स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है

तो अगर आप शेयर बाजार में काम करना चाहते हैं।
Zerodha के CEO ने बताया कि ट्रेडिंग में नुकसान से बचने के लिए स्टॉप लॉस के इस्तेमाल का तरीका
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग के दौरान ऐसी उन रिस्क को कवर करना बेहतर होता है जिन पर नियंत्रण किया जा सकता है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 27 सितंबर से ऑप्शंस के लिए स्टॉप लॉस मार्केट ऑर्डर उपलब्ध नहीं होगा स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है और इस वजह से ब्रोकिंग फर्म Zerodha के फाउंडर और CEO नितिन कामत ने इनवेस्टर्स को स्टॉप लॉस ऑर्डर का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है।
कामत ने बताया कि जल्दबाजी में किए जाने वाले ट्रेड में नुकसान से बचने के लिए इनवेस्टर्स को मार्केट के बजाय लिमिट ऑर्डर और स्टॉप लॉस मार्केट के बजाय स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में अधिकतर ब्रोकरेज फर्में वोलैटिलिटी अधिक होने और कॉस्ट बढ़ने के रिस्क के कारण ऑप्शंस के लिए स्टॉप लॉस स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है मार्केट और मार्केट ऑर्डर की सुविधा नहीं देती।
स्टॉपलॉस क्या होता हैं :-
तो दोस्तों ‘स्टॉपलॉस’ यह ट्रेडिंग की एक विशेष प्रकार की सुविधा है जो केवल हमें इस ‘इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म’ के माध्यम से देखने को मिली हैं, इसके नाम स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है से ही पता चलता है की यह हमारे ट्रेडिंग लोस को रोकता है जिनसे हम हमारी नुकसानी को कम कर सकते हैं
इसको आगे हम इनके कुछ उदाहरणों के साथ भी समजेंगे फिलहाल, हमें यह समजना होंगा की यह होता क्या है और स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है स्टॉक मार्केट में इसको कैसे प्रयोग करें
‘स्टॉपलॉस’ का इस्तेमाल ज्यादातर Intraday Trading में किया जाता हैं, यह शेयरों की खरीदी और बिकवाली दोनों पर अप्लाई किया जा सकता हैं, इसमें एक बात का अवश्य ध्यान रखे की हम इस टोपिक में केवल BSE/NSE के Cash Market की बात कर रहे है नाकी Future & Option Trading की तो चलिए इसीके साथ आगे बढ़ते हैं
पहले तो इसका इस्तेमाल हमारें ब्रोकर्स के द्वारा या खुद मोबाइल ट्रेडिंग के जरिये भी कर सकते हैं, तो स्टॉपलॉस का इस्तेमाल खरीदी और बिकवाली दोनों पोजीशन पर किया जा सकता हैं
Stop – Loss की प्रेक्टिकल समज :-
‘स्टॉपलॉस’ को थोडा प्रेक्टिकली समजते है मानलीजिये किसी स्टॉक को हमने इंट्राडे पर ख़रीदा है जिनसे मार्केट खत्म होने से पहले उसे बेचना जरुरी होना मगर हम उस स्टॉक पर मार्केट क्लोजिंग तक रुकना चाहते है
साथ ही हमने यह भी नक्की किया है की इस स्टॉक पर यदि लोस होंगा तो वो केवल इतनाही होंगा तो इसके लिए हमें स्टॉक खरीदने के तुरंत बाद उसको बेचने का स्टॉपलॉस लगा देना चाहिए
अब एक बात का अवश्य ध्यान रखे की Pending Order (Limit) और Stop – Loss Order (Limit) दोनों एक सिक्के के दो पहलु हैं, अब मार्केट सौदे के अलावा यह दोनों ऑर्डर Limit कहे जायेंगे
अब उस स्टॉक पर स्टॉपलॉस की प्राइस कैसे नक्की की जाती हैं तो उस स्टॉक के Current Market Price (CMP) के हिसाबसे स्टॉपलॉस प्राइस चुनी जाती है अब इसके लिए हमें लिमिट ऑर्डर को समजना होंगा
Stop – Loss का उदाहरण :-
चलिए स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है अब ‘स्टॉपलॉस’ को उदाहरण के माध्यम से विस्तारपूर्वक समजते हैं, इसमें हम दो उदाहरणों का इस्तेमाल करेंगे और दोनों ही इंट्राडे ट्रेडिंग पर बेस होंगे जिसमे एक तो होंगा खरीदी के समय बिकवाली का स्टॉपलॉस कैसे लगाए और दूसरा बिकवाली के समय खरीदी का स्टॉपलॉस कैसे लगाए तो चलिए इन दोनों उदाहरणों को वन बाय वन समजते हैं
उदाहरण नंबर 1
मानलीजिये Tata Steel के 100 शेयर Rs.1200 में ख़रीदे हैं जिसे केवल इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए यानि मार्केट क्लोस होने से पहले स्क्वेरअप (Sell) कर लिया जायेंगा
इस स्टॉक में नुकसानी करने की मेरी क्षमता केवल Rs.20 है जिनसे इस स्टॉक की स्टॉपलॉस प्राइस होंगी Rs.1180 और Rs.1181 इन दोनों प्राइस के बिच की दूरी को इसके CMP स्टैंड के स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है मुताबिक नक्की कर सकते हैं और इसमें जो बड़ी प्राइस होती है उसे Trigger Price कहा जाता हैं
Stop Loss – Example
आप 140 रुपये या 20 रुपये के लाभ का लक्ष्य निर्धारित करते हैं, और आपको इसके विपरीत सोचना होगा, यदि शेयर की कीमत गिरती है, तो आप तय करते हैं कि आपके पास 5 रुपये या 7 रुपये का नुकसान करने की शक्ति है।
