बहुआयामी व्यापार मंच

शेयर मार्केट का गणित

शेयर मार्केट का गणित

share market advice in hindi शेयर मार्केट के गोल्डन रूल्स

share market advice in hindi आर्टिकल में आज में आपको शेयर मार्केट से जुडी बहुत ही जरुरी एडवाइस देने वाला हु| शेयर मार्केट में सफल होने के लिए जरुरी कुछ इम्पोर्टेन्ट एडवाइस आपको एक सफल ट्रेडर बनने में सहायक होगी| शेयर मार्केट में सफल निवेशक बनने के लिए आपको किन किन बातों का ख्याल रखना चाहिए इसके बारे में भी आज में आपको जानकारी देने वाला हु|

शेयर मार्केट एडवाइस इन हिंदी आर्टिकल में आपको शेयर मार्केट से जुड़े गोल्डन रूल्स के बारे में भी जानकारी मिलेगी| आपको शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते समय कौन कौनसी बातें हमेशा याद रखनी चाहिए ताकि आप एक सफल निवेशक बन सके इसके बारे में भी आज हम जानेंगे|

share market advice in hindi

शेयर मार्केट को सीखिए

दोस्तों शेयर मार्केट हो या कोई भी दूसरा बिसनेस उसके ज्ञान के बिना आप सफल नहीं हो सकते| इस लिए share market advice in hindi आर्टिकल में मेरा पहला गोल्डन रूल्स है| शेयर मार्केट के बारे में सभी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट शुरू करे|

अगर आप बिना सोचे समजे अपना पैसा शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट कर देते है तो आपको नुकशान होने का पूरा खतरा होता है| इसलिए आपको पहली एडवाइस है की आप शेयर मार्केट को समजिये और सीखिए| आप इस वेबसाइट पर शेयर मार्केट को शुरू से लेकर एडवांस्ड लेवल तक बिलकुल हिंदी में सिख सकते है|

एक ही शेयर में सारा पैसा ना लगाये

काफी लोगो को आदत होती शेयर मार्केट का गणित है की वो अपना सारा पैसा एक ही कंपनी के शेयर्स में इन्वेस्टमेंट कर देते है| लेकिन ये आदत आपको बहुत ज्यादा नुकशान भी कर सकती है| हो सकता है की आपको अच्छा रिटर्न्स भी मिल जाए, लेकिन शेयर मार्केट में निवेश करने का ये सही तरीका नहीं होता है|

अगर आप शेयर मार्केट में 50 हजार रुपये इन्वेस्टमेंट करते है तो आपको कम से कम अलग अलग 5 से लेकर 10 शेयर में अपनी धनराशी लगानी चाहिए| क्यूंकि अगर कोई एक शेयर में आपको लोस हो रहा है तो दुसरे शेयर में आपको मुनाफा भी हो रहा होगा| इस प्रकार से आपको बहुत बड़ा नुकशान सहन नहीं करना पड़ेगा|share market advice in hindi आर्टिकल में अब और कुछ इम्पोर्टेन्ट पॉइंट्स को जानते है|

मुनाफा हो या नुकशान बुक करना सीखिए

काफी लोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय ना ही अपना मुनाफा बुक करते है और नाही अपना नुकशान| ये आदत आपके सारे पैसे गंवाने का कारण बन सकती है| जब आपको किसी ट्रेड में अच्छा प्रॉफिट हो रहा हो तो अपने प्रॉफिट को बुक करते रहे|

अगर किसी ट्रेड में आपको नुकशान भी हो रहा है तो अपने नुकशान को भी काटना सीखे| अगर आप ये दोनों बातें ध्यान में रखते है तो आप एक सफल ट्रेडर बन सकते है| आपने काफी ऐसे लोगो को देखा होगा जो अपना प्रॉफिट बुक ना करके बड़े नुकशान को सहके अपने सारे पैसे गँवा देते है| इसलिए हमेशा अपने प्रॉफिट और लोस को बुक करें|

share market advice in hindi गिरते शेयर में एवरेज मत करें

जब आपने किसी शेयर्स की खरीदी की हो और उसमे मंदी की वजह से कीमतों में गिरावट आ रही हो तो शेयर्स की एवरेज मत कीजिये| कभी कभी कोई शेयर्स में एवरेज करने के बाद उस शेयर्स में और भी ज्यादा गिरावट आ जाती है| इसलिए जब आप शेयर्स की एवरेज करते है जो आपको डबल नुकशान होता है|

