बहुआयामी व्यापार मंच

व्यापारिक विदेशी मुद्रा

व्यापारिक विदेशी मुद्रा

विदेशी व्यापार किसे कहते हैं इसका क्या महत्व है ?

मनुष्य की आवश्यकताएँ अनन्त हैं। कुछ आवश्यकता की वस्तुए तो देश में ही प्राप्त हो जाती है तथा कुछ वस्तुओं को विदेशों से मंगवाना पड़ता है। भोगोलिक परिस्थितियों के कारण प्रत्येक देश सभी प्रकार की वस्तुए स्वयं पैदा नहीं कर सकता है। किसी देश में एक वस्तु की कमी है तो दूसरे देश में किसी दूसरी व्यापारिक विदेशी मुद्रा वस्तु की। इस कमी को दूर करने के लिए विदेशी व्यापार का जन्म हुआ है।


दो देशों के मध्य होने वाले वस्तुओं के परस्पर विनिमय या आदान’-प्रदान को विदेशी व्यापार कहते हैं। जो देश माल भजेता है उसे निर्यातक एवं जो देश माल मंगाता है उसे आयातक कहते हैं एवं उन दोनों के बीच होने वाल े आयात-निर्यात को विदेशी व्यापार कहते हैं।

विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) अथवा संक्षेप में फेमा पूर्व में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) के प्रतिस्थापन के रूप में शुरू किया गया है । फेमा ०१ जून, २००० को अस्तित्व में आया । विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) का मुख्य उद्देश्य बाहरी व्यापार तथा भुगतान को सरल बनाने के उद्देश्य तथा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के क्रमिक विकास तथा रखरखाव के संवर्धन के लिए विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून को समेकित तथा संशोधन करना है । फेमा भारत के सभी भागों के लिए लागू है । यह अधिनियम भारत के बाहर की स्वामित्व वाली अथवा भारत के निवासी व्यक्ति के नियंत्रण वाली सभी शाखाओं, कार्यालयों तथा एजेन्सियों के लिए लागू है ।. और अधिक

Goi Web Directory

Digital India

National Portal

My GOV

Incredible India

Election Commission of India

Data Gov

Website Content Owned and Managed by Department for Promotion of Industry and Internal Trade, Ministry of Commerce and Industry, Government of India Designed, Developed and Hosted by National Informatics Centre( NIC ) Last Updated: 20 Jun 2017

जिम्बाब्वे ने नई मुद्रा आरटीजीएस डॉलर में व्यापार शुरू किया

जिम्बाब्वे ने नई मुद्रा आरटीजीएस डॉलर में व्यापार शुरू किया |_40.1

जिम्बाब्वे ने अपनी नई मुद्रा, RTGS डॉलर में व्यापार करना व्यापारिक विदेशी मुद्रा शुरू कर दिया है, यह केंद्रीय बैंक के एक मौद्रिक संकट के प्रयास और इसे हल करने के उपायों की घोषणा करने के दो दिन बाद किया गया व्यापारिक विदेशी मुद्रा है. बैंक ने एक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली का अनावरण किया जिसने प्रभावी रूप से अपनी अर्ध-मुद्रा, बांड नोट का अवमूल्यन किया, जो आधिकारिक तौर पर अमेरिकी डॉलर के व्यापारिक विदेशी मुद्रा साथ समानता पर आंकी गई थी.

नई मुद्रा डिजिटल डॉलर और बांड नोट्स नामक इलेक्ट्रॉनिक बैंक बचत का स्थान लेगी और इसका नाम वास्तविक समय सकल निपटान प्रणाली के नाम पर रखा गया है जो बैंक एक-दूसरे के बीच धन हस्तांतरित करने के लिए उपयोग करते हैं.

उपरोक्त समाचार से NIACL AO Mains परीक्षा 2018 के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

इलाहाबाद: विदेशी मुद्रा का अवैध व्यापार करने वाला 1 युवक गिरफ्तार, 22 लाख रुपए की यूरो और दीनार बरामद

इलाहाबाद. सिविल लाइन पुलिस ने मंगलवार को विदेशी करेंसी के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया है। युवक के पास से यूरो, रियाल और दीनार के साथ मलेशियन रिंगिट भी बरामद की गई है। गिरफ्तार युवक के पास से 275 विदेशी नोटों पकड़े गए हैं जिनकी भारत में कुल कीमत करीब 22 लाख रुपए हैं।

सब इंस्पेक्टर सिविल लाइंस थाने के धीरेंद्र सिंह ने बताया, पकड़ा गया युवक विदेशी मुद्रा का अवैध व्यापार करता था। करीब 22 लाख रुपए की कीमत के 275 नोट उसके पास से बरामद किए गए हैं। पूछताछ में युवक ने बताया कि युवक का गिरोह इलाहाबाद, यूपी के कई शहरों से लेकर दिल्ली तक रैकेट चलाता था। इन रुपयों तो खपाने के लिए वो दिल्ली लेकर जा रहा था।

ये करेंसी मिली: उन्होंने बताया कि पकड़े गए युवक का नाम चांद है और पुलिस ने उसे हटिया मोहल्ले के एक होटल से गिरफ्तार किया है। युवक के पास से सऊदी रिया के पांच सौ के 231 नोट। 50 यूरो के 6 नोट, 20 कुवैती दीनार के साथ कई देशों की मुद्रा बरामद हुई है।

विदेशी मुद्रा भंडार 1.व्यापारिक विदेशी मुद्रा 09 अरब डॉलर घटकर 529.994 अरब डॉलर पर

नई दिल्ली। आर्थिक र्मोचे (economic front) पर सरकार को झटका लगने वाली खबर आई है। देश के विदेशी मु्द्रा भंडार (country’s foreign exchange reserves) में फिर गिरावट दर्ज हुई है। विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर ($529.99 billion down) घटकर 529.99 अरब डॉलर ( $1.09 billion) रह गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी।

आरबीआई के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में गिरावट की वजह स्वर्ण भंडार में आई कमी है। आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया। हालांकि, 28 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जो एक साल के दौरान किसी एक सप्ताह में सबसे अधिक तेजी थी।

यह भी पढ़ें | देश विरोधियों को जवाब देगा, विकास का संदेश नीचे तक ले जाएगा सुघोष अभियान

आंकड़ों के मुताबिक चार नवंबर को समाप्त हफ्ते के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) भी 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गई है। इसी तरह देश का स्वर्ण भंडार का मूल्य 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) भी 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर रह गया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया।

उल्लेखनीय है कि एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार बढ़कर 645 अरब डॉलर के अबतक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। जानकारों का कहना है कि देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने की मुख्य कारण वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का मुद्रा भंडार से मदद लेना रहा है। (एजेंसी, हि.स.)

रेटिंग: 4.84
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 297
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *