USD की वसूली

Twitter Blue Tick : चुकाने होंगे 1600 रुपये?, आईटी मंत्री ने कहा- ट्विटर ने अभी पुष्टि नहीं की
ट्विटर पर ब्लू टिक (Twitter Blue Tick) यूजर्स से हर महीने करीब 20 डॉलर शुल्क (करीब 1,600 रुपये) वसूलने की तैयारी हो रही है. ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने इसके संकेत दिए हैं. वहीं, इस पूरे मामले में भारत के आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
नई दिल्ली : दुनिया के सबसे अमीर आदमी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Tesla CEO Elon Musk) ने ट्विटर के सीईओ के रूप में पदभार संभालते ही बड़ा झटका दिया है. एलन मस्क ने संकेत दिए हैं कि कंपनी जल्द ही ब्लू टिक के लिए उपयोगकर्ताओं से शुल्क लेगी. रिपोर्ट के अनुसार ब्लू टिक ट्विटर ब्लू मेंबर्स तक ही सीमित होगा. इस पर भारत के आईटी मंत्री का बयान भी सामने आया है. आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने इसकी पुष्टि नहीं की है (Not confirmed by Twitter).
हर माह 1600 रुपये लेने की तैयारी : दरअसल ट्विटर अपनी उपयोगकर्ता सत्यापन प्रक्रिया को संशोधित करेगा. कंपनी कथित तौर पर ब्लू टिक फीस को बढ़ाकर 19.99 डॉलर (करीब 1,600 रुपये) करने की योजना बना रही है. इसके अलावा जो उपयोगकर्ता पहले से सत्यापित हैं, उन्हें अपने प्रोफ़ाइल पर ब्लू टिक रखने के लिए ट्विटर ब्लू की सदस्यता लेने के लिए 90 दिनों का समय मिलेगा. यह स्पष्ट नहीं है कि सत्यापन प्रक्रिया को अधिक सख्त या उदार बनाने के लिए ट्विटर नियमों में बदलाव करेगा या नहीं.
हालांकि टेस्ला इंक के सीईओ ने इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया है. प्रौद्योगिकी न्यूज़लेटर 'प्लेटफ़ॉर्मर' के मुताबिक यह संभावना है कि सत्यापन ट्विटर ब्लू का हिस्सा बन जाएगा. ट्विटर ब्लू को पिछले साल जून में प्लेटफॉर्म की पहली सदस्यता सेवा के रूप में लॉन्च किया गया था, जो मासिक सदस्यता के आधार पर 'प्रीमियम सुविधाओं तक विशेष पहुंच' प्रदान करती है. इस सुविधा वाले यूजर्स ट्वीट संपादित करने की सुविधा भी मिलती है.
आईटी मंत्री ने कही ये बात : ट्विटर द्वारा सत्यापन के बाद जारी किए जाने वाले बैज 'ब्लू टिक' के लिए प्रति माह 20 अमेरिकी डॉलर का शुल्क लेने की खबरों पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा कि माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने इसकी पुष्टि नहीं की है. उन्होंने कहा कि इसपर कोई भी टिप्पणी ट्विटर से वास्तविक स्थिति जानने के बाद ही की जा सकती है.
चंद्रशेखर ने कहा, 'यह बात ट्विटर ने नहीं की है. किसी ने इस खबर को चलाया है. इसकी ट्विटर ने पुष्टि नहीं की है. उन्हें जो कहना है, उसे कहने दीजिए और फिर हम टिप्पणी करेंगे. मैं अनुमान के आधार पर हस्तक्षेप नहीं कर सकता.'
मंत्री से उन खबरों पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया था, जिनके मुताबिक ट्विटर अपने उपयोगकर्ताओं की पहचान की पुष्टि करने वाले प्रतिष्ठित 'ब्लू टिक मार्क' के लिए शुल्क लेने पर विचार कर रहा है.
इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता टेस्ला इंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क ने शुक्रवार को 44 अरब डॉलर में ट्विटर का अधिग्रहण पूरा किया था. सरकार ने यह स्पष्ट किया कि वह भारतीयों के लिए सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट सुनिश्चित करने में सोशल मीडिया कंपनियों को भागीदार के रूप में देखती है.
रुपया लुढ़ककर 1 डॉलर = 60 रुपये 11 पैसे में
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का दौर जारी है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 60 के स्तर के नीचे चला गया है. आरबीआई की रुपये में गिरावट को रोकने की तमाम कोशिशें विफल होती नजर आ रही है.
शुरुआती कारोबार से ही दबाव
डीलरों के मुताबिक आरबीआई ने रुपये 59.9850 के स्तर पर डॉलर बेचे हैं. पहले भी कारोबार के दौरान आरबीआई ने डॉलर बेचे थे. रुपये ने 6 पैसे की हल्की गिरावट के साथ 59.72 के स्तर पर शुरुआत की थी. शुरुआती कारोबार के दौरान से ही रुपये पर दबाव नजर आ रहा है. मंगलवार को रुपया 59.66 पर बंद हुआ था. 1 मई से अब तक रुपये में 12 फीसदी की गिरावट आई है.
ब्रिटेन वाले घर से बेदखल होंगे माल्या: भगोड़े कारोबारी ने नहीं चुकाया 206 करोड़ का लोन, अब स्विस बैंक लग्जरी अपार्टमेंट बेचकर वसूली करेगा
भारत छोड़कर भागे कारोबारी विजय माल्या को ब्रिटेन में भी झटका लगा है। मंगलवार को वे ब्रिटेन में अपने लग्जरी अपार्टमेंट पर कब्जा बरकरार रखने की कानूनी लड़ाई हार गए। ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने स्विस बैंक UBS से लंबे समय से चल रहे विवाद में उन्हें स्टे देने से इनकार कर दिया।
कर्ज चुकाने के लिए और वक्त नहीं मिलेगा
मंगलवार को वर्चुअल सुनवाई में फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट के डिप्टी मास्टर मैथ्यू मार्श ने कहा कि UBS का 206 करोड़ रुपए (20.4 मिलियन GBP) का कर्ज चुकाने के लिए और वक्त देने के लिए कोई आधार नहीं है। लंदन के रीजेंट पार्क में 18/19 कॉर्नवॉल टेरेस स्थित लग्जरी अपार्टमेंट में माल्या की 95 वर्षीय मां ललिता रहती हैं। इसके मालिकों में विजय माल्या, उनके बेटे सिद्धार्थ माल्या और मां ललिता का नाम है।
लग्जरी अपार्टमेंट बेचकर कर्ज वसूली करेगा UBS
मई 2019 में जज सिमोन बार्कर ने माल्या को 30 अप्रैल 2021 तक लोन चुकाने का समय देते हुए फ्लैट पर कब्जा बरकरार रखने का आदेश दिया था, लेकिन माल्या इस तारीख तक कर्ज चुकाने में असमर्थ रहे। इस बीच UBS हाई कोर्ट पहुंचा था। अब UBS कर्ज वसूल करने के लिए इस लग्जरी अपार्टमेंट को बेच सकता है।
26 मार्च 2017 तक चुकाना था लोन
यह केस माल्या की एक कंपनी रोस कैपिटल वेंचर्स के लिए गए कर्ज से जुड़ा हुआ है। विजय माल्या ने ये कर्ज 5 साल के लिए 2012 में लिया था। लोन एक्सपायरी की तारीख 26 मार्च 2017 थी, लेकिन विजय माल्या उस तारीख तक पेमेंट नहीं कर पाया। पिछले साल अक्टूबर में, बैंक को माल्या के खिलाफ रिट ऑफ परमिशन जारी करने की अनुमति मिली थी।
2016 में भारत छोड़कर ब्रिटेन भागा माल्या
विजय माल्या पर 17 भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। वह 2 मार्च, 2016 को भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गया था। इसके बाद से भारत सरकार ब्रिटेन से माल्या का प्रत्यर्पण कराने की कोशिश कर रही है। भारत में माल्या की कई संपत्तियां भी जब्त हो चुकी हैं। अब माल्या के हाथ से लंदन का घर भी निकल गया है।
भारत के बेहद अहम पड़ोसी देश को चीन ने की थी 'ख़रीदने' की कोशिश, नतीजा कुछ और निकला
कल एक जानकारी सामने आई थी कि चीन ने श्रीलंका को भारी कर्ज की USD की वसूली पेशकश की है. लेकिन श्रीलंका के इस कदम से साफ है कि वो अब और चीनी कर्ज के मूड में नहीं है.