क्यूंकि एवरेज करने के बाद शेयर्स में और गिरावट आती है तो आपका नुकशान डबल होना वंहा से शुरू हो जाता है| अगर आप एवरेज करना ही चाहते है तो तब करे जब ख़रीदे हुए शेयर में गिरावट बंध होक तेजी के संकेत मिले|

share market advice in hindi स्टॉप लोस का उपयोग करें

अब share market advice in hindi आर्टिकल में और दुसरे इम्पोर्टेन्ट पॉइंट के बारे में जानते है| शेयर मार्केट में अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग या फ्यूचर ट्रेडिंग करते है तो स्टॉप लोस जरुर लगायें| स्टॉप लोस आपको बहुत बड़े लोस से बचाता है|

मार्केट में अगर किसी कारण बहुत बड़ी गिरावट आ जाएँ तो स्टॉप लोस आपको अपनी धन राशी को सुरक्षित रखता है|

लेकिन याद रखे की स्टॉप लोस इतना छोटा भी ना रखे की कुछ ही मिनटों में आपका स्टॉप लोस हिट हो जाए| स्टॉप लोस कितना रखना चाहिए ये आप टेक्निकल एनालिसिस के माध्यम से पता लगा सकते है|

अगर आपको टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है इसके बारे में जानकारी नहीं है तो आप इस वेबसाइट पर इससे सबंधित आर्टिकल पढ़ सकते है|

share market advice in hindi मार्केट की विपरीत दिशा में ट्रेड ना ले

दोस्तों शेयर मार्केट के ट्रेंड के विपरीत कभी भी ट्रेड ना ले| ये बहुत ही इम्पोर्टेन्ट टॉपिक है अगर आप शिर्फ़ ये एक ही एडवाइस को अपने ट्रेडिंग में उपयोग कर ले तो आप ट्रेडिंग में हमेशा सफल रहेंगे| काफी लोग शेयर मार्केट में चल रहे ट्रेंड को पहचान नहीं पाते है|

वो हमेशा ही मार्केट के विपरीत अपना ट्रेड लेते है| मार्केट ओपन होने से लेकर बंध होने तक कभी भी खुद का मार्केट के प्रति कोई नजरिया मत बनाएं| हमेशा मार्केट क्या कहना चाहता है उसे सुनिए|

अगर मार्केट में तेजी है तो कभी भी शोर्ट पोजीशन मत बनायें| और अगर मार्केट का ट्रेंड गिरावट का है तो कभी भी तेजी की पोजीशन मत बनायें|

लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं है की शेयर मार्केट का गणित जो लोग लॉन्ग टर्म के लिए शेयर खरीदना चाहते है वो मार्केट की गिरावट में ना ख़रीदे| कहने का मतलब है की आपको हमेशा मार्केट ट्रेंड के साथ चलना है नाकि ट्रेंड के खिलाफ|

share market advice in hindi निष्कर्ष:

दोस्तों अब आपको share market advice in hindiआर्टिकल में सभी जरुरी जानकारी मिल गयी होगी| शेयर मार्केट से जुडी ये सभी शेयर मार्केट एडवाइस बहुत ही उपयोगी है | अगर आप इन सभी एडवाइस का पालन करते है तो आप जरुर एक सफल ट्रेडर या इन्वेस्टर बन सकते है| धन्यवाद

बाजार में आई गिरावट में आम निवेशक को भारी पड़ेगी ये गलतियां, उठा लेंगे तगड़ा नुकसान

महंगाई और केंद्रीय बैंकों के सख्त रूख से शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है. बाजार में दबाव के बीच छोटे निवेशक ऐसी गलतियां कर देते हैं जिनका उन्हे हमेशा पछतावा रहता है. जानिये बाजार में गिरावट के समय किन गलतियों से दूर रहें

बाजार में आई गिरावट में आम निवेशक को भारी पड़ेगी ये गलतियां, उठा लेंगे तगड़ा नुकसान

