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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के बारे में

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के बारे में
श्री अशोक चावला एनएसई के निदेशक मंडल के अध्यक्ष हैं और श्री विक्रम लिमये एनएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ हैं।

NSE और BSE क्या है?

बीएसई का मतलब है ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और एनएसई का मतलब है ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’। हालांकि हर कोई जानता है कि ये दोनों शेयर्स और बॉन्‍ड्स जैसी सिक्योरिटीज से जुड़े हुये हैं, लेकिन इनका असली मतलब शायद हर किसी को पता नहीं होगा। आइये हम बताते है क्या हैं बीएसई और एनएसई। भारत में दो शेयर बाज़ार हैं: बीएसई यानि ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और एनएसई यानि ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’।

भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज :

  • BSE यानि (Bombay Stock Exchange), की स्थापना सन 1875 में हई थी।
  • NSE यानि (National Stock Exchange) की स्थापना सन 1992 में हुई थी।

दोनों एक्सचेंज के सूचकांक(INDEX) :

  • NSE का सूचकांक NIFTY (‘N’=NSE तथा ‘IFTY’=fifty यानि NSE-50)| “NIFTY INDEX” NSE में सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिनिधित्व करती है। और
  • BSE का सूचकांक “SENSEX” (“सेंसिटिव इंडेक्स”) । “SENSEX INDEX” BSE में सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिनिधित्व(represent) करती है।

NSE और BSE index की गणना विधि क्या है ? :

SENSEX और NIFTY INDEX की गणना “free float market capitalization” विधि से की जाती है। यानी सेन्सेक्स की गणना “मार्केट कैपिटलाइजेशन-वेटेज मेथेडोलॉजी” के आधार पर की जाती है।

National Stock Exchange क्या है ?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मुंबई में स्थित है, यह भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह 1992 से अस्तित्व में आया और यहीं से इलेक्ट्रोनिक एक्सचेंज सिस्टम की शुरुआत हुई और पेपर सिस्टम खत्म हुआ।

एनएसई ने 1996 से निफ्टी की शुरुआत की, जो टॉप 50 स्टॉक इंडेक्स दे रहा था और यह तेजी से भारतीय पूंजी बाज़ार की रीड बना। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को 1992 को कंपनी के रूप में पहचान मिली और 1992 में इसे सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट, 1956 के तहत कर भुगतान कंपनी के रूप में स्थापित किया गया।

National stock exchange दुनिया का 11 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसका बजार पूंजीकरण (market capitalization) अप्रैल 2018 तक 2.27 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुच गया था ।

BSE यानि BOMBAY STOCK EXCHANGE क्या है ? :

बीएसई की स्थापना 1875 में हुई, इसे नेटिव शेयर और स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन’ के नाम से जाना जाता था। इसके बाद, 1957 के बाद भारत सरकार ने सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956 के तहत इसे भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दे दी।

सेन्सेक्स की शुरुआत 1986 में हुई, यह भारत का पहला इक्विटी इंडेक्स है जो कि टॉप 30 एक्सचेंज ट्रेडिंग कंपनियों को एक पहचान दे रहा था। सेंसेक्स का आधार वर्ष 1978-79 है

1995 में, बीएसई की ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू हुई, उस समय इसकी क्षमता एक दिन में 8 मिलियन ट्रांजेक्शन थी।

बीएसई एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है, और यह मार्केट डेटा सर्विस, रिस्क मैनेजमेंट, सीडीएसएल (सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड), डिपॉजिटरी सर्विसेज आदि सेवाएँ प्रदान करता है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दुनिया का 12वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, आउर जुलाई 2017 को इसका बाजार पूंजीकरण 2 ट्रिलियन डॉलर से ज़्यादा था।

बीएसई और एनएसई में मुख्य अंतर :

  • बीएसई और एनएसई दोनों भारत के बड़े शेयर बाज़ार हैं।
  • बीएसई पुराना और एनएसई नया है।
  • टॉप स्टॉक एक्सचेंज में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 10वां स्थान है वहीं एनएसई का 11वां।
  • इलेक्ट्रॉनिक एक्चेंज सिस्टम पहली बार एनएसई में 1992 में और बीएसई में 1995 में शुरू किया गया।
  • कितने शेयरों को शामिल किया जाता है : एनएसई का निफ्टी इंडेक्स 50 स्टॉक इंडेक्स दिखाता है वहीं बीएसई का सेन्सेक्स 30 स्टॉक एक्सचेंज दिखाता है।
  • बीएसई को 1957 में स्टॉक एक्सचेंज के रूप में पहचान मिली वहीं एनएसई को 1993 में पहचान मिली।