By: एबीपी न्यूज़/एजेंसी | Updated at : 18 Jan 2019 09:42 AM (IST)
मनीला: श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के साथ कुल 45.5 करोड़ डॉलर के तीन कर्ज समझौतों पर गुरुवार को हस्ताक्षर किए, जिससे हायर एजुकेशन, ट्रंसपोर्ट और शहरी इलाके में तकनीकी सहायता से जुड़ी कर्ज की परियोजनाओं में इस्तेमाल किया जाएगा. कल एक जानकारी सामने आई थी कि चीन ने श्रीलंका को भारी कर्ज की पेशकश की है. लेकिन श्रीलंका के इस कदम से साफ है कि वो अब और चीनी कर्ज के मूड में नहीं है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में कहा गया कि एडीबी मुख्यालय के अपने पहले दौरे के दौरान सिरीसेना ने इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए. वे फिलिपिंस के पांच दिनों के दौरे पर मंगलवार को यहां पहुंचे. इस कर्ज में 14.5 करोड़ डॉलर से एक परियोजना शुरू की जाएगी, जिमसें चार यूनिवर्सिटी में साइंस और टेक्नॉलजी फैकल्टी का विकास किया जाएगा. वहीं, 30 करोड़ डॉलर का खर्च कोलंबो इंटरनेशनल एयरोपर्ट को देश के एक्सप्रेसवे नेटवर्क से जोड़ने के लिए एक 5.3 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड सड़क के निर्माण पर किया जाएगा.
इसके अलावा के 1 करोड़ डॉलर का कर्ज श्रीलंका की शहरी परियोजनाओं के डिजायन को बनाने में सुधार में मदद के लिए एक फैकल्टी की स्थापना के लिए किया जाएगा. मनीला स्थित मुख्यालय वाले बैंक ने कहा है कि इस साल एडीबी श्रीलंका को कुल 81.5 करोड़ डॉलर का कर्ज देगा, जिसमें ये तीन कर्ज भी शामिल हैं.
चीन ने की है लोन की पेशकश पाकिस्तान को आर्थिक रूप से अपने बोझ के तले दबा देने वाली चीन को लेकर कल ये ख़बर आई थी कि ये भारत के एक और पड़ोसी देश को कर्ज़ के बोझ में ढंक देना या यूं कहें कि उसे 'USD की वसूली ख़रीद लेना' चाहता है. ड्रैगन की चौथी सबसे बड़े वित्तिय संस्था बैंक ऑफ चाइना ने श्रीलंका को 300 मिलियन डॉलर के कर्ज़ का ऑफर दिया है. चीन की इस संस्था ने कहा है कि इस ऑफर को बढ़ाकर एक बिलिनय डॉलर तक का किया जा सकता है.
सूत्रों के हवाले से बाहर आई इस जानकारी में ये भी कहा गया था कि श्रीलंका की सरकार इस कर्ज़ को लेने का मन बना रहा है. लेकिन श्रीलंका द्वारा आज लिए गए ताज़ा लोन के बाद ऐसा लगता नहीं कि श्रीलंका अब चीनी कर्ज लेगा. लोन लेने पीछे की वजह ये है कि देश में मची राजनीतिक उथल-पुथल का असर इसकी अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. इसकी वजह से इसकी आर्थिक रेटिंग गिरा दी गई है और अंतरराष्ट्रीय वित्तय संस्थानों से कर्ज़ लेने में इसे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
News Reels
ये ख़बर न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने अपने सूत्रों के हवाले से की है. हालांकि, एजेंसी का कहना है कि उसे अभी तक श्रीलंका के वित्त मंत्रालय और बैंक ऑफ चाइना का आधिकारिक पक्ष नहीं मिला है. भारत के सबसे करीबी पड़ोसियों में शामिल श्रीलंका अपने लोन नहीं भर पा रहा है. इसी की वजह से चीन ने पहले ही इसके हंबनटोटा बंदरगाह को 99 सालों के लिए अपने कब्ज़े में ले लिया है.
बीआरआई के तहत दुनिया को घेरता चीन आपको बता दें कि बेल्ट एंड रोड (बीआरआई) चीन के इतिहास की सबसे महत्वकांक्षी योजना है. इसके तहत 'ड्रैगन' विश्व भर में अपना प्रभुत्व कायम करना चाहता है. पश्चिमी जगत की मीडिया के अनुसार चीन इस परियोजना में खरबों रुपयों का निवेश दो वजहों से कर रहा है. एक तो विश्व भर में अपना प्रभुत्व कायम करने के अलावा चीन इसके सहारे अपनी धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था में भी नई जान फूंकना चाहता है. वहीं दूसरा, उनका ये भी मानना है कि पहले से विश्वभर में हो रहे चीनी निवेश और बढ़ते प्रभुत्व को बीआरआई के रूप में बस एक नया नाम दे दिया गया है.
ब्रिटेन के भरोसेमंद मीडिया हाउस में शुमार द गार्डियन में छपी एक रिपोर्ट में लिखा है कि जब शी जिनपिंग चीन के राष्ट्रपति बने उसके बाद उन्होंने एशिया, अफ्रीका और यूरोप को जोड़ने की एक महत्कांक्षी परियोजना की घोषणा की. इसी परियोजना को परिभाषित करने के लिए मौटे तौर पर बीआरआई का नाम स्वीकार किया गया जिसके तहत वो सारी आर्थिक और भू-राजनीतिक बातें आ जाएं जो चीन के नेतृत्व में हो रही हैं. बेल्ट एंड रोड जिसे चीनी भाषा में या डाई यी लू कहेंगे, चीन का 21वीं सदी का सिल्क रोड है. इसका मतलब व्यापार के उन जमीनी गलियारों और समुद्री मार्ग से है जिसके रास्ते व्यापार को आसान बनाने की तैयारी है. हालांकि, ये साफ नहीं है कि चीन ने ये ताज़ा लोन बीआरआई के तहत ऑफर किया है या नहीं.
कितने देश हैं इसका हिस्सा दक्षिण-पूर्व एशिया से लेकर पू्र्वी यूरोप और अफ्रीका तक कुल 71 देश बेल्ट एंड रोड परियोजना का हिस्सा हैं. इसमें विश्व की आधी आबादी और एक चौथाई जीडीपी शामिल है. बीआरआई की परिभाषा को इतान खुला रखा गया है कि इसके तहत ट्रंप के थीम पार्क से लेकर चोंगक्विंग के जैज कैंप तक आ जाता हैं. वही, पनामा से मेडागास्कर और साउथ अफ्रीका से न्यूजीलैंड तक ने इसे अपना समर्थन दिया है.
ये भी देखें
फटाफट: RSS ने राम मंदिर को लेकर मोदी सरकार पर साधा निशाना
Published at : 18 Jan 2019 09:34 AM (IST) Tags: Sri Lanka हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
विजय माल्या का दावा, सिर्फ 100 डॉलर में खरीदा सीपीएल फ्रेंचाइजी
विजय माल्या पिछले महीने भारत छोड़ गये थे जबकि लेनदार बैंक 9000 करोड़ रुपये की वसूली करने का प्रयास कर रहे थे।
व्यवसायी विजय माल्या (पीटीआई फाइल फोटो)
मुश्किलों में घिरे व्यवसायी विजय माल्या ने दावा किया है कि उन्होंने कैरेबियाई प्रीमियर टी20 लीग में एक फ्रेंचाइजी USD की वसूली ‘बारबाडोस ट्राइडेंट्स’ खरीदने के लिये महज 100 डॉलर दिये थे। माल्या ने यूनाईटेड स्प्रिट्स के चेयरमैन पद छोड़ने से पहले फरवरी में सीपीएल टीम खरीदी थी, तत्पश्चात उन्होंने आईपीएल फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर से भी नियंत्रण गंवा दिया। माल्या पिछले महीने भारत छोड़ गये थे जबकि लेनदार बैंक 9000 करोड़ रुपये की वसूली करने का प्रयास कर रहे थे।
माल्या ने बताया कि उन्होंने अन्य शेयरधारकों के साथ मिलकर किस तरह बारबाडोस ट्राइडेंट्स 100 डॉलर में खरीद थी। माल्या ने दावा किया, ‘‘हर किसी ने मेरे सीपीएल टीम बारबाडोस ट्राइडेंट्स खरीदने के बारे में बड़ा बखेड़ा खड़ा कर दिया। यह ऐसी संपत्ति थी जो सिर्फ 100 डॉलर में खरीदी गयी थी।’’ इसके बारे में बताते हुए माल्या ने हालांकि कहा कि फ्रेंचाइजी को चलाने का खर्चा करीब 20 लाख डॉलर होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘टीम खरीदने के बाद मेरे और अन्य शेयरधारकों के ऊपर टूर्नामेंट में भाग लेने की प्रतिबद्धता भी थी। सीपीएल में भागीदारी के लिये पैसे की जरूरत होती। इसलिये मैं बारबाडोस सरकार के पास गया और मैंने कहा कि मुझे उनके सहयोग की जरूरत है। मैं प्रधानमंत्री से मिला और सरकार ने मुझे मदद की सहमति दी लेकिन मैंने टीम खरीदने के लिये सिर्फ 100 डॉलर दिये थे।’’
Venus Transit: शुक्र ग्रह ने किया वृश्चिक राशि में प्रवेश, इन 3 राशि वालों को मिली दरिद्र योग से मुक्ति, धनलाभ के आसार
Budhaditya Yog: सूर्य देव का होगा वृश्चिक में प्रवेश, बुधादित्य राजयोग से 3 राशि वालों की चमक सकती है किस्मत
Rajiv Gandhi case convict: 31 साल बाद जेल से बाहर निकली नलिनी, सरकारों का शुक्रिया जता बोली- पब्लिक लाइफ में आने का इरादा नहीं
माल्या ने कहा, ‘‘टीम को चलाने का खर्चा करीब 20 लाख डॉलर है लेकिन बारबाडोस सरकार फ्रेंचाइजी को सब्सिडी दे रही है। लोग इसे नहीं समझते और कारण जाने बिना ही निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाग लेने का खर्चा होता है जैसे खिलाड़ियों का वेतन और फ्रेंचाइजी की फीस। इसलिये मैंने सारी आंकड़े जुटाये और सरकार के पास मदद के लिये गया। वे मेरी मदद के लिये तैयार थे।’’
सीपीएल में आईपीएल की तरह कोई केंद्रीय राजस्व नहीं होता इसलिये टीमें केवल टिकट बिक्री और प्रायोजन से ही राजस्व एकत्रित कर सकती हैं। भारत के किंग खान ‘शाहरुख खान’ ने भी सीपीएल फ्रेंचाइजी में निवेश किया है, जिसके नाम में बदलाव कर आईपीएल टीम कोलकाता नाइटराइडर्स की तर्ज पर त्रिनबागो नाइटराइडर्स कर दिया गया है।