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा

Updated on: Sep 17, 2022 | 11:53 AM

विदेशी बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों की वजह से घरेलू शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिल रही है. शुक्रवार को ही बाजार में निवेशकों ने 6 लाख करोड़ रुपये गंवा दिये है. वहीं बाजार के जानकार आगे भी अनिश्चितता के बीच बाजार में दबाव बने रहने की बात कर रहे हैं. ऐसे में आम लोगों के बीच डर और लालच दोनों ही बढ़ने की आशंका बन गई है. बाजार के अधिकांश जानकार आम निवेशकों से हर स्थिति में सोचसमझ कर फैसला लेने की बात करते हैं. लेकिन डर या लालच हावी होने पर आम निवेशक अक्सर ऐसा फैसला ले लेतें हैं जिससे उनका नुकसान होना तय हो जाता है. जानिए अगर बाजार में गिरावट हावी हो रही हो तो आपको किन गलतियों शेयर मार्केट का गणित से दूर रहने की जरूरत है.

घबराहट में बिकवाली करना

शेयर बाजार में गिरावट आने पर बिना सोचे समझे शेयर बेचने से बड़ी गलती कोई नहीं है. हालांकि ये भी सही नहीं है कि हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें. अगर आपने सिर्फ स्टॉक के प्रदर्शन को देखकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कहीं निवेश किया है तो तुरंत निवेश की समीक्षा करें और तेजी के साथ फैसला लें . हालांकि अगर आपने किसी कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर सोच समझकर निवेश किया है तो शांत रहें, मजबूत कंपनियों में संभावना होती है कि वो रिकवरी के संकेत दिखते ही न केवल अपने नुकसान की भरपाई करती हैं वहीं इस गति के साथ वो और बढ़त भी दर्ज करती हैं. सलाह दी जाती है कि निवेश सोचसमझ कर करें फिर अपने इस फैसले पर भरोसा बनाए रखें..

बाजार में निवेश बंद करना

छोटे निवेशकों की सबसे बड़ी समस्या ये है कि वो बाजार में गिरावट आते ही उसको लेकर नकारात्मक छवि गढ़ लेते हैं. ध्यान रखें की बाजार एक ऐसी जगह है जहां कई लोग तब भी कमा रहे होते हैं जब बाजार गिर रहा होता है…हालांकि इसके लिए बाजार की काफी अच्छी जानकारी होनी चाहिए. छोटे निवेशकों को चाहिए कि वो किसी भरोसे के मार्केट एक्सपर्ट के संपर्क में बने रहें. और गिरावट के बीच उनसे निवेशक के विकल्प के बारे में सलाह ले सकते हैं. सलाह है कि बाजार को लेकर सकारात्मक या नकारात्मक कोई राय न बनाएं. बेहतर है कि बाजार को समझने की कोशिश करें, जानकारों से बात करें उनसे सलाह लें और निवेश के विकल्प हमेशा खुले रखें

एसआईपी को बंद करना

बाजार में गिरावट के बीच ये एक और बड़ी गलती है जिसे छोटे निवेशक करते है. बाजार अगर गिरता है तो कई स्कीम के रिटर्न निगेटिव दिखने लगते हैं. ऐसे में कई लोग एसआईपी बंद करा देते हैं. हालांकि वो नहीं समझ पाते कि उन्होने दोगुना नुकसान उठाया है. पहला वो निवेश का चक्र तोड़ देते हैं वहीं निचले स्तरों पर पहुंचे स्टॉक्स की खरीद का फायदा गंवा देते हैं. साल 2008 में आए क्रैश के दौरान कई लोगों ने अपनी एसआईपी बंद कर दी थी. हालांकि जिन लोगो ने निवेश जारी रखा उन्हें बाजार में रिकवरी के साथ तगड़ा मुनाफा मिला. बाजार में एसआईपी के जरिए निवेश किसी भी छोटे निवेशक के लिए सबसे कारगर तरीका होता है हर महीने छोटी रकम के साथ निवेशक बाजार के एक्सपर्ट्स की रणनीतियों का फायदा उठाते हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि आप स्कीम पर नजर रखना ही छोड़ दें. आपको अपने निवेश की जानकारी होनी जरूरी है. ध्यान रखें कि एसआईपी समय से पहले बंद करने के नुकसान होते हैं इसलिए सोचसमझ कर ही इस पर निर्णय लिया जाना जरूरी है.

बड़ी मात्रा में निवेश करना

शेयर बाजार के लुढ़कने के दौरान एक शब्द काफी चलन में आ जाता है. वो है buying at dip यानि गिरावट पर खरीदारी. अधिकांश छोटे निवेशक भी इसके फेर में आ जाते हैं क्योंकि उन्हें भी ये गणित काफी सीधा लगता है जिसमें कम शेयर मार्केट का गणित कीमत पर खरीदना और ज्यादा कीमत पर बेचने की सोच होती है. लेकिन ये उतना सीधा नहीं है जितना ये लगता है.

पहला छोटे निवेशक नहीं जानते कि किसी स्टॉक में आई गिरावट के मायने क्या हैं. क्या वो अपने सही कीमत से गिर कर नीचे आया है या फिर वो गिरावट के बाद अपनी सही कीमत पर पहुंचा है. दूसरा छोटे निवेशकों को पता नहीं होता कि स्टॉक कितना गिरेगा और इसमें रिकवरी कब तक आएगी. इन सभी सवालों के बीच बाजार में बड़ी मात्रा में निवेश करना गलत कदम साबित हो सकता है.

Stock to Buy: पैसा बनाने के लिए एक्सपर्ट ने क्यों चुना MM Forgings, मिल सकता है 12% तक का रिटर्न

Stock to Buy: शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए एक्सपर्ट ने दमदार स्टॉक को चुना है और यहां पैसा लगाने की सलाह दी है. मोटा मुनाफा कमाने के लिए इस शेयर में दांव लगा सकते हैं.

Stock to Buy: शेयर बाजार में चौथे कारोबारी दिन यानी गुरुवार को दमदार तेजी देखने को मिल रही है. आज के ट्रेडिंग सेशन में सेंसेक्स में 500 से ज्यादा अंकों का उछाल है तो वहीं निफ्टी भी 17700 के पार ट्रेड कर रहा है. सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 1 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है. ऐसे में निवेशकों के पास पैसा लगाने का मौका है और दस्तूर भी. अगर आप भी तेजी वाले शेयर बाजार (Share Market Bullish) में पैसा बनाना चाहते हैं और दमदार शेयर में दांव लगाना चाहते हैं तो एक्सपर्ट की राय पर बाजार में खरीदारी कर सकते हैं. शेयर बाजार में खरीदारी के लिए मार्केट एक्सपर्ट संदीप जैन (Sandeep jain) ने दमदार स्टॉक को चुना है और वहां पैसा लगाने की सलाह दी है.

संदीप जैन को पसंद ये है स्टॉक

मार्केट एक्सपर्ट संदीप जैन ने खरीदारी के लिए MM Forgings को चुना है और वहां पैसा लगाने की सलाह दी है. एक्सपर्ट का मानना है कि इस शेयर में पैसा लगाकर निवेशकों की दमदार कमाई की जा सकती है. उन्होंने बताया कि वो इस स्टॉक को पहले भी दे चुके हैं और उस दौरान स्टॉक ने टारगेट अचीव किए थे.

आज MM Forgings को क्यों चुना संदीप जैन ने ?

संदीप जैन से जानिए कंपनी के फंडामेंटल्स, तेजी के ट्रिगर्स और टार्गेट[email protected] | @AnilSinghvi_

एक्सपर्ट ने बताया कि ये कंपनी 1946 से काम कर रही है और उस समय ये कंपनी रिटेल बिजनेस में थी और रॉयल एनफील्ड (Royal Enfield) को इम्पोर्ट करते थे. एक्सपर्ट ने बताया कि कंपनी ने 1974 में कंपनी ने पहली बार स्टील प्लांट लगाया था.

MM Forgings - Buy

  • CMP - 930
  • Target - 1030/1050

क्या करती है कंपनी?