BSE और NSE के स्‍थापना को लेकर अंतर :

  1. एनएसई भारत का सबसे बड़ा एक्सचेंज है, बीएसई सबसे पुराना है।
  2. बीएसई 1875 में स्थापित हुआ, जब कि एनएसई 1992 में।
  3. एनएसई का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी है, जब कि बीएसई का सेन्सेक्स है। एनएसई में 1696 और बीएसई में 5749 कंपनियाँ सूचीबद्ध हैं।
  4. इनकी ग्लोबल रैंक 11 और 10 है।

निष्कर्ष : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दोनों भारतीय पूंजी बाजार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। रोज लाखों ब्रोकर और निवेशक इन स्टॉक एक्सचेंजों में ट्रेडिंग करते हैं। ये दोनों महाराष्ट्र के मुंबई में स्थापित हैं और सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से मान्यता प्राप्त हैं।

आपके सुझाव आमंत्रित है। इस आर्टिकल से संबंधित किसी भी प्रकार का संशोधन, आप हमारे साथ साझा कर सकते हैं। यह लेख आपको कैसा लगा अपनी राय निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें ।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) भारत में अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है और दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज (डब्ल्यूएफई) की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जून 2018 तक इक्विटी शेयरों में ट्रेडों की संख्या।

एनएसई ने 1994 में इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग, डेरिवेटिव ट्रेडिंग (इंडेक्स फ्यूचर्स के रूप में) और 2000 में इंटरनेट ट्रेडिंग शुरू की, जो भारत में अपनी तरह की पहली थीं।

एनएसई के पास एक पूरी तरह से एकीकृत व्यापार मॉडल है जिसमें हमारी एक्सचेंज लिस्टिंग, ट्रेडिंग सेवाएं, समाशोधन और निपटान सेवाएं, सूचकांक शामिल हैं।मंडी डेटा फीड, प्रौद्योगिकी समाधान और वित्तीय शिक्षा की पेशकश। एनएसई एक्सचेंज के नियमों और विनियमों के साथ व्यापार और समाशोधन सदस्यों और सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा अनुपालन की भी देखरेख करता है।

श्री अशोक चावला एनएसई के निदेशक मंडल के अध्यक्ष हैं और श्री विक्रम लिमये एनएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ हैं।

एनएसई प्रौद्योगिकी में अग्रणी है और प्रौद्योगिकी में नवाचार और निवेश की संस्कृति के माध्यम से अपने सिस्टम की विश्वसनीयता और प्रदर्शन सुनिश्चित करता है। एनएसई का मानना है कि इसके उत्पादों और सेवाओं का दायरा और विस्तार, भारत में कई परिसंपत्ति वर्गों में निरंतर नेतृत्व की स्थिति और वैश्विक स्तर पर इसे बाजार की मांगों और परिवर्तनों के लिए अत्यधिक प्रतिक्रियाशील होने में सक्षम बनाता है और उच्च-स्तर प्रदान करने के लिए व्यापारिक और गैर-व्यापारिक दोनों व्यवसायों में नवाचार प्रदान करता है। बाजार सहभागियों और ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण डेटा और सेवाएं।

NSE

1992 तक, BSE भारत में सबसे लोकप्रिय स्टॉक एक्सचेंज था। बीएसई फ्लोर-ट्रेडिंग एक्सचेंज के रूप में कार्य करता था। 1992 में NSE की स्थापना देश के पहले डिम्युचुअलाइज्ड स्टॉक एक्सचेंज के रूप में हुई थी। यह तकनीकी रूप से उन्नत, स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (बीएसई के फ्लोर-ट्रेडिंग के विपरीत) को पेश करने वाला भारत का पहला स्टॉक एक्सचेंज भी था। यह स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म भारत में एक्सचेंज बिजनेस में क्रांति लेकर आया। जल्द ही एनएसई भारत में व्यापारियों/निवेशकों का पसंदीदा स्टॉक एक्सचेंज बन गया।

मुंबई में मुख्यालय, एनएसई ऑफरराजधानी निगमों के लिए क्षमताओं को बढ़ाना और के लिए एक व्यापार मंचइक्विटीज, ऋण और डेरिवेटिव -- मुद्राओं और म्यूचुअल फंड इकाइयों सहित। यह नई लिस्टिंग, आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ), ऋण जारी करने और भारतीय . के लिए अनुमति देता हैभंडार भारत में पूंजी जुटाने वाली विदेशी कंपनियों द्वारा प्राप्तियां (आईडीआर)।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? भारतीय में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना कब हुई?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है (National Stock Exchange Kya Hai), NSE का मतलब होता है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड, जिसका मतलब है भारतीय वित्तीय बाजारNSE भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है। इसकी स्थापना साल 1992 में की गई थी। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य था। भारतीय शेयर बाजार में ट्रांसपेरेंसी (पारदर्शिता) लाना।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है (National Stock Exchange Kya Hai)?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है

National Stock Exchange Kya Hai

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है (National Stock Exchange Kya Hai)?

आप सभी ने एनएसई के बारे में सुना होगा लेकिन बहुत कम ही ऐसे लोग हैं जो इसके फायदे के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के बारे में बारे में जानते हो इसलिए आप सभी के लिए यह जानना बहुत आवश्यक है कि एनएसई हमारे लिए फायदेमंद क्यों है और स्टॉक मार्केट में कैसे निवेश करें?

कई लोग ऐसे हैं जो शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं लेकिन स्टॉक बाजार की पर्याप्त जानकारी नहीं होती जिसके कारण वह किसी पोकर के माध्यम से मार्केट में निवेश कर लेते नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के बारे में हैं साथी शेयर मार्केट को लेकर उन लोगों के मन में काफी भय भी रहता है।

एनएसई शेयर मार्केट में हर व्यक्ति इन्वेस्ट कर सकता है जो अनुभवी हो, योग्य हो, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के बारे में और साथ ही न्यूनतम वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति भी करता हो। ऐसी परिस्थिति में एनएसई पूरी तरह ऑटोमेटिक इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग वाला पहला शहर बाजार है।

NSE ka full form है:- National stock exchange of India limited । इसके अंदर कई तरह के सिक्योरिटी स्कोर सूचीबद्ध किया गया है

NSE क्या है?

भारत का सबसे बड़ा फाइनेंशियल मार्केट एनएसई नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना सन 1992 में भारतीय शेयर बाजार में ट्रांसपेरेंसी पारदर्शिता लाने के लिए किया गया था। बीएसई की तरह एनएसई की स्थापना मुंबई में हुई थी और यह आधुनिक तकनीकी सुविधाओं यानी (ऑटोमेटेड इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक एक्सचेंज) से लैस है।

सन 1992 मैं हर्षद मेहता स्कैम में बाजार में हुई हेरा फेरी के बाद एनएसई की स्थापना की गई थी ताकि प्रत्येक इन्वेस्टर को इन्वेस्टमेंट के लिए सामान राइट्स और एक्सेस देना था। हमारे भारत की आर्थिक पूंजी में बीएसई का जितना योगदान है उससे कई ज्यादा एनएसई का भी है। एनएसई के अंतर्गत 2000 से ज्यादा कंपनियां शामिल है। कोई भी कंपनी सबसे पहले खुद को SEBI में रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है उसके बाद ही एनएसई से ट्रेडिंग कर सकती है।

एनएसई का मार्केट केपीटलाइजेशन वैल्यू

एनएसई का मार्केट केपीटलाइजेशन 1.80 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 110 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। स्टॉक एक्सचेंज में SEBI के आने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के बारे में के बाद काफी बदलाव आ गए हैं। एनएसई में सारे कार्य ऑनलाइन होने लगा है।

साथ ही ब्रोकर्स की ट्रेडिंग भी बढ़ गई है इससे पहले शेयर दस्तावेजों की माध्यम से खरीदे और बेचे जाते थे। इस कार्य में लगभग 6 महीने का समय लग जाता था क्योंकि यह शेयर के दस्तावेज डाक के माध्यम से भेजे जाते थे।

एनएसई के बाद नया क्या हुआ

शुरुआत में एनएसई एक प्राइवेट लिमिटेड थे लेकिन साल 1992 के बाद कई धोखाधड़ी के मामले सामने आने पर भारत सरकार द्वारा SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) को लाया गया।

इसमें अमेरिकी शेयर बाजार नियमों को अपनाया गया और सीबीआई के जरिए शेयर बाजार पर निगरानी रखा गया। जिसके बाद एनएसई स्टॉक एक्सचेंज बनाया गया और सारा काम कंप्यूटर से किया जाने लगा।

जिससे दस्तावेज के काम खत्म हो गए और धीरे-धीरे ट्रेडिंग भी बढ़ने लग गई। शुरुआती तौर पर बीएसई ने SEBI को नहीं अपनाया और इसका विरोध भी किया लेकिन साल 1995 के अंत तक बीएसई को SEBI में अपनी कंपनी लिमिटेड करवानी पड़ी।

एनएसई का मुख्य उद्देश्य

भारत में शेयर की ट्रेडिंग को बढ़ाना की एनएस का मुख्य उद्देश्य है। जितनी ज्यादा कंपनियां ट्रेडिंग बढ़ाएंगे उतना ही ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने के अवसर मिलेंगे। जिससे व्यक्ति के आमदनी बढ़ेगी।
आज के दिन में बीएसई से ज्यादा ट्रेडिंग एनएस में हो रही है क्योंकि इसमें ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ज्यादा निवेश होता है।

क्या है एनएस का बेंचमार्क

(नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ) एनएसई का बेंचमार्क निफ्टी है ।और इसकी शुरुआत साल 1996 में की गई थी। एनएसई में मुख्य 50 कंपनियों को शामिल किया जाता है जिसके कारण इसे NIFTY50 भी कहा जाता है।

क्यों महत्वपूर्ण है एनएसई में निवेश करना?

बीएसई से ज्यादा आसान एनएसई में निवेश करना है क्योंकि इसमें कोई भी पेपर वर्क नहीं होता साथ ही एनएसई को SEBI द्वारा स्टॉक एक्सचेंज बाजार की मान्यता प्राप्त है। एनएसई का ग्लोबल रैंक 11 है। एनएसई में निवेश करना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका सारा कार्य पेपर के वजह डिजिटल रूप में संग्रह होता है।

Ans : एनएसई भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।

Ans : गिरीश चंद्र चतुर्वेदी एनएसई के चेयरमैन है।

Ans : एनएसई का मुख्यालय मुंबई में है।

Ans : एनएसई का मार्केट वैल्यू लगभग 2.87 ट्रिलियन यूएस डॉलर है।

यह भी पढ़े – बीएसई और एनएसई में क्या फर्क है?

Arjun

मेरा नाम अर्जुन है और मैं CanDefine.com में एडिटर के रूप में कार्य करता हूँ। मैं CanDefine वेबसाइट का SEO एक्सपर्ट हूँ। मुझे इस क्षेत्र में 3 वर्ष का अनुभव है और मुझे हिंदी भाषा में काफी रुचि है। मेरे द्वारा स्वास्थ्य, कंप्यूटर, मनोरंजन, सरकारी योजना, निबंध, जीवनी, क्रिकेट आदि जैसी विभिन्न श्रेणियों पर आर्टिकल लिखता हूँ और आपको आर्टिकल में सारी जानकारी प्रदान करना मेरा उद्देश्य है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य

दोस्तों, क्या आप जानते है शेयर मार्किट में एनएसई (NSE) क्या है? इसकी आवश्यकता क्यों पड़ा? इसके क्या फायदे है? यह कैसे काम करता है? आईये आज हम इसके विस्तार से जानते है। एनएसई (NSE) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता लाना है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) क्या है ?

एनएसई (NSE) का पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड है यह भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग शेयर बाजार में निवेश कर सके। सन 1994 में एनएसई (NSE) ने पहली बार भारतीय शेयर बाजार में इलेट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुवात किया।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इतिहास

1992 के प्रसिद्ध घोटाले के बाद, जिसमें एक प्रसिद्ध निवेशक ने भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर किया गया था। तब वित्त मंत्रालय ने भारत सरकार तहत, निवेशकों तक शेयर बाजार को आसानी से पहुंचने के उद्देश्य से एनएसई की स्थापना का निर्णय लिया गया था। इसकी संस्था की स्थापना की सिफारिस M.J. शेरवानी समिति ने भी किया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से एक विकसित स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना सन 1992 में 25 करोड़ पूँजी के साथ मुंबई में किया गया। एनएसई का प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 है, इसके अंतर्गत 50 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड है। सूचकांक में सम्मिलित कंपनियों का समय-समय का आकलन किया जाता है और पुरानी कंपनियों के स्थान पर वे नयी सर्वोत्तम कम्पनीयों को शामिल किया जाता है | इसका उपयोग निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर भारत और दुनिया भर में भारतीय पूंजी बाजार के बैरोमीटर के रूप में किया जाता है। एनएसई (NSE) द्वारा 1996 में NIFTY 50 इंडेक्स आरम्भ किया गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का उद्देश्य

एनएसई (NSE) के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है।

  1. सभी निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने तथा शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करना |
  2. सभी निवेशक सामान रूप से प्रतिभूति को खरीद और बेच सके।
  3. शेयर बाजार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाना।
  4. ख़रीदे और बेचे गए शेयर को अल्प समय में हस्तानांतरित करना।
  5. प्रतिभूति बाजार को अंतरास्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप स्थापित करना।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कार्य

दोस्तों ,अब हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के कार्य प्रणाली के बारें में विस्तार से जानेंगे।

अगर कोई निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहता है तो सबसे पहले उसको मार्किट आर्डर के द्वारा आर्डर देना होता है , और कंप्यूटर ट्रेडिंग जो एक स्वचालित प्रक्रिया है के माध्यम से आपके आर्डर का मिलान किया जाता है। जब कोई निवेशक मार्किट आर्डर देता है तो उसे एक नंबर दिया जाता है जिसको यूनिट नंबर कहा है। कंप्यूटर ट्रेडिंग में खरीदने और बेचने व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है। खरीदने वाले व्यक्ति को बेचने वाले व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं रहता है और बेचने वाले व्यक्ति को खरीदने वाले व्यक्ति की कोई जानकारी नहीं रहता है।

जब आपका आर्डर को कोई मिलान नहीं मिलता है तो आर्डर के क्रम को मिलाने के लिए आर्डर सूची से जोड़ा जाता है, और यह प्राइस टाइम (Price time) के प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किया जाता है। सर्वोत्तम मूल्य के आर्डर को पहले प्राथमिकता दिया जाता है और एकसमान मूल्य वाले आर्डर को पहले आर्डर के आधार पर प्राथमिकता दिया जाता है।

जब निवेशक का आर्डर एक्सचेंज मार्किट में पूरा हो जाता है तो निवेशक के डीमैट अकाउंट में खरीद आर्डर या बेच आर्डर में स्वतः ही देखने लगता है। इस तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निवेशकों के शेयर के लेन देन को पारदर्शी बनता है। डीमैट अकाउंट किसी भी स्टॉक ब्रोकर के द्वारा ओपन किया जा सकता है जो ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता है। जो ट्रेडिंग सिस्टम में ऑर्डर देते हैं। एनएसई द्वारा घोषित छुट्टियों को छोड़कर, एक्सचेंज मार्केट सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक उपलब्ध रहता है।

दोस्तों, हमने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के बारें में विस्तार से समझा। अब आप समझ गए है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज स्थापना प्रतिभूति बाज़ार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाने के लिए किया गया, जिससे सभी निवेशक विश्वास के साथ प्रतिभूति बाज़ार में निवेश कर सके। अगर आप भी शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए सोच रहे है और आपको शेयर बाज़ार के बारें में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप सेबी से पंजीकृत निवेश सलाहकार की सहायता ले सकते है यह आपको सही शेयर खरीदने में सहायता करेगा।

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क्या है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई)?
National Stock Exchange of India Limited: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) भारत का सबसे बड़ा फाइनेंशियल मार्केट है। 1992 में निगमित, एनएसई एक रिफाइंड, इलेक्ट्रॉनिक मार्केट के रूप में विकसित हुआ है जिसे इक्विटी ट्रेडिंग वाॅल्यूम के लिहाज से दुनिया में चौथा सबसे बड़ा मार्केट आंका गया है। होलसेल डेट मार्केट और उसके तुरंत बाद कैश मार्केट सेगमेंट के लॉन्च के बाद 1994 में ट्रेडिंग आरंभ हो गई।

मुख्य बातें
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) भारत का सबसे बड़ा और ट्रेडिंग वॉल्यूम के लिहाज से दुनिया में चौथा सबसे बड़ा मार्केट आंका गया है।

- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड आधुनिक, पूरी तरह ऑटोमेटेड इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग उपलब्ध कराने वाला भारत का पहला एक्सचेंज है।

-एनएसई भारत में सबसे बड़ा व्यापक क्षेत्र नेटवर्क है।

- एनएसई डेरिवेटिव और ईटीएफ ट्रेड करने के लिए पहला इलेक्ट्रॉनिक लिमिट ऑर्डर बुक होने के कारण भारतीय फाइनेंशियल मार्केट प्रवर्तक रहा है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) को समझना
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) आज होलसेल डेट, इक्विटी और डेरिवेटिव मार्केट में ट्रांजेक्शन करता है। सबसे लोकप्रिय ऑफरिंग्स में से एक निफ्टी 50 इंडेक्स है जो भारतीय इक्विटी मार्केट में सबसे बड़े एसेट्स को ट्रैक करता है। अमेरिकी निवेशक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), जैसेकि आईशेयर्स इंडिया 50 ईटीएफ (इंडी) के साथ इंडेक्स को एक्सेस कर सकते हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड आधुनिक, पूरी तरह ऑटोमेटेड इलेक्ट्रोनिक ट्रेडिंग उपलब्ध कराने वाला भारत का पहला एक्सचेंज था। इसकी स्थापना भारतीय पूंजी बाजार में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए भारतीय वित्तीय संस्थानों के एक समूह द्वारा की गई थी।

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