड़न, धोखा, या फिर शक्ति के दुरुपयोग के आगे, ना तो इनकार कर सकते हैं और ना ही उस स्थान को छोड़ सकते हैं.
आधुनिक दासता दुनिया के लगभग हर देश में होती है, इससे कोई भी जातीय, सांस्कृतिक और धार्मिक दायरे अछूते नहीं हैं.
नवीन वैश्विक डेटा भंडार
अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने एक नई ‘जबरन मज़दूरी बेधशाला’ (FLO) शुरू की है जो, इस यूएन श्रम एजेंसी के गवर्नरों के, जबरन मज़दूरी और तस्करी पर वैश्विक डेटा भंडार विकसित किए जाने के अनुरोध को पूरा व्यापार के लिए शर्तें करेगी.
इस बेधशाला (FLO) के डेटा भंडार में जबरन मज़दूरी पर वैश्विक और देशों के स्तर की जानकारी एकत्र की जाएगी, और यहाँ इस अभिशाप के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हासिल की जा सकेगी.
आईएलओ के सभी 187 सदस्य देशों के निजी प्रोफ़ाइल तैयार किए जा चुके हैं जिनके लिए विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जनकारी का सहारा लिया गया है. इसके ज़रिए इस अपराध का मुक़ाबला करने के लिये देशों के स्तर की कार्रवाइयों का विवरण प्रस्तुत किया गया है.