प्रतिस्पर्धी रणनीति क्या है

ऋषि सुनक ने भारत और चीन के लिए कह दी यह बात, एक होगा खुश, दूसरा नाराज
आज तक 2 दिन पहले गीता मोहन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पद संभालने के बाद विदेश नीति पर अपने पहले प्रमुख संबोधन में चीन सरकार को आईना दिखाया. सुनक ने चीन की बढ़ती निरंकुशता को ब्रिटेन के मूल्यों और उसके हितों के लिए बड़ी चुनौती बताया है. ऐसे में उन्होंने कहा कि चीन के साथ ब्रिटेन के संबंधों का सुनहरा युग खत्म हो गया है.
सुनक ने लंदन में लॉर्ड मेयर के सालाना बैंक्वेट के दौरान कहा कि ब्रिटेन, चीन जैसे वैश्विक प्रतिस्पर्धी देशों के खिलाफ खड़ा होगा. यह सिर्फ बयानबाजी के स्तर पर नहीं होगा बल्कि व्यावहारिक भी होगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए ब्रिटेन समान विचारधारा वाले अपने सहयोगी देशों अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ संबंधों को और बढ़ावा देगा.
'चीन प्रदर्शनकारियों की सुनने के बजाए दमन कर रही'
ऋषि सुनक का कहना है कि हम चीन को हमारे मूल्यों और हितों के लिए बड़ी चुनौती मानते हैं. एक ऐसी चुनौती, जो चीन की लगातार बढ़ रही निरंकुशता के साथ ही और बढ़ती जा रही है.
चीन की बेहद सख्त जीरो कोविड रणनीति के विरोध में लोगों के प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनक ने कहा कि चीन सरकार प्रदर्शन कर रहे लोगों को सुनने के बजाए उनकी आवाज दबाने में लगी है. बीबीसी के एक पत्रकार के साथ भी मारपीट की गई.
उन्होंने कहा कि मीडिया और हमारे सांसदों को इस तरह के मामलों को बिना किसी रोक-टोक के सामने रखना चाहिए.
भारत के साथ FTA जल्द होगा
इस दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनक ने भारत के साथ नए फ्री ट्रेड डील (एफटीए) को लेकर प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन जल्द ही यह नई डील करेगा. ठीक इसी तरह की एक डील इंडोनेशिया के साथ भी होगी.
सुनक ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ संबंधों को बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्धी रणनीति क्या है हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. इसी के हिस्से के रूप में हम भारत के साथ एफटीए लाने पर विचार कर रहे हैं.
सुनक ने कहा कि मेरे दादा-दादी पूर्वी अफ्रीका और भारतीय उपमहाद्वीप के जरिए ब्रिटेन आकर बस गए थे. उन्होंने ब्रिटेन को ही अपना आशियाना बना लिया. हाल के सालों में हमने हॉन्गकॉन्ग, अफगानिस्तान और यूक्रेन से हजारों लोगों का ब्रिटेन में स्वागत किया है. ब्रिटेन एक ऐसा देश है, जो हमारे मूल्यों के साथ खड़ा है.
हम यूक्रेन के साथ खड़े
सुनक ने कहा कि हम रूस के खिलाफ यूक्रेन के साथ मुस्तैदी से खड़े हैं. हम सुरक्षा और अवैध इमिग्रेशन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए यूरोपीय देशों के साथ अपने संबंधों पर नए सिरे से विचार करेंगे.
उन्होंने कहा कि हम अगले साल यूक्रेन के लिए अपनी सैन्य मदद भी बढ़ाने जा रहे हैं. हम यूक्रेन के लोगों की सुरक्षा के लिए उन्हें कई आधुनिक हथियार मुहैया कराने जा रेह हैं.
संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरेगा विपक्ष
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार की नजर डाटा (आंकड़ा) संरक्षण विधेयक सहित करीब एक दर्जन विधेयक पारित कराने पर है लेकिन विपक्ष के तेवर देख लगता नहीं कि सदन में उसकी राह आसान होगी।
संसद भवन।
विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में राज्यपालों के कथित हस्तक्षेप, जांच एजंसियों के दुरुपयोग, बेरोजगारी, किसानों की समस्या, महंगाई, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग जैसे मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि हम सत्र में सुचारु रूप से कामकाज सुनिश्चित करना चाहते हैं। इसके बारे में छह दिसंबर को सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों के साथ चर्चा होगी और विषय तय किए जाएंगे। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आरएसपी सहित कई विपक्षी दल सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी के अलावा विपक्षी दलों के शासन वाले तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, केरल जैसे राज्यों में राज्यपाल द्वारा कथित तौर पर कामकाज में हस्तक्षेप करने के विषय को शीतकालीन प्रतिस्पर्धी रणनीति क्या है सत्र में पुरजोर तरीके से उठाने की तैयारी में हैं।
लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक के सुरेश ने बताया कि सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर अगले एक-दो दिनों में पार्टी की रणनीति संबंधी बैठक होगी जिसमें विषयों को अंतिम रूप दिया जाएगा।कांग्रेस प्रतिस्पर्धी रणनीति क्या है के वरिष्ठ नेता ने कहा कि विपक्षी दलों के शासन वाले तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, केरल, झारखंड जैसे राज्यों में राज्यपाल द्वारा कथित तौर पर कामकाज में हस्तक्षेप करने का विषय एक एक प्रमुख मुद्दा है। कुछ समय पहले महाराष्ट्र में भी हमने देखा था प्रतिस्पर्धी रणनीति क्या है कि क्या हुआ। उन्होंने कहा कि राज्यपालों द्वारा राज्य सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करना संविधान एवं संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ है और यह मुद्दा सत्र के दौरान उठाया जा सकता है।
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सुरेश ने कहा कि सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे को प्रमुखता मिलेगी, साथ ही किसानों के मुद्दे भी प्रमुख होंगे क्योंकि सरकार ने उनसे किया वादा पूरा नहीं किया है। मेघवाल ने कहा कि हम कम से कम 10 विधेयक पारित कराना चाहते हैं। इस बारे में चर्चा होगी और यह सब निर्भर करेगा कि परिस्थितियां कैसी रहती हैं। मेघवाल ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में जो भी विषय उठेंगे, उस पर विचार करने के बाद सत्र में चर्चा के मुद्दे तय किए जाएंगे और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इस बैठक के लिए लोकसभा एवं राज्यसभा में राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं को निमंत्रण भेज दिया है। यह पहला सत्र होगा जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राज्यसभा की अध्यक्षता करेंगे।संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार आंकड़ा (डाटा) संरक्षण विधेयक, कीटनाशक प्रबंधन विधेयक, वरिष्ठ नागरिकों एवं अभिभावकों के कल्याण एवं देखरेख से संबंधित विधेयक सहित करीब एक दर्जन विधेयकों को चर्चा एवं पारित कराने के लिए ला सकती है। सत्र के दौरान आंकड़ा (डाटा) संरक्षण विधेयक एक प्रमुख विधेयक है जिसपर सरकार और विपक्ष में सहमति बनना जरूरी होगा।
चीन के लिए विदेश नीति दृष्टिकोण पर यूके के पीएम ऋषि सुनक.
विदेश नीति पर अपने पहले प्रमुख संबोधन में, यूके के प्रधान मंत्री ऋषि सनक ने सोमवार को जोर देकर कहा कि ब्रिटेन और चीन के बीच "स्वर्ण युग" अब समाप्त हो गया है और यह चीन के प्रति दृष्टिकोण विकसित करने का समय है क्योंकि देश एक स्थिति बना रहा है। अपने अधिनायकवादी शासन के साथ ब्रिटेन के मूल्यों और हितों के लिए प्रणालीगत चुनौती। लंदन के गिल्डहॉल में लॉर्ड मेयर के भोज में अपने संबोधन के दौरान, सनक ने विदेश नीति पर अपना रुख सामने रखते हुए चीन में हो रहे मानवाधिकारों के हनन की भी आलोचना की।
"आइए स्पष्ट हो जाएं, तथाकथित 'सुनहरा युग' समाप्त हो गया है, साथ ही इस भोले विचार के साथ कि व्यापार सामाजिक और राजनीतिक सुधार की ओर ले जाएगा। हम मानते हैं कि चीन हमारे मूल्यों और हितों के लिए एक प्रणालीगत चुनौती पेश करता है, एक चुनौती जो अधिक तीव्र होती है जैसा कि यह और भी अधिक अधिनायकवाद की ओर बढ़ रहा है," यूके के प्रधान मंत्री ने अपने संबोधन में कहा।
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, "हम चीन पर अपने लचीलेपन को मजबूत करने और अपनी आर्थिक सुरक्षा की रक्षा करने पर दीर्घकालिक विचार कर रहे हैं," और कहा कि यूके चीन के वैश्विक महत्व को आसानी से अनदेखा नहीं कर सकता है।
यूके के प्रधान मंत्री ने भी COVID लॉकडाउन के खिलाफ चीन में चल रहे विरोध पर चिंता व्यक्त की और कहा कि लोगों की चिंताओं को सुनने के बजाय, चीनी सरकार ने "आगे की कार्रवाई को चुना है" जैसा कि उन्होंने चीन में बीबीसी रिपोर्टर की हालिया गिरफ्तारी और मारपीट पर प्रकाश डाला। .
हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी शंघाई की सड़कों पर उतर आए, जहां लोगों को पुलिस की कारों में बांधा जा रहा था। छात्रों ने बीजिंग और नानजिंग के विश्वविद्यालयों में भी प्रदर्शन किया है। इस बीच, रविवार की दोपहर शंघाई शहर में प्रतिस्पर्धी रणनीति क्या है सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए, जहां चीन की शून्य-कोविड नीति के खिलाफ शुरुआती घंटों में एक प्रदर्शन हुआ था।
एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रदर्शनकारी कागज के कोरे टुकड़े और सफेद फूल लेकर कई चौराहों पर चुपचाप खड़े रहे, इससे पहले कि पुलिस अधिकारी अंततः अवरुद्ध सड़कों को साफ करने के लिए चले गए।
सुनक इस महीने की शुरुआत में इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने वाले थे, लेकिन यूक्रेन की सीमा के पास एक पोलिश गांव में मिसाइल हमले के बाद नाटो सदस्यों के आपात बैठक के लिए इकट्ठा होने के बाद बैठक को रद्द कर दिया गया था।
प्रधान मंत्री ने यूके सरकार द्वारा उठाए गए उपायों को सूचीबद्ध किया, जिसमें चीन को ब्रिटेन में अपने प्रभाव को सीमित करने से रोकने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा और निवेश अधिनियम के तहत दिए गए नए अधिकार शामिल हैं।
इंडो-पैसिफिक पर ब्रिटेन के रुख को दोहराते हुए, सनक ने कहा कि इंडो-पैसिफिक 2050 तक यूरोप और उत्तरी अमेरिका के संयुक्त रूप से सिर्फ एक चौथाई की तुलना में वैश्विक विकास का आधा हिस्सा देगा, यही वजह है कि ब्रिटेन ट्रांस-पैसिफिक व्यापार सौदे में शामिल हो गया, व्यापक और ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (CTPPP) के लिए प्रगतिशील समझौता, भारत के साथ एक नया FTA प्रदान करना और इंडोनेशिया के साथ एक का अनुसरण करना।
भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच बहु-आयामी रणनीतिक साझेदारी है और द्विपक्षीय व्यापार में सक्रिय रूप से संलग्न हैं। दोनों देश जनवरी 2022 में एफटीए के लिए औपचारिक वार्ता शुरू करने पर सहमत हुए, जिसका उद्देश्य उनके बीच व्यापार और निवेश संबंधों को आगे बढ़ाना है।
यूक्रेन पर, सुनक ने कहा, "हम यूक्रेन प्रतिस्पर्धी रणनीति क्या है के साथ खड़े हैं और सुरक्षा और प्रवासन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए अपने यूरोपीय संबंधों को भी मजबूत कर रहे हैं।"
ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने पदभार ग्रहण करने के बाद पिछले सप्ताह कीव की अपनी पहली यात्रा की और रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन को ब्रिटेन के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।
ट्विटर पर लेते हुए, ब्रिटिश प्रधान मंत्री ने लिखा, "ब्रिटेन जानता है कि स्वतंत्रता के लिए लड़ने का क्या मतलब है। हम आपके साथ @ZelenskyyUa हर तरह से हैं," सुनक ने यूक्रेन के लिए समर्थन व्यक्त किया।
इससे पहले अगस्त में, ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सनक ने यूक्रेन के स्वतंत्रता दिवस पर एक पत्र लिखा था, जिसमें रूसी "आक्रामकता" का सामना करने और यूनाइटेड किंगडम के लोगों से समर्थन का वादा करने में देश के दृढ़ साहस की प्रशंसा की थी।
सनक ने यूक्रेन के बहादुर योद्धाओं की सहायता जारी रखने का वादा किया और घोषणा की कि चल रहे युद्ध के बीच यूक्रेन के लोगों को भोजन और दवा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ब्रिटेन मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के "प्रतिद्वंद्वी और प्रतिस्पर्धी लंबी अवधि के लिए योजना बनाते हैं" जैसा कि उन्होंने रूस और चीन का उल्लेख किया और कहा कि यूके "हमारे दृष्टिकोण में एक विकासवादी छलांग लगाएगा"।
न्यूज़ क्रेडिट :- लोकमत टाइम्स
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'द कश्मीर फाइल्स' पर जूरी हेड के बयान को अनुपम खेर ने बताया "शर्मनाक"
The Kashmir Files Controversy: ‘द कश्मीर फाइल्स’ 11 मार्च प्रतिस्पर्धी रणनीति क्या है को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. यह इफ्फी के ‘इंडियन पनोरमा सेक्शन’ का हिस्सा थी और इसका 22 नवंबर को प्रदर्शन किया गया प्रतिस्पर्धी रणनीति क्या है प्रतिस्पर्धी रणनीति क्या है था.
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53वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के जूरी प्रमुख और इज़राइली फिल्मकार नदव लापिद ने हिंदी फिल्म ‘ द कश्मीर फाइल्स' को सोमवार को ‘दुष्प्रचार करने वाली‘ और ‘भद्दी' फिल्म बताया था. इस मामले पर अब अभिनेता अनुपम खेर की प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने कहा है कि फिल्म समारोह में 'द कश्मीर फाइल्स' की आलोचना "पूर्व नियोजित" थी. फिल्म में नायक की भूमिका निभाने वाले अनुपम खेर ने लापिद पर कश्मीरी पंडितों की पीड़ा के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाया. खेर ने कहा, "यह पूर्व नियोजित लगता है क्योंकि उनकी टिप्पणी के तुरंत बाद टूलकिट गिरोह सक्रिय हो गया."
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उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित फिल्म पर इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी करना (यहूदी) समुदाय के एक व्यक्ति के लिए शर्मनाक प्रतिस्पर्धी रणनीति क्या है है जिसने प्रलय की भयावहता को झेला है. अभिनेता ने कहा, "भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें."
भारत में इस्राइल के राजदूत नौर गिलॉन ने भी लापिद की "द कश्मीर फाइल्स" पर उनकी टिप्पणी के लिए आलोचना की. बता दें कि इफ्फी 2022 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए लापिद ने कहा था कि फिल्म समारोह में इस फिल्म का प्रदर्शन किए जाने से वह 'परेशान और हैरान' हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम सब ‘द कश्मीर फाइल्स' फिल्म से परेशान और हैरान हैं. यह हमें एक दुष्प्रचार वाली और भद्दी फिल्म की तरह लगी जो इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के एक कलात्मक और प्रतिस्पर्धी खंड के लिए अनुपयुक्त थी.”
लापिद ने कहा, “ मैं इस भावना को आपके साथ खुले तौर पर साझा करने में सहज महसूस कर रहा हूं क्योंकि महोत्सव की भावना वास्तव में आलोचनात्मक चर्चा को स्वीकार कर सकती है जो कला और जीवन के लिए जरूरी है.”
‘द कश्मीर फाइल्स' 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. यह इफ्फी के ‘इंडियन पनोरमा सेक्शन' का हिस्सा थी और इसका 22 नवंबर को प्रदर्शन किया गया था. इस फिल्म के लेखक और निर्देशक विवेक अग्निहोत्री हैं. इसके निर्माता ज़ी स्टूडियोज हैं. फिल्म पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों की हत्या के बाद समुदाय के कश्मीर से पलायन पर आधारित है. इसमें अभिनेता अनुपम खेर, दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी समेत अन्य प्रमुख किरदारों में हैं.