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रुझान रेखाएं

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रुझान रेखाएं

राजस्थान सरकार के राजस्थान राज्य लोक उपापन पोर्टल को राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम 2012 की धारा 17 के प्रावधानों के अनुसार स्थापित किया गया है। सरकारी लोक उपापन की जानकारी प्राप्त करने के लिए यह पोर्टल आम जनता के लिए सुलभ है जिसके तहत राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन सभी विभागों / उपक्रमों / निकायों तथा बोर्ड इत्यादि द्वारा माल, निर्माण और सेवा संबंधी उपापनों की प्रक्रिया की जानकारी सार्वजनिक रूप में प्राप्त की जा सके। राज्य लोक उपापन पोर्टल विभागों / उपक्रमों के लिए प्रावधानों को बोली-दस्तावेज़, पूर्व-अर्हता दस्तावेज़, बोली लगाने वाले के रजिस्ट्रीकरण दस्तावेज़, बोली दस्तावेज़ तथा उसके संशोधन स्पष्टीकरण जो बोली पूर्व सम्मेलन के अनुसरण में हो और उसके शुद्धिपत्र, प्रकाशित करता है। पूर्व-अर्हता और यथास्थिति रजिस्ट्रीकृत बोली लगाने वालों की सूची, धारा 25 के अधीन कारण अपवर्जित बोली लगाने वालों की सूची, व धारा 38 व 39 के अधीन निराकरण, संविदा का अधिनिर्णय और सफल बोली लगाने वालों का ब्यौरा तथा बोली लगाने वाले जिन्हें विवर्जित किया गया है, के दस्तावेज़ उपलब्ध कराता है।

इस पोर्टल का प्रथम उद्देश्य समस्त सरकारी विभागों / उपक्रमों को लोक उपापन संबंधी सूचनाओं को प्रकाशित करने का एकल बिन्दु उपलब्ध कराना है ताकि आम जनता को जानकारी प्राप्त हो सके।

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यह निर्धारित करने के लिए Google रुझान Google वेब खोजों के नमूने का विश्लेषण करता है कि निश्चित अवधि में कितनी खोजें की गईं हैं।

उदाहरण के लिए, यदि आप ज़िका वायरस के बारे में स्टोरी कर रहे हैं और आप देखना चाहते हैं कि इस विषय पर खोजों में हाल में वृद्धि हुई है या नहीं, तो पिछले 90 दिन चुनें। रुझान उन पैरामीटरों के भीतर ज़िका वायरस की सभी खोजों के नमूने का विश्लेषण करता है।

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जब आप रुझान पर किसी शब्द की खोज करते हैं, तो आपको समय के साथ (लगभग) वास्तविक समय में शब्द की लोकप्रियता दिखाते हुए ग्राफ़ दिखाई देगा। ग्राफ़ पर अपने माउस होवर करने से एक नंबर प्रकट होगा, जो दर्शाता है कि Google पर की गई खोजों की कुल संख्या के सापेक्ष विशेष शब्द के लिए कितनी खोजें की गई हैं।

ग्राफ़ पर संख्याएँ पूर्ण खोज मात्रा संख्याओं का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं, क्योंकि डेटा को सामान्यीकृत किया जाता है और 0-100 से स्केल पर प्रस्तुत किया जाता है, जहाँ ग्राफ़ पर प्रत्येक बिंदु उच्चतम बिंदु, या 100 से विभाजित किया जाता है। ग्राफ़ के शीर्ष पर खोज शब्द की बगल में संख्याएँ योग, या कुल संख्याएँ हैं।

नीचे की ओर रुझान की रेखा का मतलब है कि खोज शब्द की सापेक्ष लोकप्रियता घट रही है - लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि उस शब्द की खोजों की कुल संख्या घट रही है, लेकिन यह कि अन्य खोजों की तुलना में इसकी लोकप्रियता घट रही है।

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जब आप रुझान पर अनेक शब्दों की खोज करते हैं, तो आप तुलनात्मक मानचित्र देखेंगे, जो दिखाएगा कि प्रत्येक क्षेत्र में कौन-सा शब्द या विषय सबसे अधिक खोजा गया है।

स्टेप 1
समय तुलना में रुचि। आइए हम खोज शब्दों ज़िका वायरस और मलेरिया की तुलना करें। आप पाएँगे कि समय के साथ, मलेरिया में स्थिर क्वेरी दर दिखाई देती है, जबकि जनवरी 2016 में भारी वृद्धि होने तक ज़िका की शायद ही कभी खोज हुई थी।

