भारत में म्युचुअल फंड इतिहास

10वां स्थापना दिवस पर बोले केजरीवाल आम आदमीपार्टी देश की जनता की नई उम्मीद और विश्वास
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। आम आदमी पार्टी का 10वां स्थापना दिवस पार्टी मुख्यालय पर हार्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान पार्टी के तमाम नेताओं ने भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण के संकल्प को दोहराया। इस अवसर पर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी देश की जनता की नई उम्मीद और विश्वास बन चुकी है और बहुत जल्द एक राष्ट्रीय पार्टी बनने जा भारत में म्युचुअल फंड इतिहास रही है।
उन्होने कहा, इन दस सालों में जनता के बेशुमार प्यार और कार्यकर्ताओं की मेहनत से पार्टी ने भारतीय राजनीति में कई इतिहास रचे हैं। दस साल पहले आज ही के दिन आम आदमी पार्टी की स्थापना हुई थी। आज आम भारत में म्युचुअल फंड इतिहास आदमी पार्टी देश की जनता की नई उम्मीद बन चुकी हैए विश्वास बन चुकी है। बहुत जल्द एक और ऐतिहासिक जीत के साथ आप एक राष्ट्रीय पार्टी बनने जा रही है। पार्टी की 10वीं सालगिरह के इस मौके पर मैं सभी कार्यकर्ताओं को बहुत.बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।
आप के वरिष्ठ नेता व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 10 वर्ष पहले अरविंद केजरीवाल ने देश को एक भ्रष्टाचार मुक्त राजनैतिक विकल्प देने का संकल्प लिया था। आज 1100 से ज्यादा जनप्रतिनिधियों व करोड़ों समर्थको के साथ बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के लिए देश की एक मात्र उम्मीद बन चुके हैं।
उन्होने कहा, हमारा एक ही संकल्प है कि आप का हर नेता,कार्यकर्ता देश के भविष्य के लिए ऐसे ही निस्वार्थ भाव से काम करता रहेगा ताकि हम साथ मिलकर भारत को नंबर-एक देश बनता देख सकें। पार्टी मुख्यालय पर आज कार्यकर्ताओं, नेताओं में जोश दिखा, खुशियों से सराबोर कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को बधाई भी दी।
Systematic Investment Plan : निवेशकों का SIP पर भरोसा बढ़ा, मासिक निवेश 12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा
Systematic Investment Plan : निवेशकों का SIP पर भरोसा बढ़ा है. मासिक निवेश 12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है. निवेशक इसमें निवेश के लिये एसआईपी को तरजीह दे रहे हैं. यह निवेशकों खासकर नौकरीपेशा लोगों के लिए निवेश को सुगम बनाता है.
Updated: September 22, 2022 8:20 AM IST
SIP Investment Scheme : निवेशक दीर्घकाल में निवेश में वृद्धि को लेकर म्यूचुअल फंड में नियमित तौर पर राशि जमा करने की योजना (SIP) पर भरोसा कर रहे हैं. म्यूचुअल फंड उद्योग में पिछले चार महीने से इस माध्यम से निवेश 12,000 करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है.
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उद्योग संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, एसआईपी (SIP) के जरिये निवेश प्रवाह अगस्त में अबतक के सबसे ऊंचे स्तर 12,693 करोड़ रुपये पर रहा है.
इस माध्यम से निवेश मई से ही 12,000 करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है. यह जुलाई में 12,140 करोड़ रुपये, जून में 12,276 करोड़ रुपये और मई में 12,286 करोड़ रुपये था.
इसके साथ, चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीने में कुल प्रवाह 61,258 करोड़ रुपये रहा है. बीते वित्त वर्ष 2021-22 में एसआईपी के जरिये निवेश 1.24 लाख करोड़ रुपये था.
निवेशक निवेश के भारत में म्युचुअल फंड इतिहास लिये एसआईपी को तरजीह दे रहे हैं. यह निवेशकों खासकर नौकरीपेशा लोगों के लिए निवेश को सुगम बनाता है.
नियो में रणनीति मामलों के प्रमुख स्वप्निल भास्कर ने कहा, ‘‘निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है क्योंकि एसआईपी के जरिये हर महीने निश्चित राशि निवेश की जाती है. इससे उन्हें निवेश का बेहतर औसत मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलती है. यह उन्हें बाजार में निवेश के समय से भी राहत देता है क्योंकि बाजार में कब निवेश करें, इसका चयन करना निवेशकों के लिये थोड़ा मुश्किल होता है.’’
उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह योजना बचत की आदत बनाती है.
एसआईपी के तहत प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (AUM) इस साल अगस्त में बढ़कर 6.4 लाख करोड़ रुपये पहुंच गईं जो मार्च, 2022 में 5.76 लाख करोड़ रुपये थीं.
आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच साल में एसआईपी के अंतर्गत प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियों में सालाना 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह म्यूचुअल फंड की कुल संपत्ति आधार के मुकाबले दोगुना है.
फिलहाल म्यूचुअल फंड में 5.72 करोड़ एसआईपी खाते हैं जिसके जरिये निवेशक नियमित तौर पर म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करते हैं.
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इंटरनेट ने बंद की Mutual fund की दुकान, ये कभी किसी कस्टमर को अमीर बनाने के लिए था ही नहीं
पिछले एक दशक में देश में म्यूचुअल फंड क्षेत्र में तेजी से विकास देखने को मिला है। SBI mutual funds, HDFC mutual funds, ICICI mutual funds, आदित्य बिरला, Nippon, Kotak जैसी टॉप mutual funds कंपनियों के assets में लाखों करोड़ों की बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में, खासकर कि कोरोना महामारी के बाद इन म्यूचुअल फंड कंपनियों के assets में तेजी से कमी देखने को मिल रही है।
म्यूचुअल फंड के तहत आने वाले Systematic Investment Plans यानि SIP निवेश में पिछले कुछ महीनों में भारी कमी देखने को मिली है। पिछले वर्ष भारत में म्युचुअल फंड इतिहास मार्च से तुलना की जाये तो SIP निवेश में 15 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है।
हालांकि, म्यूचुअल फंड SIP निवेश में कमी आने का मतलब यह नहीं है कि लोगों की अब Stock Market में दिलचस्पी कम होती जा रही है। Stock Markets में रिटेल निवेश की बात की जाये तो यह अपने उच्चतम स्तर पर है और पिछले कुछ महीनों में इसमें रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली है।
SIP में गिरावट आने का मुख्य कारण
साथ ही, पिछले कुछ महीनों में नए Demat Accounts की संख्या में भी जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। वित्तीय वर्ष 2011 भारत में म्युचुअल फंड इतिहास में, भारत में केवल 2 करोड़ Demat Accounts ही एक्टिव थे। वर्ष 2017 तक यह संख्या सिर्फ 3 करोड़ तक ही पहुँच पाई थी, लेकिन वर्ष 2021 आते आते यह संख्या 5 करोड़ से भी ज़्यादा पहुँच चुकी है। पिछले वर्ष केवल अप्रैल से लेकर दिसंबर तक ही 1 करोड़ नए Demat Accounts खोले गए थे।
एक ही वक्त में म्यूचुअल फंड के SIP निवेश में कमी आना और Demat Accounts की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी होने का अर्थ क्या है? इसका अर्थ यह है भारत में म्युचुअल फंड इतिहास कि अब लोग Stock Market में निवेश करने को लेकर बिचौलियों से ज़्यादा खुद पर भरोसा कर रहे हैं और उनकी रिस्क लेने की क्षमता बढ़ी है।
इन्टरनेट के कारण हर किसी के लिए आधार कार्ड की सहायता से online verification अथवा KYC के जरिये नया Demat Account खोलना बेहद आसान हो गया है। Zerodha और Angel Investment जैसी brokerage फर्म्स ने अपने यहाँ पंजीकृत होने वाले रिटेल व्यापारियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की है। महामारी के समय, नौकरियाँ ना खोने वाले लोगों ने ना सिर्फ अपनी savings बढ़ाईं बल्कि उन्हें निवेश के अलग-अलग विकल्पों को परखने का अधिक अवसर भी मिला। ऐसे में उन्होंने अपने Demat Accounts खोलकर खुद ही Stock market में निवेश करने का फैसला लिया।
म्यूचुअल फंड बनाम शेयर मार्केट
लॉकडाउन के कारण निवेश करने के लिए अधिक विकल्प ना होने और अब Apps के जरिये Secondary Market में निवेश की प्रक्रिया बेहद आसान होने के कारण देश के युवा स्टॉक मार्केट में निवेश के रास्ते को अपना रहे हैं। वर्ष 2020 में जिस प्रकार स्टॉक मार्केट में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली थी, उसने भी लोगों को अधिक से अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित किया, ताकि वे भविष्य में रिकवरी के समय अधिक से अधिक रिटर्न कमा सकें।
Motilal Oswal Financial Services के MD मोतीलाल ओस्वाल के मुताबिक “तेजी से ऊंचाई छूते स्टॉक मार्केट निवेश के लिए बढ़िया आकर्षण केंद्र का काम करते हैं। Millennial निवेशक रिस्क लेने में विश्वास रखते हैं। अगर उन्हें फायदा होता है, तो वे और ज़्यादा रिस्क लेते हैं। पहले नए निवेशक सिर्फ IPOs के समय ही आते थे, लेकिन अब आसान तकनीक होने के कारण निवेशक भारत में म्युचुअल फंड इतिहास Secondary Market में आसानी से निवेश कर पा रहे हैं।”
यह दर्शाता है कि जब लोगों के पास खुद आसानी से stock market तक पहुँच बनाने का विकल्प भारत में म्युचुअल फंड इतिहास मौजूद हो, तो वे ऑनलाइन stock एक्सपर्ट्स के मुक़ाबले खुद पर ज़्यादा भरोसा करते हैं। आगामी सालों में भी हमें रिटेल निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
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