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म्यूचुअल फंड

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फोटो: फाइनेंशियल एक्सप्रेस )

बीओआई म्यूचुअल फंड

म्यूचुअल फंड निवेश दीर्घकालिक पूंजी प्रशंसा प्राप्त करने के लिए परिसंपत्तियों को विवेकपूर्ण ढंग से आवंटित करने में मदद करता है। म्यूचुअल फंड उत्पादों की बैंक की बिक्री को विभिन्न शाखाओं में और समर्पित संबंध प्रबंधकों के माध्यम से रणनीतिक रूप से रखे गए एएमएफआई / एनआईएसएम योग्य कर्मियों की पर्याप्त संख्या द्वारा समर्थित किया जाता है।

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म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले जान लें डिविडेंट और ग्रोथ में फर्क, जानें क्या हो सकता है ज्यादा फायदेमंद

ग्रोथ विकल्प में फंड मैनेजर द्वारा बुक किया गया प्रॉफिट दोबारा से निवेश कर दिया जाता है। इसके बाद प्रॉफिट पर भी प्रॉफिट मिलने की गुंजाइश रहती है और एनएवी बढ़ जाता है।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले जान लें डिविडेंट और ग्रोथ में फर्क, जानें क्या हो सकता है ज्यादा फायदेमंद

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फोटो: फाइनेंशियल एक्सप्रेस )

म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले डिविडेंड, ग्रोथ और डिविडेंट री-इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। बेहतर विकल्प चुनने से आप अच्छा रिटर्न भी पा सकते हैं। म्यूचुअल फंड में ये तीनों विकल्पों के जरिए रिटर्न मिलता है।

आपको बता दें कि डिविडेंड और ग्रोथ ऑप्शन में क्या फर्क है। पहले विकल्प के तहत आपको रिटर्न का भुगतान मिल जाता है जबकि दूसरे विकल्प में मिलने वाले रिटर्न को फिर से निवेश करवा दिया जाता है। डिविडेंट के मामले में निवेशकों को निश्चित समय में रिटर्न का भुगतान किया जाता है। यह वार्षिक, दैनिक, तिमाही हो सकात है। वहीं ग्रोथ ऑप्शन में जो भी लाभ मिलता है उसे स्कीम में फिर से डाल दिया जाता है। इसका भुगतान निवेशक को नहीं किया जाता है।

दोनों ही मामलों में फंड पोर्टफोलियो एक जैसा ही होता है। शेयर इंडिया के अधिकारी डॉ. रवि सिंह ने बताया, ‘डिविडेंड और ग्रोथ दोनों ही विकल्प में पोर्टफोलियो एक जैसा ही रहता है। अंतर केवल इतना है कि ग्रोथ के विकल्प में दोबारा निवेश कर दिया जाता है।’

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माइफंड बाजार के सीईओ विनीत खंडारे के मुताबिक ग्रोथ के विकल्प में NAV ज्यादा होता है। इस विकल्प में जो टोटल रिटर्न भी ज्यादा हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘डिविडेंड में फंड मैनेजर द्वारा द्वारा बुक किया गया प्रॉफिट निवेशकों में बांट दिया जाता है। इसके बाद एनएवी से डिविडेंड घटा दिया जाता है। ऐसे में एक्स डिविडेंड एनएवी कम हो जाता है। वहीं ग्रोथ में यह बढ़ता रहता है।’

ग्रोथ विकल्प में फंड मैनेजर द्वारा बुक किया गया प्रॉफिट दोबारा से निवेश कर दिया जाता है। इसके बाद प्रॉफिट पर भी प्रॉफिट मिलने की गुंजाइश रहती है और एनएवी बढ़ जाता है।

आइए समझते हैं कि ग्रोथ ऑप्शन में क्या होता है। मान लीजिए किसी ने 10 रुपये की एनएवी प्राइस पर 100 यूनिट खरीदी। उसने कुल 1 हजार रुपये इन्वेस्ट किए। पांच साल बाद उस एनएवी की वैल्यू 30 रुपये हो गई तो उसे एक एनएवी पर 20 रुपये का फायदा हुए। यानी अब उसे कुल फायदा 2 हजार रुपये का हुआ।

वहीं डिविडेंड विकल्प में मान लीजिए आपने 10 रुपये की एनएवी पर 100 यूनिट खरीदे। कुल एक हजार रुपये का इन्वेस्टमेंट हुआ। एक साल में एनएवी बढ़कर 15 रुपये हो गया लेकिन फंड हाउस आपको हर साल 2 रुपये के हिसाब से डिविडेंड देने का फैसला कर चुका है। इसलिए आपको दो रुपये रिटर्न मिल गए लेकिन एनएवी केवल 13 रुपये का ही रह गया। जो कि एक साल के बाद 15 रुये हो सकता था।

Mutual Fund में कैसे करें निवेश, कौन से इनवेस्टमेंट में होगा फायदेमंद, जानिए इससे जुड़ी हर जानकारी

म्यूचुअल फंड में कैसे करें निवेश, कौन से इनवेस्टमेंट होगा फायदेमंद, जानिए इससे जुड़ी हर जानकारी