मार्केट एक्सपर्ट ने बताया कि ये कंपनी पैसेंजर व्हीकल के लिए कंपोनेंट्स बनाती है और कमर्शियल व्हीकल के लिए कंपोनेंट्स बनाने का काम करती है. इसके अलावा एग्रीकल्चर कंपोनेंट्स भी बनाती है. इस कंपनी का बिजनेस 50 फीसदी घरेलू और 50 परसेंट इंटरनेशनल है.

कैसे हैं कंपनी के फंडामेंटल्स

एक्सपर्ट ने बताया कि कंपनी की रिटर्न ऑन इक्विटी 17 फीसदी है. इसके अलावा पिछले 5 साल की प्रॉफिट की CAGR 16-17 फीसदी के आसपास रही है. जून 2021 में कंपनी ने 24 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था, जबकि जून 2022 में कंपनी ने 20 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है.

कंपनी में शेयरहोल्डिंग्स का गणित

मार्केट एक्सपर्ट ने बताया कि कंपनी में घरेलू और विदेशी निवेशकों की तादाद 19 फीसदी है. इसके अलावा कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 56 फीसदी है. एक्सपर्ट ने बताया कि देश में कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल के नंबर्स अच्छे आ रहे हैं तो इसका फायदा इस कंपनी को मिल सकता है.

बाजार में आई गिरावट में आम निवेशक को भारी पड़ेगी ये गलतियां, उठा लेंगे तगड़ा नुकसान

महंगाई और केंद्रीय बैंकों के सख्त रूख से शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है. बाजार में दबाव के बीच छोटे निवेशक ऐसी गलतियां कर देते हैं जिनका उन्हे हमेशा पछतावा रहता है. जानिये बाजार में गिरावट के समय किन गलतियों से दूर रहें

बाजार में आई गिरावट में आम निवेशक को भारी पड़ेगी ये गलतियां, उठा लेंगे तगड़ा नुकसान

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा

Updated on: Sep 17, 2022 | 11:53 AM

विदेशी बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों की वजह से घरेलू शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिल रही है. शुक्रवार को ही बाजार में निवेशकों ने 6 लाख करोड़ रुपये गंवा दिये है. वहीं बाजार के जानकार आगे भी अनिश्चितता के बीच बाजार में दबाव बने रहने की बात कर रहे हैं. ऐसे में आम लोगों के बीच डर और लालच दोनों ही बढ़ने की आशंका बन गई है. बाजार के अधिकांश जानकार आम निवेशकों से हर स्थिति में सोचसमझ कर फैसला लेने की बात करते हैं. लेकिन डर या लालच हावी होने पर आम निवेशक अक्सर ऐसा फैसला ले लेतें हैं जिससे उनका नुकसान होना तय हो जाता है. जानिए अगर बाजार में गिरावट हावी हो रही हो तो आपको किन गलतियों से दूर रहने की जरूरत है.

घबराहट में बिकवाली करना

शेयर बाजार में गिरावट आने पर बिना सोचे समझे शेयर बेचने से बड़ी गलती कोई नहीं है. हालांकि ये भी सही नहीं है कि हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें. अगर आपने सिर्फ स्टॉक के प्रदर्शन को देखकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कहीं निवेश किया है तो तुरंत निवेश की समीक्षा करें और तेजी के साथ फैसला लें . हालांकि अगर आपने किसी कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर सोच समझकर निवेश किया है तो शांत रहें, मजबूत कंपनियों में संभावना होती है कि वो रिकवरी के संकेत दिखते ही न केवल अपने नुकसान की भरपाई करती हैं वहीं इस गति के साथ वो और बढ़त भी दर्ज करती हैं. सलाह दी जाती है कि निवेश सोचसमझ कर करें फिर अपने इस फैसले पर भरोसा बनाए रखें..

बाजार में निवेश बंद करना

छोटे निवेशकों की सबसे बड़ी समस्या ये है कि वो बाजार में गिरावट आते ही उसको लेकर नकारात्मक छवि गढ़ लेते हैं. ध्यान रखें की बाजार एक ऐसी जगह है जहां कई लोग तब भी कमा रहे होते हैं जब बाजार गिर रहा होता है…हालांकि इसके लिए बाजार की काफी अच्छी जानकारी होनी चाहिए. छोटे निवेशकों को चाहिए कि वो किसी भरोसे के मार्केट एक्सपर्ट के संपर्क में बने रहें. और गिरावट के बीच उनसे निवेशक के विकल्प के बारे में सलाह ले सकते हैं. सलाह है कि बाजार को लेकर सकारात्मक या नकारात्मक कोई राय न बनाएं. बेहतर है कि बाजार को समझने की कोशिश करें, जानकारों से बात करें उनसे सलाह लें और निवेश के विकल्प हमेशा खुले रखें

एसआईपी को बंद करना

बाजार में गिरावट के बीच ये एक और बड़ी गलती है जिसे छोटे निवेशक करते है. बाजार अगर गिरता है तो कई स्कीम के रिटर्न निगेटिव दिखने लगते हैं. ऐसे में कई लोग एसआईपी बंद करा देते हैं. हालांकि वो नहीं समझ पाते कि उन्होने दोगुना नुकसान उठाया है. पहला वो निवेश का चक्र तोड़ देते हैं वहीं निचले स्तरों पर पहुंचे स्टॉक्स की खरीद का फायदा गंवा देते हैं. साल 2008 में आए क्रैश के दौरान कई लोगों ने अपनी एसआईपी बंद कर दी थी. हालांकि जिन लोगो ने निवेश जारी रखा उन्हें बाजार में रिकवरी के साथ तगड़ा मुनाफा मिला. बाजार में एसआईपी के जरिए निवेश किसी भी छोटे निवेशक के लिए सबसे कारगर तरीका होता है हर महीने छोटी रकम के साथ निवेशक बाजार के एक्सपर्ट्स की रणनीतियों का फायदा उठाते हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि आप स्कीम पर नजर रखना ही छोड़ दें. आपको अपने निवेश की जानकारी होनी जरूरी है. ध्यान रखें कि एसआईपी समय से पहले बंद करने के नुकसान होते हैं इसलिए सोचसमझ कर ही इस पर निर्णय लिया जाना जरूरी है.

बड़ी मात्रा में निवेश करना

शेयर बाजार के लुढ़कने के दौरान एक शब्द काफी चलन में आ जाता है. वो है buying at dip यानि गिरावट पर खरीदारी. अधिकांश छोटे निवेशक भी इसके फेर में आ जाते हैं क्योंकि उन्हें भी ये गणित काफी सीधा लगता है जिसमें कम कीमत पर खरीदना और ज्यादा कीमत पर बेचने की सोच होती है. लेकिन ये उतना सीधा नहीं है जितना ये लगता है.

पहला छोटे निवेशक नहीं जानते कि किसी स्टॉक में आई गिरावट के मायने क्या हैं. क्या वो अपने सही कीमत से गिर कर नीचे आया है या फिर वो गिरावट के बाद अपनी सही कीमत पर पहुंचा है. दूसरा छोटे निवेशकों को पता नहीं होता कि स्टॉक कितना गिरेगा और इसमें रिकवरी कब तक आएगी. इन सभी सवालों के बीच बाजार में बड़ी मात्रा में निवेश करना गलत कदम साबित हो सकता है.

Share market का गणित

Share market का गणित

काफी लोगों के दिमाग में यह सवाल आता है कि share market का गणित क्यों सीखें? विभिन्न गणितीय अवधारणाएं, सांख्यिकी और अर्थमिति स्टॉक एक्सचेंज के भीतर आपके व्यापार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्टॉक एक्सचेंज का गणित निवेश के बेहतर विश्लेषण में मदद करता है। स्टॉक एक्सचेंज के गणितीय पैमाने उचित स्टॉक की पहचान करने में मदद करते हैं।

Share market का गणितीय सिद्धांत

शेयर बाजार की गणितीय अवधारणाएं ट्रेडिंग में विशेष भूमिका निभाती हैं। यहां हम विभिन्न गणितीय अवधारणाओं पर एक नज़र डालते हैं। शेयर बाजार में शुरुआत करने का तरीका जानने के लिए आप इस पोस्ट को पढ़ेंगे।

Descriptive Statistics
(वर्णनात्मक आँकड़ों)

वर्णनात्मक आंकड़ों के माध्यम से समझें, यह संक्षिप्त वर्णनात्मक गुणांक के साथ दिए गए डेटा सेट को सारांशित करता है।