120-140 = 20/- प्रति शेयर लाभ
120-113 = 7/- प्रति शेयर हानि
यदि शेयर की कीमत गिरती है और 7 रुपये से नीचे आती है, तो शेयर अपने आप बिक जाएंगे।
देखा गया कि शेयर 120 रुपये से कमकर 100 रुपये हो गए, लेकिन जब से आपने स्टॉप लॉस का इस्तेमाल किया है तो आपको प्रति शेयर अधिकतम 7 रुपये का नुकसान होगा।
इस तरह आप अतिरिक्त नुकसान से बचेंगे। स्टॉप लॉस का उपयोग शेयरों को स्वचालित रूप से बेचने के लिए किया जाता है। आप जानते हैं, इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान शेयरों में बहुत उतार-चढ़ाव होता है।
बहुत से लोग हैं जो इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) में हर दिन घाटा कर रहे हैं, इन घाटे का मुख्य कारण स्टॉप लॉस का उपयोग नहीं करना है।
अब सवाल यह है कि किसी शेयर को कितना पैसा रोका जाए, यह महत्वपूर्ण है।
मान लीजिए आप 100 रुपये के शेयर पर 5 रुपये का स्टॉप लॉस लगाते हैं।
10000 रुपये के शेयर पर 5 रुपये का स्टॉप लॉस लगाते हैं।
यह गलत तरीका है, कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन सा स्टॉक खरीदते हैं, बड़ा या छोटा, स्टॉप लॉस बनाने का मुख्य तरीका उस स्टॉक के Support में स्टॉप लॉस लगाना है।
Support क्या है जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
Read – What is Support & Resistance
दूसरा तरीका यह है कि लाभ और लॉस अनुपात 2:1 या 3:1 . होना चाहिए।
दूसरे शब्दों में, यदि आपके पास 1 टका खोने की क्षमता है, तो आपको 3 टका का लक्ष्य रखना होगा।
आइए अब अपने मुख्य विषय पर आते हैं – Trailing Stop loss
ट्रेलिंग स्टॉप लॉस वह राशि है जिसे आप नुकसान की क्षमता रखते हैं, उस नुकसान की मात्रा और कम हो जाती है।
मैंने इस मामले में स्टॉपलॉस का उदाहरण दिया।
आपके पास प्रति शेयर 7 रुपये नुकसान स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है की शक्ति है। यदि शेयर खरीदने के बाद भी शेयर की कीमत बढ़ती रहती है, तो मान लीजिए कि यह एक 120 से बढ़कर 125 रुपये हो जाती है।
फिर आपको स्टॉप लॉस को और कम करना होगा।आप स्टॉप लॉस को 7 रुपये से घटाकर तीन रुपये या चार रुपये कर सकते हैं।
फिर देखने को मिला कि शेयर 130 रुपये तक पहुंच गया।
उस स्थिति में आप अपने शेयरों के खरीद मूल्य के करीब 120 रुपये पर स्टॉप लॉस लगा सकते हैं।
फिर देखने को मिला कि शेयर 135 रुपये तक पहुंच गया। तब आप अपना स्टॉप लॉस 125 रुपये स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है कर सकते हैं।
एक शब्द में, शेयर की कीमत बढ़ने पर स्टॉप लॉस कमना चाहिए।
On which position to put stop loss? |स्टॉप लॉस किस पोजीशन पर लगाये ?
Technical analysis उन स्तरों को निर्धारित करने के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है जिन पर stop loss सेट किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, एक long term के लिए, स्टॉक के लिए प्रमुख समर्थन स्तरों का पता लगाना नकारात्मक जोखिम का अनुमान लगाने के लिए उपयोगी हो सकता है। यहां आधार यह है कि एक बार एक प्रमुख समर्थन स्तर के टूटने के बाद, यह स्टॉक के लिए अतिरिक्त नुकसान का संकेत दे सकता है। हालाँकि, झूठे ब्रेकआउट से सावधान रहें। सुनिश्चित करें कि आप अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में प्रवेश करने से पहले तकनीकी विश्लेषण और अन्य उपकरणों का उपयोग करते हुए, स्टॉप-लॉस स्तरों पर लगन से शोध करते हैं।
यदि आपने पहले कोई शेयर खरीद रखा है .आप उस शेयर पर स्टॉप लॉस लगा सकते है .इसके लिए आपको अपने एप्प के शेयर सेल्ल ऑप्शन पर जाकर सेल स्टॉप लोस्स आर्डर लगाना पड़ेगा
स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है
एक महत्वपूर्ण स्टॉक ट्रेडिंग टिप ये है कि भी आवेग में आकर ट्रेड नहीं करना चाहिए. कई ट्रेडर्स FOMO (Fear of missing out) या FOLO (Fear of losing out) के जाल में पड़ जाते हैं.
Written by Web Desk Team | Published :September 9, 2022 , 6:43 am IST
इंट्रोडक्शन
यदि आप एक नौसिखिये हैं जो शेयर बाजार में निवेश या ट्रेड शुरू करना चाहते हैं, तो ध्यान रखें कि स्टॉक खरीदना और बेचना मुश्किल नहीं है. सही स्टॉक का चयन करना जो शेयर बाजार में लगातार बेहतर स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है प्रदर्शन कर सकता है, वह चुनौतीपूर्ण है. इसलिए, यदि आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, तो शेयर बाजार पर अच्छी पकड़ होना जरूरी है. इसे सुविधाजनक बनाने के लिए आप ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं, जो उन निवेशकों/ट्रेडर्स के बीच लोकप्रिय हो गया है जो अपने दम पर ट्रेड करना चाहते हैं.