भिलाई. म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट (mutual fund investment) को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां रहती है। जानकारी के अभाव में लोग सही जगह इनवेस्ट भी नहीं कर पाते। इसलिए आज हम आपके लिए म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आएं हैं। अगार आप भी अपने सवालों से परेशान है तो इस खबर को जरूर पढि़ए म्यूचुअल फंड से जुड़ी हर जानकारी आपको मिलेगी। आपने कई लोगों से सुना होगा निवेश के लिए म्यूचुअल फंड अच्छा विकल्प है, जहां रिटर्न भी अच्छा मिलता है। वहीं शेयर बाजार की तुलना में जोखिम कम रहता है, लेकिन जरूरी नहीं है कि म्यूचुअल फंड बाजार की समझ सभी को हो। इसलिए निवेश करने से पहले म्यूचुअल फंड को जान लेना बहुत जरूरी है। इससे आपको निवेश के फैसले लेने में मदद मिलेगी। आइए जानते हैं क्या है म्यूचुअल फंड, इसकी कितनी कटेगिरी है, कितना रिटर्न मिल सकता है. साथ ही यह भी जानिए कि म्यूचुअल फंड में कैसे निवेश कर सकते हैं.

क्या है म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे शेयर बाजार, बांड और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज जैसे एसेट्स में निवेश करती हैं। इसके बदले म्यूचुअल फंड निवेशकों से फीस भी लेती हैं। देश में अलग-अलग कई म्यूचुअल फंड हाउसेज हैं जो निवेश करने के लिए फंड मैनेजर नियुक्त करती है। फंड मैनेजर को मार्केट की अच्छी जानकारी होती है, जो अपनी समझ से ऐसे फंड में निवेश करते हैं जिसमें अधिकतम मुनाफा हो। म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए ये कंपनियां निवेशकों से कमीशन लेकर कमाई करती हैं। जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है। निवेशक म्यूचुअल फंड अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से स्कीम चुन सकते हैं।

दो तरीके से कर सकते हैं निवेश
म्यूचुअल फंड में निवेश आप दो तरीके से कर सकते हैं एक तो एसआईपी जिसे सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान कहते हैं और दूसरा है एकमुश्त (लंप सम). हालांकि, बाजार के रिस्क का असर म्यूचुअल फंड में भी होता है, लेकिन फिर भी लंबी अवधि के निवेशकों को इसमें निवेश से कंपाउंडिंग का फायदा काफी अच्छा होता है।

म्यूचुअल फंड में ऐसे करें निवेश
1. आप किसी भी म्यूचुअल फंड की वेबसाइट से सीधे निवेश कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो किसी म्यूचुअल फंड एडवाइजर की सेवा भी ले सकते हैं।
2. अगर आप सीधे निवेश करते हैं तो आप म्यूचुअल फंड स्कीम के डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं। अगर आप किसी एडवाइजर की मदद से निवेश कर रहे हैं तो आप रेगुलर प्लान में निवेश करते हैं।
3. अगर आप सीधे निवेश करना चाहते हैं तो आपको उस म्यूचुअल फंड की वेबसाइट पर जाना पड़ेगा। आप उसके दफ्तर में भी अपने दस्तावेज के साथ जा सकते हैं।
4. डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है। इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है।

एक मुश्त और एसआईपी की सुविधा
जैसे शेयर मार्केट में निवेश करने वाले को शेयर होल्डर कहते हैं, उसी तरह से म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को यूनिट होल्डर कहा जाता है। म्यूचुअल फंड कंपनियां फंड जमा करने के लिए 'न्यू फंड ऑफरÓ जारी करती हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को यूनिट दी जाती है। यहां डिस्काउंट या प्रीमियम पर नहीं बल्कि प्रति यूनिट की कुछ रकम तय म्यूचुअल फंड की जाती है। आप एक बार में सारा पैसा निवेश कर सकते हैं या एसआईपी के जरिए भी निवेश कर सकते हैं। एसआईपी का मतलब है कि आप हर महीने या तय म्यूचुअल फंड समय में एक तय रकम म्यूचुअल फंड में निवेश करें।

निवेश के फायदे
म्यूचुअल फंड का फायदा यह है कि यहां आपका निवेश फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है, जिसे बाजार की अच्छी समझ होती है। ऐसे में वह आपका पैसा सोच समझकर निवेश करता है, जहां रिटर्न बेहतर रहने की उम्मीद हो। वहीं म्यूचुअल फंड के जरिए आपका पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई हो जाता है। यहां सिर्फ एक शेयर की बजाए अलग अलग शेयर में या एसेट क्लास में पैसा लगाया जाता है। इससे एक में अगर जोखिम है तो दूसरे में यह कवर हो जाता है। आपका पैसा डेट फंड्स मे भी निवेश किया जाता है, जिससे अगर मार्केट में अस्थिरता भी आती है, तब भी पैसा सुरक्षित रहता है। ईएलएसस कटेगिरी में निवेश कर आप टैक्स भी बचा सकते हैं।

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