पीपीएफ खाते से पैसे कैसे निकालें?

पीपीएफ अकाउंट से पैसे कैसे निकाले?
Explanation : वैसे तो पीपीएफ अकाउंट में 15 साल का लॉक-इन रहता है, लेकिन कुछ खास परिस्थितियों में उससे पहले भी रुपये निकाल सकने का प्रावधान है। उदाहरण के लिए, खाता खोलने के पांच साल बाद खाताधारक इससे रुपये निकाल सकता है। लेकिन यह निकासी चौथे साल के आखिर में जमा राशि के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। मेडिकल इमर्जेंसी या पीपीएफ खाते से पैसे कैसे निकालें? शिक्षा खर्च के कारण खाताधारक पांच साल बाद पीपीएफ खाता स्थायी रूप से बंद भी कर सकता है।
आप चाहे तो पीपीएफ खाते में जमा रुपये के आधार पर आप कर्ज भी ले सकते हैं, जिस पर आपको 1 फीसदी की दर से ब्याज चुकाना होगा। पर तब आपको जमाराशि पर जो ब्याज मिलता है, वह नहीं मिलेगा। अगर आपको 7.1 फीसदी ब्याज मिलता है, तो कर्ज पर ब्याज की दर 8.1 फीसदी हो जाएगी। आपको यह कर्ज भी खाता खोलने के तीन साल बाद मिलेगा, जिसे छठे साल तक चुका देना होगा। कर्ज भी दूसरे साल के अंत की कुल जमा राशि का 25 फीसदी मिलेगा और तीन साल में इसे चुका देना पड़ेगा। इसे एकमुश्त या दो मासिक किस्तों के जरिये चुकाया जा सकता है। ब्याज की राशि भी एकमुश्त या दो मासिक किस्तों में चुकाई जा सकती है। . अगला सवाल पढ़े
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जब मन करे तब निकालें इस FD स्कीम से पैसे, नहीं देना होगा जुर्माना
SBI Multi Option Deposit Scheme: एसबीआई मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट स्कीम के तहत, जमा पूरी तरह से लिक्विड है। एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, ग्राहक खाते से 1,000 रुपये के गुणकों में निकासी कर सकते हैं।
- फिक्स्ड डिपॉजिट सालों से निवेश के लिए लोगों का पसंदीदा विकल्प है।
- SBI MODS के लिए नॉमिनेशन सुविधा उपलब्ध है।
- TDS नियमित एफडी के लिए लागू दर पर लगाया जाएगा।
नई दिल्ली। यदि निवेशक परिपक्वता तिथि से पहले अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) तोड़ते हैं, तो बैंक आमतौर पर निकासी पर जुर्माना लगाते हैं। हालांकि, कुछ बैंक ऐसी एफडी (FD) की भी पेशकश करते हैं, जिनसे निवेशकों को बिना किसी पेनल्टी के पैसे निकालने की अनुमति मिलती है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) भी इस प्रकार की एक एफडी स्कीम प्रदान करता है। इसका नाम है मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट (SBI MODS) स्कीम।
एसबीआई की मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट स्कीम एक फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम है, जो आपको सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट से जुड़ी होती है। सामान्य टर्म डिपॉजिट के विपरीत, इसके तहत आप बिना किसी पेनल्टी के जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं।
मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट स्कीम के फायदे (Multi Option Deposit Scheme Benefits)
एसबीआई की मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट स्कीम के तहत अकाउंट रेजिडेंट व्यक्ति अकेले या संयुक्त रूप से, नाबालिग (स्वयं या अपने अभिभावक के माध्यम से), हिंदू अविभाजित परिवार के कर्ता या HUF, फर्म, कंपनी, स्थानीय निकाय और कोई भी सरकारी विभाग खोल सकता है। एसबीआई मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट स्कीम की अवधि एक से पांच साल तक है।
मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट स्कीम ब्याज दर (Multi Option Deposit Scheme Interest rate)
SBI मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट स्कीम की ब्याज दर भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दी जाने वाली नियमित फिक्स्ड डिपॉजिट दरों के समान होगी। हालांकि वरिष्ठ नागरिकों को लागू ब्याज दरों से 0.50 फीसदी ज्यादा लाभ होता है।
कैसे निकाल सकते हैं पैसे?पीपीएफ खाते से पैसे कैसे निकालें?
निकासी की सीमा के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है। ग्राहक एटीएम, चेक या बैंक ब्रांच के माध्यम से भी निकासी कर सकते हैं। एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार सेविंग प्लस अकाउंट में ऑटो स्वीप सुविधा के जरिए मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट स्कीम का प्रावधान भी उपलब्ध है।
पीपीएफ में निवेश क्यों है फायदेमंद ? जाने इसके फायदे
अगर आपको भी अमीर धनवान व्यक्ति बनना है ! और आप भी धनवान बनने के बड़े बड़े सपने देख रहे है तो आपके सपने साकार होने का समय आ चुका है ! आएये हम सब मिल कर इस सपने को सच बनाते है ! एक बढ़िया निवेश जो बदल दे आपकी जिन्दगी ! यदि आप कोई बड़ा इन्स्तुमेंट या बड़ा कारखाना लगाना चाहते है ! तो आज से ही इस योजना में निवेश चालू कर दें !
PPF m nivesh ke phayade यह योजना सरकार के द्वारा चलाई गयी योजना है ! इसलिए इसमे पैसा डूबने के भी चांसेस नहीं रहते है ! इस योजना का लाभ केवल पैसों पर ब्याज मिलना ही नहीं है ! साथ साथ और कई फायदे हैं जैसे टैक्स में छूट मिलती है !लोन लेने में आसानी होती है ! इसी सब फायदों की वजह से लोग इस खाते को खुलवाना पसंद करते हैं !
यह एक सरकारी बचत योजना है इसलिए इसके खाते का विवरण , ब्याज दर , संचालन आदि सरकार तय करती है !तो आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से पीपीएफ निवेश के फायदे बतायेंगे ! PPF अकाउंट का होम पेज कुछ इस तरह खुल कर आता है !
PPF m nivesh ke phayade
पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड एक छोटी से छोटी बचत योजना है ! इसलिए यह योजना अन्य योजनाओं से अधिक पापुलर है ! इस खाते को आप अपने नजदीकी बैंकों में या डाकघर में खुलवा सकते हैं ! इस योजना में अच्छा ब्याज तो मिलता है !और टैक्स में छूट भी मिलती है !
पीपीएफ अकाउंट के फायदे :
आप PPF Acount अपने नजदीकी बैंक या फिर नजदीकी पोस्ट ऑफिस में खुलवा सकते हैं !यह एक सरकारी भविष्य निधि योजना है पीपीएफ अकाउंट के कई फायदे हैं !
सूचना : PPF Account की विस्तृत जानकारी के लिए इस लिंक www.nsiindia.gov.in पर क्लिक करें
- बचत खाते से तथा एफडी से अधिक ब्याज दर मिलती है !
- यदि आपके पास केवल 500 रुपये है,तो भी आप इस खाते को खोल सकते हैं !
- आप इस योजना के तहत खाते में सिर्फ 500 रुपये सालाना डालकर इसे चालू रख सकते हैं !
- और प्रत्येक वर्ष राशी 1 .50 लाख रुपये तक इस खाते में डाल सकते हैं !
- साल में जितनी बार चाहे उतनी बार इसमे रकम डाल सकते हैं !
- 40 लाख तक की रकम वापस पा सकते हैं !
- मेचुयूरटी ख़त्म के 5 साल बाद होने तक भी इस खाते को चालू रख सकतें हैं !
- पीपीएफ की जमा ,ब्याज , टैक्स तीनो पर छूट मिलती है !
- इस अकाउंट को कोई भी भारतीय नागरिक खुलवा सकता है !
- किसी भी समय इस खाते को बंद करके इससे पूरा पैसा निकाल सकते हैं !
- खाता धारक की अचानक मृत्यु हो जाने पर नॉमिनी कोपु पूरा पैसा वापस मिल जायेगा !
- सरकारी तथा कानूनी आदेशों पर भी इस खाते की राशी को जब्त नहीं किया जा सकता !
- खातो को किसी भी अन्य बैंक के खातो या पोस्ट ऑफिस में बदलवा भी सकते हैं !
- खाते को बच्चे तथा मानसिक रूप से कमजोर लोग भी खोल सकते हैं !
- सभी आसान चीजो की वजह से आप भी इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं ! यह स्कीम अन्य बैंको से अधिक ब्याज दर देती है ! इसके पीपीएफ खाते से पैसे कैसे निकालें? और भी कई से फायदे हैं !
एक साल में कितना निवेश ?(PPF m nivesh ke phayade)
इस निवेश सभी निवेशो से अच्छा माना गया है ! यह सबसे अच्छी ब्याज दर देता है ! यह 7.1प्रतिशत की ब्याज दर देता है ! इस योजना को उच्कोटी की योजना बताया गया है !कम से कम निवेश करे और अधिक से अधिक लाभ कमायें !
इस योजना में आप सालाना कम से कम 500 रुपये और अधिक पीपीएफ खाते से पैसे कैसे निकालें? से अधिक 1 .50 लाख रुपये डाल सकतें हैं !तथा इसकी ब्याज दर 7 .1 % प्रतिवर्ष होती है ! इसमे जमा तथा ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता है यह बिलकुल टैक्स फ्री योजना है !
कितने साल तक निवेश करें ?
इस योजना पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड में आप 15 साल तक पीपीएफ खाते से पैसे कैसे निकालें? निवेश कर सकते हैं ! निवेशको को 15 साल तक 500 रुपये से 1.50 लाख रुपये तक का निवेश करना पड़ेगा ! 15 साल ख़त्म होने के बाद भी आप इस खाते को और 5 साल तक आगे चालू रख सकते हैं !
PPF से पैसे निकालने के नियम
यदि आप एक ppf के खाताधारक हैं !और आप इस खाता को चालू रखते है तो इस खाते के जमा/निकासी के कुछ नियम हैं ! जिस दिन आपका खाता खोला जाता है उस दिन से 15 साल पूरे होने पर आपका अकाउंट मेच्युर होता है लेकिन 6 साल की अवधि पूरी होने के बाद आपकी कोई जरुरत पड़ने पर आप कुछ पैसा निकाल सकते हैं !
POST CONCLUSION : (PPF m nivesh ke phayade)
आज आपको इस पोस्ट के पीपीएफ खाते से पैसे कैसे निकालें? माध्यम से बताया गया है !पीपीएफ अकाउंट आपके लिए किस प्रकार फायदेमंद है ! इस अकाउंट को खोलवाने के लिए किन किन दस्तावेजों की जरुरत पड़ती है !कौन कौन इस अकाउंट को खोल सकता है !की विस्तृत जानकारी दी गयी है ! उम्मीद करता हूँ की दी गयी जानकारी आपको समझ आई होगी !यदि आपका कोई प्रश्न है तो आप नीचे कमेंट सेक्शन में कमेन्ट कर पूछ सकते हैं
बंद पड़े पीपीएफ खाते को इस तरह करें फिर से एक्टिव
अगर फाइनेंशियल प्रॉब्लम की वजह से आपके पीपीएफ खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं हो पाया और यह बंद हो गया है तो आप इसे मैच्योरिटी पीरियड से पहले फिर स.
पीपीएफ खाते में हर साल कम से कम 500 रुपये जमा करने की जरूरत होती है। तभी यह एक्टिव रहता है। 15 साल तक यह काम नियमित रूप से करना जरूरी होता है। पीपीएफ खाते में एक फाइनेंशियल इयर में डेढ़ लाख रुपये तक निवेश करने की लिमिट है।
कैसे इनेक्टिव हो जाता है पीपीएफ खाता?
पीपीएफ खाते में सालभर में 500 रुपये जमा करना आवश्यक है, पीपीएफ खाते से पैसे कैसे निकालें? लेकिन किसी साल आपने पैसा नहीं डाला तो उस स्थिति में खाता बंद नहीं हो जाता, बल्कि उस पर आपको पेनाल्टी भरनी पड़ती है। हालांकि यह पेनाल्टी न्यूनतम ही होती है। वहीं अगर आप अपने पीपीएफ अकाउंट में किसी वित्त वर्ष में पैसे डालना भूल जाती हैं या जमा नहीं कर पाती हैं, जिसकी वजह से मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं हो पाता तो यह खाता इनेक्टिव हो जाता है।
हर साल खाते पर मिलता है ब्याज
पीपीएफ में 15 साल बाद मैच्योरिटी की अवधि खत्म होने पर खाताधारक को ब्याज के साथ अपनी रकम मिल जाती है। यह ब्याज हर साल बैलेंस पीपीएफ खाते से पैसे कैसे निकालें? में जुड़ता जाता है। बंद पड़े पीपीएफ खाते तो रीएक्टिव करना पर भी बात लागू होती है। सरकार समय-समय पर ब्याज दरें तय कर रहती है।
मैच्योरिटी की तारीख से पहले अगर आप बंद पड़े पीपीएफ खाते को चालू कराना चाहती हैं तो मैच्योरिटी की तारीख से पहले आप यह काम कभी भी कर सकती हैं। मैच्योरिटी की तारीख आपकी पीपीएफ पासबुक में दर्ज होती है।
मैच्योरिटी से पहले बंद कराया जा सकता है खाता
2016 में पीपीएफ खाते के नियमों में एक अहम बदलाव हुआ है। इसमें सरकार ने कुछ विशेष स्थितियों में मैच्योरिटी के पहले पीपीएफ खाते को बंद करने की अनुमति दी है। इन स्थितियों में किसी जानलेवा बीमारी का इलाज कराने या बच्चे की पढ़ाई के लिए खर्च शामिल हैं। लेकिन इसमें कंडिशन यह है कि पीपीएफ खाते के पांच साल चलने के बाद ही अंशदाता ऐसा कर सकते हैं। हालांकि रुके हुए पीएपीएफ खाते के साथ यह सुविधा नहीं मिलती है, बशर्ते इसे दोबारा चालू ना करा दिया जाए। तीसरे वित्त वर्ष के बाद छठे वित्त वर्ष के खत्म होने तक पीपीएफ खाते में बैलेंस पर लोन लेने की भी सुविधा मिलती है। रुके हुए पीपीएफ खाते में यह फायदा नहीं उठाया जा सकता है।
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अंशधारक ही पास खुलवा सकता है खाता
अगर बंद पड़े पीपीएफ खाते को खाताधारक के अलावा कोई और खुलवाने का प्रयास करता है तो नियमों के तहत पीपीएफ खाते से पैसे कैसे निकालें? उसे इसकी इजाजत नहीं मिलती है। साथ ही कोई महिला दो पीपीएफ खाते नहीं खुलवा सकती हैं।
बंद खाते को चालू कराने की प्रक्रिया
बंद पड़े पीपीएफ खाते को चालू कराने की प्रक्रिया जानना आपके लिए बहुत जरूरी है और इसे अपनाकर आप आसानी से अपना खाता चालू करा सकती हैं। इसके लिए आपको बैंक या पोस्ट आफिस में लिखित एप्लिकेशन देनी पड़ेगी, जहां आपका खाता खुला है। इसमें हर साल के हिसाब से 500 रुपये की पेनाल्टी लगती है। इसी तरह एरियर के भुगतान के तौर पर हर साल के लिए 500 रुपये देने होंगे। जिस साल खाता चालू कराया जा रहा है, उस साल न्यूनतम 500 रुपये सब्सक्रिप्शन के तौर पर देने होते हैं।
आपको क्या करना चाहिए?
सर्टीफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर पंकज मठपाल बताते हैं, 'पीपीएफ खाते में 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है। यह पूरी तरह से सुरक्षित निवेश विकल्प है, इसीलिए इसे किसी भी स्थिति में बंद पीपीएफ खाते से पैसे कैसे निकालें? नहीं होने दें। अगर खाता बंद हो गया है तो बिना देरी किए उसे चालू कराएं। अपनी बचत के पैसों को आप पीपीएफ में डालकर लंबी अवधि के लक्ष्य को हासिल करने में जैसे कि घर बनाने या रिटायरमेंट के समय के जरूरी खर्चों आदि में सहूलियत पा सकती हैं।'