Probability (संभावना)

Share market का गणित

प्रायिकता कोई भी गणितीय प्रणाली, चाहे वह कितनी भी उन्नत क्यों न हो, महत्वपूर्ण भविष्य की भविष्यवाणी नहीं कर सकती है। लेकिन यह (संभाव्यता) जटिल गणित घटनाओं की संभावना की गणना कर सकता है। यह स्टॉक एक्सचेंज पर लागू होता है। यह व्यापारियों को इस संभावना का अनुमान लगाने में सक्षम बनाता है कि किसी विशेष तिथि से पहले कुछ बुरा हो सकता है।

Linear Algebra (रैखिक बीजगणित)

रैखिक बीजगणित गणित की एक शाखा होती है जो रैखिक समीकरणों से संबंधित है। ऐसा A1 X1 + …… + An Xn = B रैखिक बीजगणित ज्ञान का एक काफी अंकगणित हो शेयर मार्केट का गणित सकता है, जिसके दौरान मैट्रिक्स और वेक्टर जानकारी का सार हैं।

Linear Regression (रेखीय प्रतिगमन)

रैखिक प्रतिगमन एक अन्य विषय है जो एल्गोरिदम बनाने में मदद करता है और एक मॉडल भी है जो आंकड़ों में विकसित होता है।

Calculus (गणना)

कैलकुलस एल्गोरिथम ट्रेडिंग के सबसे सिद्धांतों में से एक कैलकुलस है, जिसे कैलकुलस भी कहा जाता है। जो उन मूल्यों का अध्ययन करने का सुझाव देता है जो वास्तव में छोटे हैं यानी जिन्हें मापा जाएगा।

Calculus के दो प्रकार होते है

1.डिफरेंशियल कैलकुलस( Differential Calculus) – यह वक्रों की दरों और ढलानों में तात्कालिक परिवर्तन की गणना करता है।

Quant और Quantitative Analyst का क्या अर्थ है ?

क्वांट और क्वांटिटेटिव एनालिस्ट का क्या अर्थ है? मात्रात्मक विश्लेषक वित्तीय संस्थानों के लिए एक पॉश ढांचा शेयर मार्केट का गणित तैयार करता है। यह ढांचा उन्हें वित्तीय बाजार के भीतर मूल्य और व्यापार प्रतिभूतियों की सहायता के लिए बनाया गया है।

Quants दो प्रकार के होते है

फ्रंट ऑफिस क्वांट - ये Quants व्यापारी को मौद्रिक प्रतिभूतियों या व्यापारिक उपकरणों के मूल्य प्रदान करने में सहायक होती हैं।

बैक ऑफिस क्वांट्स - बैक ऑफिस क्वांट्स पहले पूरी तरह से शोध करता है और फिर ढांचे को मान्य करने और नई रणनीतियां बनाने पर काम करता है।

शेयर बाजार के लिए गणित क्यों जरूरी है?

Share market का गणित

क्वांट जिस तरह से काम करता है, वह काम के दौरान market के प्रदर्शन पर नजर रखता है। क्वांट कैसे पूर्वानुमानों को समर्थित बाजार डेटा बना सकता है? तो जवाब है "गणित"। वे गणित के विचार पर भविष्यवाणियां या भविष्यवाणियां करते हैं।

इस प्रक्रिया में स्टॉक एक्सचेंज से डेटा खरीदा जाता है और जानकारी खरीदने के बाद उसका विश्लेषण किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान स्टॉक मूल्य में उतार-चढ़ाव के संदर्भ में संभावित प्रतिशत बाधाओं का 65% या 75% होता है।

इस तरीके को समझना - भविष्य(long term) या अल्पावधि(short term) के भीतर स्टॉक की कीमत की परवाह किए बिना पूर्वानुमान या भविष्यवाणी करना।

जो लोग हाई-फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (एचएफटी)( High-frequency Trading) (HFT) के लिए एल्गोरिदम बनाते हैं, वे आपके थोड़े समय के दौरान बड़ी संख्या में ट्रेडों की भागीदारी पर नज़र रखते हैं।

उदाहरण के लिए - कीमत एक मिलीसेकंड के भीतर कूद सकती है यानी कीमत एक मिलीसेकंड में ऊपर या नीचे जा सकती है।

