शुरुआती लोगों की मुख्य गलतियाँ

कई समय सीमा विश्लेषण

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डॉ. कमल ने बताया कि रियल टाइम मॉनिटर के माध्यम से व्यक्ति अपने आसपास के सार्वजनिक स्थलों व अन्य जगहों की मौजूदा स्थिति व वहां लोगों की उपस्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में अगर भविष्य में कोरोना वायरस की स्थिति उत्पन्न हुई तो संक्रमण से बचाव के लिए लोग इस परिकल्पना को हथियार के तौर पर प्रयोग कर सकेंगे।

फॉरेस्ट सॉयल हेल्थ कार्ड ऑफ झारखंड का विमोचन करते अतिथि

व्यापार विश्लेषक

Y-AXIS की Y-Tech टीम मोबाइल, क्लाउड और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने वाले सफल उत्पादों/सेवाओं के निर्माण में मदद करने के लिए व्यवसाय विश्लेषक की भूमिका के लिए एक गतिशील और प्रेरित उम्मीदवार की तलाश कर रही है।
व्यावसायिक आवश्यकताओं का विश्लेषण करने के लिए स्थिति जिम्मेदार है,
इन जरूरतों को पूरा करने वाले उत्पाद को लागू करना, परीक्षण करना और वितरित करना।
आप आवश्यकताओं को पकड़ेंगे, विश्लेषण करेंगे और दस्तावेज करेंगे और प्रासंगिक हितधारकों के साथ इन आवश्यकताओं के संचार और वितरण का समर्थन करेंगे। व्यवसाय की जरूरतों को पूरा करने वाले मिशन-महत्वपूर्ण परियोजनाओं और उत्पादों को बनाने और वितरित करने के लिए व्यवसाय से लेकर विकास तक के संचालन तक विविध टीमों के साथ काम करें।

आपके पास उत्कृष्ट मौखिक और लिखित कौशल होंगे, संबंध निर्माण, वार्ता, एक कुशल राजनयिक, एक समस्या समाधानकर्ता, एक विचारक और विश्लेषक में कुशल होंगे। बदले में, हम आपको विकास के अवसरों के साथ एक रोमांचक और तेज़ गति वाले संगठन कई समय सीमा विश्लेषण में एक उत्तेजक और सकारात्मक कार्य वातावरण प्रदान करेंगे जो चुनौती और पुरस्कृत करता है।

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GSLV-F10/EOS-03 मिशन विफलता: विफलता विश्लेषण समिति निष्कर्ष और सिफारिशों को प्रस्तुत करती है होम /मीडिया अपडेट GSLV-F10/EOS-03

GSLV-F10/EOS-03 मिशन ने सामान्य रूप से 26 घंटे की चिकनी गिनती के बाद 12 अगस्त 2021 को 0543 बजे श्रीहरिकोटा से बंद कर दिया। उड़ान में, प्रथम चरण (GS1) का प्रदर्शन, स्ट्रैप-ऑन चरणों (L40) और दूसरे चरण (GS2) संतोषजनक थे और प्री-फ्लाइट भविष्यवाणियों के अनुसार। हालांकि, ऑनबोर्ड कंप्यूटर ने मिशन विफलता के लिए अग्रणी उड़ान में 307 सेकंड में मिशन की घोषणा की।

प्रक्षेपण के तुरंत बाद किए गए पोस्ट-फ्लाइट डेटा के साथ प्रारंभिक जांच ने संकेत दिया कि क्रायोजेनिक ऊपरी चरण में एक विसंगति मिशन को समाप्त कर दिया। एक राष्ट्रीय स्तर की विफलता विश्लेषण समिति (एफएसी) जिसमें अकादमिक और इसरो के विशेषज्ञों को शामिल किया गया था, का गठन विसंगति के कारणों की पहचान करने और कई समय सीमा विश्लेषण भविष्य के मिशन के लिए सही कार्रवाई की सिफारिश करने के लिए किया गया था। FAC ने लॉन्च कॉम्प्लेक्स में स्टेज तैयारी से संबंधित सभी डेटा के साथ उड़ान डेटा की पूरी तरह समीक्षा की है, जो लिफ्ट-ऑफ की गिनती है। विफलता विश्लेषण समिति ने GSLV-F10 उड़ान परिदृश्य के बहुत करीब स्थितियों को अनुकरण करने और समिति के निष्कर्षों को मान्य करने के लिए कंप्यूटर सिमुलेशन और पुष्टित्मक ग्राउंड परीक्षण की एक श्रृंखला की सिफारिश की। इसके बाद, संबंधित टीमों ने सिमुलेशन और ग्राउंड टेस्ट पूरा कर लिया है और परिणाम प्रस्तुत किया है, जिसके आधार पर FAC ने अपने विचार को पूरा कर लिया है और 24 मार्च, 2022 को इसके निष्कर्ष और निष्कर्ष प्रस्तुत किए हैं।

Research: महामारी से बचा सकती है रीयल टाइम मॉनिटरिंग, PGI ने गूगल मोबिलिटी डाटा का प्रयोग कर किया शोध

कोरोना

कोरोना महामारी में पीजीआई के विशेषज्ञों ने एक तरफ जहां मरीजों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना काम किया, वहीं इस जानलेवा वायरस से बचाव के लिए गूगल मोबिलिटी के डाटा को हथियार बनाकर रीयल टाइम मॉनिटरिंग की परिकल्पना को साकार किया। इससे कोविड ही नहीं, इसके जैसी अन्य संक्रामक बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है।

रीयल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम को मूर्त रूप देने के लिए पीजीआई बायो स्टैटिक्स विभाग के डॉ. कमल किशोर ने संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर विपिन कौशल के मार्गदर्शन में शोध किया। इसमें उन्होंने कोविड-19 की पहली लहर के दौरान लॉकडाउन और फिर अनलॉक की समय सीमा के बीच देशभर के लोगों की स्थिति का आकलन किया। इसके आधार पर यह परिणाम पाया कि अगर महामारी या फिर आपात स्थिति के दौरान रीयल टाइम मॉनिटरिंग कांसेप्ट को जारी कर दिया जाए तो बचाव आसानी से किया जा सकता है।

विस्तार

कोरोना महामारी में पीजीआई के विशेषज्ञों ने एक तरफ जहां मरीजों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना काम किया, वहीं इस जानलेवा वायरस से बचाव के लिए गूगल मोबिलिटी के डाटा को हथियार बनाकर रीयल टाइम मॉनिटरिंग की परिकल्पना को साकार किया। इससे कोविड ही नहीं, इसके जैसी अन्य संक्रामक बीमारियों पर काबू कई समय सीमा विश्लेषण पाया जा सकता है।

रीयल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम को मूर्त रूप देने के लिए पीजीआई बायो स्टैटिक्स विभाग के डॉ. कमल किशोर ने संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर विपिन कौशल के मार्गदर्शन में शोध किया। इसमें उन्होंने कोविड-19 की पहली लहर के दौरान लॉकडाउन और फिर अनलॉक की समय सीमा के बीच देशभर के लोगों की स्थिति का आकलन किया। इसके आधार पर यह परिणाम पाया कि अगर महामारी या फिर आपात स्थिति के दौरान रीयल कई समय सीमा विश्लेषण टाइम मॉनिटरिंग कांसेप्ट को जारी कर दिया जाए तो बचाव आसानी से किया जा सकता है।

कई समय सीमा विश्लेषण

ANNOUNCEMENT of PT: NRL/PT-FV/2022/Curry leaf-1

पीटी की घोषणा: एनआरएल / पीटी-एफवी / 2022 कई समय सीमा विश्लेषण / करी पत्ता -1

ANNOUNCEMENT of PT: NRL/PT-FV/2022/Curry leaf-1

कीटनाशक अवशेष विश्लेषण के लिए करी पत्ता होमोजेनेट में प्रवीणता परीक्षण कार्यक्रम

भाकृअनुप-राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र , पुणे में राष्ट्रीय रेफरल प्रयोगशाला को करी पत्ता होमोजेनेट में कीटनाशक अवशेषों के विश्लेषण के लिए प्रवीणता परीक्षण (पीटी) कार्यक्रम के आयोजन की घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है। इच्छुक प्रयोगशालाओं से अनुरोध है कि वे भुगतान विवरण के साथ विशिष्ट कई समय सीमा विश्लेषण दिशानिर्देश दस्तावेज में उल्लिखित समय सीमा के भीतर पंजीकरण करें। भुगतान विवरण के बिना पंजीकरण फॉर्म स्वीकार नहीं किया जाएगा। परीक्षण आइटम (करी पत्ता होमोजेनेट , लगभग.100 ग्राम) पंजीकरण प्रपत्र में उल्लिखित "परीक्षण वस्तुओं के शिपमेंट के लिए पता" पर भेज दिया जाएगा।

बालमुकुंद स्पंज आयरन फैक्ट्री : झारखंड, बिहार व बंगाल के 14 ठिकानों पर तीसरे दिन IT की रेड, दस्तावेज जब्त

कई जगहों से मिट्टी का सैंपल लेकर किया गया विश्लेषण

देहरादून के वन अनुसंधान केंद्र के राष्ट्रीय परियोजना समन्वयक डॉ विजेंदर पाल पवार ने कहा कि कई जगहों से मिट्टियों का सैंपल लेकर जांच की गयी है. इसके बाद उनका विश्लेषण किया गया है. वन मृदा स्वास्थ्य कार्ड कई समय सीमा विश्लेषण के निर्माण का मुख्य उद्देश्य मिट्टी की उर्वरता संबंधी परेशानियों का निदान करना है. इसका लाभ वनों के किनारे रहने वाले ग्रामीणों को मिलेगा. इस अवसर पर वन उत्पादकता संस्थान के प्रधान अन्वेषक डॉ शंभुनाथ मिश्रा ने कहा कि जीआईएस और रिमोट सेंसिंग की मदद से झारखंड के 31 प्रादेशिक वन प्रमंडलों से कई समय सीमा विश्लेषण 1311 स्थानों से मिट्टी के नमूनों को एकत्र किया गया. इसके बाद संस्थान की प्रयोगशाला में 16670 मृदा का विश्लेषण किया गया.

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