स्टेप 2
उप-क्षेत्र द्वारा तुलनात्मक विभाजन: प्रत्येक क्षेत्र की रंग तीव्रता उस क्षेत्र में अग्रणी खोज शब्द की खोजों का प्रतिशत दर्शाती है। इस उदाहरण से पता चलता है कि अमेरिका में ज़िका वायरस अधिक लोकप्रिय खोज शब्द था, जबकि मलेरिया एशिया में अपेक्षाकृत अधिक लोकप्रिय था।

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आपके परिणाम पृष्ठ के तल पर, संबंधित क्वेरी चार्ट आपको किसी भी विषय या रुझान स्टोरी से संबंधित शीर्ष और उभरते शब्द दिखा सकता है।

राइजिंग टैब उन शब्दों का प्रतिनिधित्व करता है, जिन्हें आपके द्वारा दर्ज किए गए शब्द के साथ खोजा गया था और जिसमें चयनित समय अवधि में मात्रा में सबसे महत्वपूर्ण वृद्धि हुई थी। आप पिछली समय अवधि की तुलना में राइजिंग शब्द की वृद्धि का प्रतिशत देखेंगे। यदि आप प्रतिशत के बजाय "ब्रेकआउट" देखते हैं, तो इसका मतलब है कि खोज शब्द 5000% से अधिक बढ़ गया है।

प्रतिशत चयनित समय-सीमा में खोज रुचि में प्रतिशत वृद्धि पर आधारित हैं। यदि आप पिछले 7 दिनों में देख रहे हैं, तो खोजों में वृद्धि के लिए बेंचमार्क 7 दिन पहले का होगा; अगर यह पिछले 30 दिनों का था, तो बेंचमार्क 30 दिन पहले का होगा। एकमात्र अपवाद तब होता है, जब पूर्ण इतिहास (2004-वर्तमान) देखते हैं, जब प्रतिशत 2004 पर बेंचमार्क किया जाता है।

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'अक्षय ऊर्जा की जीवन रेखा, विश्व को निकाल सकती है जलवायु संकट से बाहर'

जर्मनी में एक पवन ऊर्जा केंद्र.

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) का कहना है कि वर्ष 2021 के दौरान, जलवायु परिवर्तन के चार प्रमुख संकेतकों – ग्रीनहाउस गैस की सघनता, समुद्री जल स्तर में वृद्धि, महासागरों का बढ़ता तापमान और अम्लीकरण (रासायनिक वृद्धि) ने नया रिकॉर्ड स्थापित किया है. यूएन एजेंसी के अनुसार यह दर्शाता है कि मानव गतिविधियों के कारण भूमि, महासागर व वातावरण में व्यापक बदलाव हो रहे हैं, जिसके टिकाऊ विकास व पारिस्थितिकी तंत्रों पर दीर्घकालीन दुष्परिणाम होंगे.

#Climatechange affects everyone and everything on the planetGreenhouse gas levels, ocean heat and acidification, sea level rise at record levels in 2021We can still limit the the damage#ClimateActionNow for the sake of future generations#StateofClimatehttps://t.co/IRebfExc6e pic.twitter.com/RHGmKJhNXM

बुधवार को जारी की गई ‘WMO State of the Global Climate in 2021’ रिपोर्ट बताती है कि पिछले सात वर्षों ने अब तक के सर्वाधिक गर्म साल होने का रिकॉर्ड स्थापित किया है.

बदलती जलवायु का प्रत्यक्ष रूप, रोज़मर्रा के जीवन में चरम मौसम की घटनाओं में देखने को मिलता है, जिनकी वजह से सैकड़ों अरब डॉलर का नुक़सान हुआ है और मानव जीवन व कल्याण को भी भीषण क्षति पहुँची है.

साथ ही, खाद्य व जल सुरक्षा के लिये चुनौतियाँ उत्पन्न हुई है और विस्थापन बढ़ा है – 2022 में इसमें वृद्धि हुई है.

वर्ष 2021 के आरम्भ औक अन्त में ला नीन्या प्रभाव के कारण, 2021 सात सबसे गर्म सालों में से ‘केवल’ एक ही साबित हुआ. ला नीन्या की वजह से शीतलन प्रभाव देखा गया, मगर बढ़ते तापमान के रुझान में बदलाव नहीं आया है.

2021 में औसत वैश्विक तापमान में पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में लगभग 1.11 °C अधिक देखा गया है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जलवायु व्यवधान से निपटने में मानवता की विफलताओं पर क्षोभ व्यक्त करते हुए ध्यान दिलाया कि हालात की गम्भीरता के मद्देनज़र, आसानी से लागू किये जा सकने वाले उपाय जल्द अपनाए जाने होंगे.

इस क्रम में, ऊर्जा प्रणालियों की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को समाप्त करने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दिये जाने पर बल दिया है.

नवीकरणीय ऊर्जा के लिये योजना

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि पवन और सौर ऊर्जा जैसी अक्षय ऊर्जा टैक्नॉलॉजी एकदम तैयार हैं, और अधिकांश मामलों में कोयला व अन्य जीवाश्म ईंधनों की तुलना में सस्ती हैं.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने ऊर्जा स्रोतों में बदलाव की दिशा में आगे बढ़ने के लिये पाँच महत्वपूर्ण उपाय सुझाए हैं, जिन्हें उन्होंने 21वीं सदी की शान्ति परियोजना क़रार दिया है.

वायु चालित संयंत्रों से नवीनीकृत ऊर्जा निर्मित होने से कोयला आधारित बिजली पर निर्भरता कम होती है.

- नवीकरणीय ऊर्जा टैक्नॉलॉजी को वैश्विक सार्वजनिक कल्याण के रूप में देखा जाना

इसका अर्थ है कि ज्ञान के आदान-प्रदान और टैक्नॉलॉजी हस्तान्तरण के रास्ते में अवरोधों को दूर करना, जिनमें बौद्धिक सम्पदा के विषय में रुकावटें भी हैं.

उन्होंने बैट्री भण्डारण के लिये सरकारों के नेतृत्व में एक वैश्विक गठबन्धन की पुकार लगाई है, जिसके तहत टैक्नॉलॉजी कम्पनियों, विनिर्माताओं, वित्त पोषकों को नवाचार व तैनाती के लिये एक साथ आना होगा.

- नवीकरणीय ऊर्जा टैक्नॉलॉजी के लिये कच्चे माल की उपलब्धता और ज़रूरी पुर्ज़ों व सामग्री की आपूर्ति श्रंखला का विस्तार

यूएन प्रमुख ने कहा है कि नवीकरणीय ऊर्जा टैक्नॉलॉजी और कच्चे माल के लिये आपूर्ति श्रंखला, कुछ ही देशों में केन्द्रित है. इस अवरोध पर पार पाने के लिये व्यापक स्तर पर अन्तरराष्ट्रीय समन्वय स्थापित किये जाने का आग्रह किया गया है.

- जीवाश्म ईंधन आधारित लालफ़ीताशाही में सुधार और नए ढाँचे का निर्माण

यूएन प्रमुख ने सरकारों से सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को स्वीकृति देने की प्रक्रिया को गति प्रदान करने, उसे सुसंगत बनाने, ग्रिड का आधुनिकीकरण करने, महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य स्थापित करने का आहवान किया है, ताकि निवेशकों, विकासकों, उपभोक्ताओं व उत्पादकों को निश्चितता का एहसास कराया जा सके.

- जीवाश्म ईंधन से अनुदान को दूर हटाना

हर वर्ष, दुनिया भर में सरकारों द्वारा क़रीब 500 अरब डॉलर का अनुदान दिया जाता है ताकि जीवाश्म ईंधन की क़ीमतों को कृत्रिम रूप से कम रखा जा सके. यह रक़म, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की तुलना में तीन गुना ज़्यादा है, जिसे रोके जाने की अपील की गई है.

- नवीकरणीय ऊर्जा में तीन गुणा निजी व सार्वजनिक निवेश

यूएन प्रमुख ने जोखिम ढाँचे में बदलाव करने और नवीकरणीय वित्त पोषण का दायरा व स्तर बढ़ाने के लिये लचीलेपन का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि यह समय, देर होने से पहले ही नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ने का है.

ऊर्जा संयंत्रों से कार्बन उत्सर्जन, वैश्विक तापमान में वृद्धि का एक बड़ा कारण है.

जलवायु आपात स्थिति

विश्व मौसम विज्ञान संगठन की यह रिपोर्ट ऐसे समय में प्रकाशित हुई है जब चरम मौसम से हाल के दिनों में करोड़ों लोग प्रभावित हुए हैं.

हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में सूखे के कारण आपात स्थिति है, दक्षिण घातक बाढ़ से जूझ रहा है जबकि भारत रुझान रेखाएं और पाकिस्तान भीषण गर्मी में झुलस रहे हैं.

बताया गया है कि यूएन एजेंसी की नवीनतम रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में वार्ता दस्तावेज़ के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, जोकि इस वर्ष मिस्र में आयोजित होगा.

यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी के महासचिव पैटेरी टालस ने कहा कि कुछ ही समय में एक और सर्वाधिक गर्म साल देखने को मिल सकता है.

“हमारी जलवायु हमारी आँखों के सामने बदल रही है. मानव-जनित ग्रीनहाउस गैस में एकत्र ताप के कारण, ग्रह आने वाली कई पीढ़ियों तक गर्म होता रहेगा.”

कुछ हिमनद में पिघलाव इतना भीषण है कि उसे उलट पाना सम्भव नहीं है, जिसके दीर्घकालीन दुष्परिणाम होने की आशंका है. उन्होंने सचेत किया कि इस संकट को टालने के लिये वातावरण में एकत्र कार्बन को हटाया जाना होगा.

फ़िजी में एक समृद्ध प्रवाल

रिपोर्ट के कुछ अहम निष्कर्ष इस प्रकार हैं:

- ग्रीनहाउस गैस सघनता का स्तर वर्ष 2020 में 413.2 पार्ट्स प्रति मिलियन पहुँच गया जोकि अब तक का सर्वाधिक स्तर है, और पूर्व-औद्योगिक काल (1850-1900) के स्तर की तुलना में 149 फ़ीसदी अधिक है.

- वैश्विक वार्षिक औसत तापमान को वर्ष 2021 में, पूर्व-औद्योगिक काल के औसत की तुलना में 1.11 (±0.13 °C) डिग्री सेल्सियस अधिक आँका गया है.

साल के आरम्भ और अन्त में ला नीन्या के शीतलन प्रभाव के कारण यह अन्य वर्षों की तुलना में कम है. वर्ष 2015 से 2021, पिछले सात वर्षों ने अब तक के सर्वाधिक गर्म साल होने का रिकॉर्ड बनाया है.

- महासागर ताप रिकॉर्ड स्तर पर है. महासागर के ऊपरी 2000 मीटर की गहराई तक तापमान का वर्ष 2021 में बढ़ना जारी रहा और यह भविष्य में भी जारी रहने की सम्भावना है. डेटा दर्शाता है कि पिछले दो दशकों में महासागरों के गर्म होने की गति में तेज़ी आई है.

- मानव-जनित कार्बन डाइ ऑक्साइड के कुल वैश्विक उत्सर्जन का 23 फ़ीसदी महासागरों द्वारा सोखा जा रहा है, जिससे महासागर अम्लीकरण होता है और समुद्री जीवन व पारिस्थितिकी सेवाओं पर असर पड़ता है. खाद्य सुरक्षा, पर्यटन व तटीय संरक्षण के नज़रिये से भी यह चिन्ताजनक है.

- औसत समुद्री जल स्तर वर्ष 2021 में रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गया. वर्ष 2013-2021 की अवधि में यह औसतन 4.5 मिलिमीटर प्रति वर्ष की दर से बढ़ा है. 1993-2002 की तुलना में जल स्तर में वृद्धि की यह दोगुनी रफ़्तार है, जिसकी वजह, जमे हुए पानी की परतों को पहुँच रही क्षति में आई तेज़ी है.

Someshwar Election 2022 Final Result: सोमेश्वर सीट से कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या जीतीं, कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र बाराकोटी को 5,293 वोटों से हराया

Someshwar MLA Vidhan Sabha Election Result 2022 LIVE Updates : सोमेश्वर सीट पर 2017 में भी बीजेपी की रेखा आर्या और कांग्रेस के राजेंद्र बाराकोटी आमने-सामने थे. उस चुनाव में दोनों के बीच हार-जीत का अंतर मात्र 710 वोटों का रहा था और रेखा आर्या ने जीत दर्ज की थी.

Someshwar Election 2022 Final Result: सोमेश्वर सीट से कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या जीतीं, कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र बाराकोटी को 5,293 वोटों से हराया

TV9 Bharatvarsh | Edited By: दीपक पोखरिया

Updated on: Mar 11, 2022 | 2:46 AM

सोमेश्‍वर चुनाव परिणाम 2022 LIVE Updates in Hindi: उत्‍तराखंंड व‍िधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election) में सोमेश्वर व‍िधानसभा सीट (Someshwar Assembly Seat) पर बीजेपी उम्मीदवार रेखा आर्या ने जीत दर्ज की है. रेखा आर्या (Rekha Arya) ने कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र बाराकोटी को 5,293 वोटों से हराया है. रेखा आर्या को 26,161 वोट और राजेंद्र बाराकोटी को 20,868 वोट मिले. इससे पहले रुझानों में रुझान रेखाएं भी रेखा आर्या ही आगे चल रही थी. सोमेश्वर (Someshwar) उत्‍तराखंड की आरक्ष‍ित सीटों में शुमार हैं, ज‍िसके तहत इस सीट पर अनुसूच‍ित जात‍ि के उम्‍मीदवार ही चुनाव लड़ सकते हैं. असल में बीजेपी के लोकसभा सांसद अजय टम्‍टा और कांग्रेस के राज्‍यसभा सांसद प्रदीप टम्‍टा की ये परंपरागत सीट है. दोनों ही इस सीट से पूर्व में व‍िधायक रह चुके हैं.

बीजेपी की मह‍िला दल‍ित फेस बन कर उभरी हैं रेखा आर्या

उत्‍तराखंड की राजनीत‍ि में रेखा आर्या क‍िसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. वो सोमेश्वर से बीजेपी के ट‍िकट पर दो बार व‍िधायक न‍िर्वाच‍ित हो चुकी हैं. 2012 में उन्‍होंने कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी के अजय टम्‍टा के सामने न‍िर्दलीय चुनाव लड़ा था. ज‍िसमें वह दूसरे स्‍थान पर रही थी. 2014 में अजय टम्‍टा के सांसद न‍िर्वाच‍ित होने के बाद हुए उपचुनाव में रेखा आर्या कांग्रेस के ट‍िकट पर व‍िधायक बनीं, लेक‍िन 2016 में उन्‍होंने बीजेपी का दामन थाम ल‍िया. इसके बाद बीजेपी ने उन्‍हें 2017 का चुनाव अपने स‍िंबल पर सोमेश्वर से लड़ाया, ज‍िसमें उन्‍हें व‍िजय म‍िली. इस जीत के बाद रेखा आर्या को उत्‍तराखंड सरकार में कैबि‍नेट मंत्री बनाया गया.

कांग्रेस का भरोसा बन कर उभरे हैं राजेंद्र बाराकोटी

सोमेश्वर सीट पर कांग्रेस ने इस बार भी राजेंद्र बाराकोटी पर दांव लगाया है. राजेंद्र बाराकोटी ने 2017 में भी कांग्रेस के ट‍िकट पर सोमेश्वर से चुनाव लड़ा था. असल में राजेंद्र बाराकोटी उत्‍तराखंड कांग्रेस का दल‍ित चेहरा हैं और वो सोमेश्वर में कांग्रेस का भरोस बन कर उभरे हैं. कांग्रेस ने राज्‍यसभा सांसद प्रदीप टम्‍टा की दावेदारी के बीच इस बार भी राजेंद्र बाराकोटी पर दांव लगाया है. उनकी क्षेत्र में मजबूत पकड़ है. इस चुनाव में भी उन्‍हें भरपूर जनसमर्थन म‍िला है. ज‍िसके बाद से इस सीट पर कांटे के मुकाबले का अनुमान लगाया जा रहा है.

2017 में आर्या और बाराकोटी के बीच हुई थी कांटे की जंग

सोमेश्वर सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्‍कर होती रही है. अभी तक हुए इस सीट पर एक उपचुनाव को म‍िलाकर 6 चुनाव हो चुके हैं. ज‍िसमें से 5 के पर‍िणाम जारी हो चुके हैं. छठा चुनाव 2022 का है. इसमें से तीन चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की है, तो 2 चुनाव में कांग्रेस व‍िजय हुई है. वहीं 2017 में इस सीट पर बीजेपी की रेखा आर्या और कांग्रेस के राजेंद्र बाराकोटी के बीच मुकाबला हुआ है. 2017 में रेखा आर्या ने राजेंद्र बाराकोटी को मात्र 710 वोटों के अंतर से हराया था.

कुल मतदाता

सोमेश्वर व‍िधानसभा अल्‍मोड़ा ज‍िले की 6 व‍िधानसभा सीटों में शुमार है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार इस व‍िधानसभा सीट पर कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्‍या 85826 है, ज‍िसमें पुरुष मतदाताओं की संख्‍या 43961 है, जबक‍ि 41865 मह‍िला मतदाता इस सीट पर पंजीकृत हैं.

महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने NCWEB को सराहा, कहा- शिक्षा ने दिए लड़कियों के सशक्तीकरण को पंख

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। नान कालेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (Non Collegiate Women’s Education) Board) के प्रति छात्राओं का रुझान बढ़ा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, NCWEB के तहत तकरीबन 9000 छात्राओं ने पीडीपी कार्यक्रम के लिए पंजीकरण कराया है। इसकी कक्षाएं आनलाइन मोड के तहत आयोजित की जाएंगी।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा रुझान रेखाएं ने गैर-कालेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड की छात्राओं के लिए क्षमता निर्माण और व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के दौरान कहा कि महिलाएं देश की लगभग आधी आबादी हैं। ऐसे में उनका शिक्षा के जरिये सशक्तीकरण देश को विकास के पथ पर ले जाने के लिए बहुत जरूरी है।

रेखा शर्मा ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग का ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को समर्थन देने का मकसद छात्राओं को एक मंच प्रदान करना भी है। इस मंच के जरिये छात्राएं बोलने के साथ कार्य करने का कौशल और डिजिटल उपकरण भी सीख सकती हैं।

उधर, स्थायी समिति के अध्यक्ष, एनसीडब्ल्यूईबी और दिल्ली विश्वविद्यालय के कालेजों के डीन प्रो. बलराम पाणि ने कहा कि इस तरह के व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम विशेष रूप से एनसीडब्ल्यूईबी की छात्रओं के लिए नियमित अंतराल पर आयोजित किए जाने चाहिए।

डीयू में पढ़ रही एनसीडब्ल्यूईबी से जुड़ी 30,000 से अधिक छात्राएं

वहीं, एनसीडब्ल्यूईबी की निदेशक प्रो. गीता भट्ट ने कहा कि बड़ी संख्या में एनसीडब्ल्यूईबी की छात्राएं पिछड़े सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि से आती हैं। ऐसे में इस तरह के व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम उनके लिए बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। गीता भट्ट के मुताबिक, फिलहाल 31,000 से अधिक छात्राएं एनसीडब्ल्यूईबी के जरिये दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ रही हैं।

पेशेवर करियर कौशल को शामिल करने पर जोर

आनलाइन कार्यक्रम को लेकर उन्होंने कहा कि एनसीडब्ल्यूईबी व्यक्तिगत क्षमता निर्माण के साथ पेशेवर करियर कौशल को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके तहत विशेष रोजगार के लिए अपना बायो डेटा तैयार करने के अलावा, समूह चर्चा में भाग लेना भी शामिल होगा।

उन्होंने बताया कि कार्यशाला में डिजिटल साक्षरता के साथ-साथ इंटरनेट मीडिया के प्रभावी इस्तेमाल पर भी एक सत्र भी शामिल है। इस दौरान इसमें शामिल छात्राओं को विभिन्न भुगतान गेटवे के बारे में भी सिखाया जाएगा।

कार्यक्रम में एनसीडब्ल्यूईबी के केंद्र प्रभारी और अतिथि अध्यापक भी उपस्थित थे, जबकि कार्यक्रम का संचालन डा. उमाशंकर (रुझान रेखाएं उप- निदेशक, एनसीडब्ल्यूईबी) ने किया। वहीं, कार्यक्रम के अंत में डा. सुनील कुमार (केंद्र प्रभारी, दीन दयाल उपाध्याय) ने इस आयोजन में शामिल होने के लिए सबका धन्यवाद दिया।

NCWEB

After the establishment of the University of Delhi in 1922, an amendment of the Delhi University Act in 1943, Women students were enabled to give examinations with special coaching but without attending regular classes. This gave shape to the Non­-Collegiate Women’s Education Board (NCWEB).

Latest News

  • NCWEB 1st Special Cut-off List 2022-23
  • Third cut-off List of Admission 2022-23
  • Datesheet for Semester V/III/I (Admission in 2019,2020 & 2021) withdrawn for NCWEB Students
  • Filling up examination form for Regular& NCWEB students of semester III/V/VII/IX of all under Graduate(UG) & Post Graduate (PG) Programmes alongwith the Essential Repeaters, Improvement and Ex-students I/III/V/VII/IX under CBCS & CBCS(LOCF) Scheme for the Academic Session 2022-2023.
  • Notification No. Aca. I 084-085/ 093-Ord. IV/ 720 dated 11.10.2022 related to Ordinance – IV of the University (Migration & Re-admission)

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G. T. B. Rd, University of Delhi, Delhi 110007

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