शेयर मार्केट में सफलता के लिए गणित का उपयोग कैसे करें

ट्रेडिंग गणना वास्तव में सरल और सीधी है। यदि आप किसी विशेष व्यापार के लिए 400 रुपये का खतरा ले रहे हैं तो या तो आपको 500 रुपये कमाने के बराबर होना चाहिए या फिर उस व्यापार में।

इसके बावजूद, यदि आप कुल व्यापार का 50 खो देते हैं, तो भी आप लाभ में रहेंगे, यदि आप इन नंबरों का उपयोग करते हैं।

अधिकांश सफल व्यापार करने वाले आधे समय के लिए ही सही होते हैं, वे हर बार एकमुश्त जीतने के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं, अर्थात प्रत्येक 10 में से 4 या 5 व्यापार जीतने से एक व्यापार करने वाला स्टॉक अनुरोध में आगे बढ़ सकता है।

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने "कितना खोया बनाम आप कितने शानदार तरीके से जीते"। हाँ, यदि आपने 4 ट्रेडों पर कमाया है और अन्य 6 में हानि हुई है, तो भी आप 500 में आगे हैं।

Share market का गणित

गाऊसी तर्क अप्रत्याशित दुर्घटनाओं की भविष्यवाणी नहीं कर सकता। उसी समय, पावर लॉ यह गणना कर सकता है कि शेयर मार्केट का गणित एक उपाय की कीमत में बदलाव दूसरे उपाय को कैसे प्रभावित करता है।

उदाहरण के लिए, किसी कंपनी का मूल्य उसकी परिश्रम में स्टॉक की कीमत को कैसे प्रभावित करेगा। यह मानक प्रस्थान की गणना में सहायक होता है।

Trading का मुख्य गणित क्या है ?

Share market का गणित

ड्राडाउन( Drawdown) - यदि आप अपनी इक्विटी पीक खो देते हैं, तो उसके बाद पूंजी की बाहरी जरूरत के लिए आपका क्या जवाब होगा?

स्टॉप लॉस( Stop Losses) – अगर आप गलत तरीका अपना रहे हैं या कोई गलती कर रहे हैं तो आप किसी भी ट्रेड में कितना ऐतिहासिक हारेंगे?

जीत(win) - आपके द्वारा खोए गए ट्रेडों के मुकाबले जीतने वाले ट्रेडों की संख्या के लिए आपकी क्या मांग है?

Related questions

स्टॉक मार्केट के गणित का अर्थ है कुछ ऐसी ही रणनीतियों का उपयोग करना ताकि निवेशक या व्यापारी कम निवेश पर अधिक लाभ प्राप्त कर सकें।

हां, लोग share market को सटेबाजी मानते हैं। लेकिन ये बिल्कुल भी सही नहीं है. ऐसा इसलिए है क्योंकि शेयर मार्केट पूरी तरह से गणित पर आधारित है। वर्तमान में शेयर की कीमत का बढ़ना और गिरना पूरी तरह से सही है। इसे समझने में आपको बस एक रुकावट है।

स्टॉप-लॉस एक popular तकनीक है जो आपके जोखिमों को कम करता है। यह एक पूर्व निर्धारति money है जो आप अपने target price पर लगाते है।

Conclusion

मुझे उम्मीद है कि आपको शेयर मार्केट का गणित post पसन्द आई होगी। इसे पढ़ने के बाद, आपने स्टॉक अनुरोध में गणित की आवश्यकता को स्वतंत्र रूप से समझा होगा। शेयर मार्केट का गणित की पूरी जानकारी हिंदी में उपलब्ध कराने के लिए मेरी हमेशा से कोशिश रही है ताकि उन्हें उस विषय में किसी अन्य जगह या इंटरनेट की खोज न करनी पड़े।

इससे उनका समय भी बचेगा और उन्हें सारी जानकारी भी एक ही जगह मिल जाएगी। हालाँकि, या तो यदि आपको इस विषय के बारे में कोई अनिश्चितता है या आप चाहते हैं कि इसमें कुछ शोधन हो। यह article आपको पसंद आया है तो अपने सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।

रेटिंग: 4.94
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 200
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *