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स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार

स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार

NSE और BSE क्या है?

बीएसई का मतलब है ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और एनएसई का मतलब है ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’। हालांकि हर कोई जानता है कि ये दोनों शेयर्स और बॉन्‍ड्स जैसी सिक्योरिटीज से जुड़े हुये हैं, लेकिन इनका असली मतलब शायद हर किसी को पता नहीं होगा। आइये हम बताते है क्या हैं बीएसई और एनएसई। भारत में दो शेयर बाज़ार हैं: बीएसई यानि ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और एनएसई यानि ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’।

भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज :

  • BSE यानि (Bombay Stock Exchange), की स्थापना सन 1875 में हई थी।
  • NSE यानि (National Stock Exchange) की स्थापना सन 1992 में हुई थी।

दोनों एक्सचेंज के सूचकांक(INDEX) :

  • NSE का सूचकांक NIFTY (‘N’=NSE तथा ‘IFTY’=fifty यानि NSE-50)| “NIFTY INDEX” NSE में सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिनिधित्व करती है। और
  • BSE का सूचकांक “SENSEX” (“सेंसिटिव इंडेक्स”) । “SENSEX INDEX” BSE में सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिनिधित्व(represent) करती है।

NSE और BSE index की गणना विधि क्या है ? :

SENSEX और NIFTY INDEX की गणना “free float market capitalization” विधि से की जाती है। यानी सेन्सेक्स की गणना “मार्केट कैपिटलाइजेशन-वेटेज मेथेडोलॉजी” के आधार पर की जाती है।

National Stock Exchange क्या है ?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मुंबई में स्थित है, यह भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह 1992 से अस्तित्व में आया और यहीं से इलेक्ट्रोनिक एक्सचेंज सिस्टम की शुरुआत हुई और पेपर सिस्टम खत्म हुआ।

एनएसई ने 1996 से निफ्टी की शुरुआत की, जो टॉप 50 स्टॉक इंडेक्स दे रहा था और यह तेजी से भारतीय पूंजी बाज़ार की रीड बना। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को 1992 को कंपनी के रूप में पहचान मिली और 1992 में इसे सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट, 1956 के तहत कर भुगतान कंपनी के रूप में स्थापित किया गया।

National stock exchange दुनिया का 11 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसका बजार पूंजीकरण (market capitalization) अप्रैल 2018 तक 2.27 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुच गया था ।

BSE यानि BOMBAY STOCK EXCHANGE क्या है ? :

बीएसई की स्थापना 1875 में हुई, इसे नेटिव शेयर और स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन’ के नाम से जाना जाता था। इसके बाद, 1957 के बाद भारत सरकार ने सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956 के तहत इसे भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दे दी।

सेन्सेक्स की शुरुआत 1986 में हुई, यह भारत का पहला इक्विटी इंडेक्स है जो कि टॉप 30 एक्सचेंज ट्रेडिंग कंपनियों को एक पहचान दे रहा था। सेंसेक्स का आधार वर्ष 1978-79 है

1995 में, बीएसई की ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू हुई, उस समय इसकी क्षमता एक दिन में 8 मिलियन ट्रांजेक्शन थी।

बीएसई एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है, और यह मार्केट डेटा सर्विस, रिस्क मैनेजमेंट, सीडीएसएल (सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड), डिपॉजिटरी सर्विसेज आदि सेवाएँ प्रदान करता है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दुनिया का 12वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, आउर जुलाई 2017 को इसका बाजार पूंजीकरण 2 ट्रिलियन डॉलर से ज़्यादा था।

बीएसई और एनएसई में मुख्य अंतर :

  • बीएसई और एनएसई दोनों भारत के बड़े शेयर बाज़ार हैं।
  • बीएसई पुराना और एनएसई नया है।
  • टॉप स्टॉक एक्सचेंज में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 10वां स्थान है वहीं एनएसई का 11वां।
  • इलेक्ट्रॉनिक एक्चेंज सिस्टम पहली बार एनएसई में 1992 में और बीएसई में 1995 में शुरू किया गया।
  • कितने शेयरों को शामिल किया जाता है : एनएसई का निफ्टी इंडेक्स 50 स्टॉक इंडेक्स दिखाता है वहीं बीएसई का सेन्सेक्स 30 स्टॉक एक्सचेंज दिखाता है।
  • बीएसई को 1957 में स्टॉक एक्सचेंज के रूप में पहचान मिली वहीं एनएसई को 1993 में पहचान मिली।

BSE और NSE के स्‍थापना को लेकर अंतर :

  1. एनएसई भारत का सबसे बड़ा एक्सचेंज है, बीएसई सबसे पुराना है।
  2. बीएसई 1875 में स्थापित हुआ, जब कि एनएसई 1992 में।
  3. एनएसई का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी है, जब कि बीएसई का सेन्सेक्स है। एनएसई में 1696 और बीएसई में 5749 कंपनियाँ सूचीबद्ध हैं।
  4. इनकी ग्लोबल रैंक 11 और 10 है।

निष्कर्ष : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दोनों भारतीय पूंजी बाजार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। रोज लाखों ब्रोकर और निवेशक इन स्टॉक एक्सचेंजों में ट्रेडिंग करते हैं। ये दोनों महाराष्ट्र के मुंबई में स्थापित हैं और सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से मान्यता प्राप्त हैं।

आपके सुझाव आमंत्रित है। इस आर्टिकल से संबंधित किसी भी प्रकार का संशोधन, आप हमारे साथ साझा कर सकते हैं। यह लेख आपको कैसा लगा अपनी राय निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें ।

10 Best Share Market Tips in Hindi (शेयर मार्केट टिप्स)

10 Best Share Market Tips in Hindi | शेयर मार्केट टिप्स

10 Best Share Market Tips in Hindi (शेयर मार्केट टिप्स)

शेयर बाजार में निवेश का मतलब है किसी कंपनी और उसके कारोबार में निवेश करना। अब जब आप अपना पैसा किसी बिजनेस में लगा रहे हैं तो उस कंपनी के बारे में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है साथ ही उस कंपनी में वर्तमान में क्या चल रहा है और उस कंपनी ने आने वाले समय में ग्रोथ के लिए क्या किया है, यह भी पता होना आवश्यक हैं।

जिस प्रकार शेयर बाज़ार के नियम होते हैं, ठीक उसी प्रकार यहां कुछ शेयर मार्केट टिप्स (Share Market Tips in Hindi) दी गई हैं जो आपको सही निवेश करने में मदद करेंगी।

1. निवेश करने से पहले सीखना जरुरी है

बिना कुछ जाने कभी भी शेयर बाजार में न कूदें। पहले शेयर बाजार को अच्छी तरह से समझ लें फिर उसमें आएं। परन्तु अब सवाल आता हैं की आखिर शेयर मार्केट कैसे सीखे?

सीखने के लिए खुद को समय दें, बिजनेस से जुड़े अखबार पढ़ें, शेयर बाज़ार की किताबें पढ़े, कंपनियों के बिजनेस प्लान को समझें, बैलेंस शीट पढ़ना सीखें, पी/ई, ईपीएस, आरओई स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार अच्छे से जानें फिर किसी भी शेयर में निवेश करें।

2. अपना निवेश लक्ष्य निर्धारित करें

शेयर मार्केट टिप्स (Share Market Tips in Hindi) में दूसरा सुझाव यह है कि एक निवेशक को सबसे पहले एक निवेश लक्ष्य बनाना चाहिए। कोई भी निवेश शुरू करने से पहले आपको निवेश के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करना होगा। और आप लक्ष्य कब निर्धारित कर सकते हैं जब आप जानते हैं कि जिस कारण से आप उस कंपनी में निवेश कर रहे हैं, वह कंपनी कितने समय तक बढ़ सकती है। जैसा कि आज का समय स्मार्टफोन का है, अगर कोई कंपनी स्मार्टफोन बना रही है तो वह बढ़ रही होगी और अपने शेयरधारकों को अच्छा रिटर्न दे रही होगी।

लेकिन क्या आप अभी से 5-10 साल में ग्रोथ की उम्मीद कर सकते हैं?

टेक्नोलॉजी में आए दिन कुछ न कुछ बदलाव और मांगें आती रहती हैं, जिससे आप आने वाले 2-4 सालों में कंपनी में निवेश करके अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं, लेकिन उससे आगे अगर कंपनी किसी नई तकनीक का इस्तेमाल नहीं करती है, तो शायद उसमें आप एक निश्चित समय के बाद ज्यादा लाभ या रिटर्न की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।

वहीं अगर आप ग्रीन एनर्जी जैसी कंपनियों को देखें तो हो सकता है कि अभी इसमें आपको ज्यादा अच्छा प्रदर्शन न दिखे, लेकिन आने वाले समय में आप इससे ज्यादा रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। इसलिए अगर आप आज ऐसी कंपनी चुनते हैं तो आपको कम से कम 5 साल या उससे ज्यादा समय तक इसे होल्ड करके ही अच्छा रिटर्न कमाने का मौका मिलेगा।

3. अच्छी कंपनी को चुनें

आपको ऐसी कंपनी की इक्विटी (शेयर) खरीदनी चाहिए जो आर्थिक रूप से बहुत मजबूत हो, साथ ही यह भी देखें कि उसका प्रबंधन (मैनेजमेंट) कैसा है। क्योंकि जो कंपनी आर्थिक रूप से कमजोर हो जाती है या जिसका प्रबंधन खराब होता है, उसके शेयर मूल्य घटने की संभावना बढ़ जाती है।

आप निफ्टी और सेंसेक्स में शामिल कंपनियों के शेयर को बेजिझक खरीद सकते हैं क्योंकि वह कंपनियां अपने क्षेत्र की बहुत अच्छी कंपनियां हैं।

4. फंडामेंटल एनालिसिस करें

अब हर टेक्नोलॉजी या ग्रीन एनर्जी कंपनी आपको एक जैसा रिटर्न नहीं दे सकती और साथ ही इन सेक्टर्स की हर कंपनी प्रॉफिटेबल नहीं हो सकती। तो कैसे तय करें कि कौन सी कंपनी किस क्षेत्र में बेहतर है?

उसके लिए कंपनी का मौलिक विश्लेषण (फंडामेंटल एनालिसिस) करना जरुरी है। फंडामेंटल एनालिसिस आपको कंपनी की सभी वैल्यू, प्रॉफिट, रेवेन्यू, डेट आदि की जानकारी देता है। इसके साथ ही वह आने वाले समय में कंपनी में अपेक्षित ग्रोथ की भी जानकारी देता है। एक तरह से फंडामेंटल एनालिसिस किसी भी कंपनी की सभी अच्छी और बुरी चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का एक तरीका है।

इसके लिए आपको कंपनी और उसके व्यवसाय का विस्तार से विश्लेषण करना होगा और विभिन्न अनुपातों की गणना करनी होगी जो आपको अंत में एक सही निर्णय लेने में मदद करता है। इसे आसान बनाने के लिए आप सबसे पहले स्टॉक मार्केट एनालिसिस कर सकते हैं, यानी आप इंडेक्स के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। इससे आप जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि कौन सा क्षेत्र फलफूल रहा है और कौन सा क्षेत्र घट रहा है और उसके अनुसार स्टॉक को श्रेय दे सकते हैं।

5. अलग-अलग सेक्टर्स में इन्वेस्ट करें

अपना सारा पैसा एक ही प्रकार के व्यवसाय में निवेश न करें। थोड़ा-थोड़ा करके आपको अपना पैसा कई तरह की कंपनियों में निवेश करना चाहिए।

शेयर बाजार में आपको निवेश के अलग-अलग विकल्प मिलते हैं जैसे इक्विटी शेयर, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड आदि। साथ ही बाजार में बहुत सारे सेक्टर हैं, आप अलग-अलग निवेश विकल्प चुन सकते हैं या उन सेक्टर्स में निवेश करने की योजना बना सकते हैं जो सेक्टर आने वाले समय में आपको अच्छा रिटर्न दे सकता है।

यह निवेशक को एक स्वस्थ और संतुलित पोर्टफोलियो बनाए रखने में मदद करता है। एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो अस्थिरता के प्रभावों को बेहतर ढंग से संभाल सकता है, क्योंकि एक सेक्टर में गिरावट अक्सर दूसरे में अपट्रेंड का कारण बनती है।

6. एवरेजिंग करें

किसी भी कंपनी में एक ही बार में पूरा पैसा निवेश न करें, बल्कि थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करें। जब भी मार्केट में गिरावट आये तब जिन शेयर्स को आपने पहले से ले रखा है उन्ही शेयर्स को फिर से कम दाम पर खरीद ले, इसे ही एवरेजिंग करना कहा जात है।

इस प्रकार से एवरेजिंग करने पर आपकी एवरेज बाइंग कास्ट निचे जाती जाएगी, और आप भविष्य में शेयर के बढ़ने पर ज्यादा मुनाफा कम सकेंगे। परन्तु एवरेजिंग केवल अच्छी और लो रिस्क कंपनियों के शेयर्स के साथ ही करें।

7. लम्बे अवधि के लिए निवेश करें

आपको शेयर बाजार में लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए। ऐसा करने से लाभ होना की सम्भावना बहुत हद तक बढ़ जाती है। Intra-day ट्रेडिंग से कम समय में अधिक पैसा कमाया जा सकता है लेकिन इसमें जोखिम भी है। इससे आपको नुकसान भी हो सकता है। इसलिए लॉन्ग टर्म निवेश ही करें।

8. भावनाओं पर काबू रखें

शेयर बाजार में निवेश के रास्ते में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक भावनाओं को नियंत्रित करना है। कई निवेशक महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं। समग्र बाजार प्रदर्शन और कंपनियों की कीमतें अल्पावधि में निवेशक भावना को दर्शाती हैं।

कभी-कभी किसी निवेशक का निर्णय अन्य निवेशकों के कार्यों से अत्यधिक प्रभावित होता है। इसके बजाय, तार्किक निर्णय लेने के लिए निवेशक को स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए।

भावनाओं पर काबू रखना, इसे आप शेयर मार्केट टिप्स (Share Market Tips in Hindi) में सबसे महत्वपूर्ण सुझावों में से एक के रूप में देखें।

9. पोर्टफोलियो के लिए रिस्क प्रोफाइल बनाएं

स्टॉक एक्सचेंज में निवेश करना जोखिम भरा है, इसलिए आपको अपना खुद का जोखिम प्रोफाइल जरुर बनाना चाहिए। इसमें एक तरह से सुनिश्चित कर लें कि आप कितना रिस्क ले सकते हैं।

ज्यादातर ब्रोकर आपको स्टॉप लॉस ऑर्डर का विकल्प देते हैं। इससे यह फायदा होता है कि जैसे ही शेयर की कीमत गिरने लगती है, तो आपके शेयर को आपके ब्रोकर द्वारा एक विशेष कीमत पर स्वचालित रूप से बेच दिया जाता है। इससे आप नुकसान उठाने से बच जाते हैं।

10. लालची होने से बचें

शेयर बाजार अप्रत्याशित और अत्यधिक अस्थिर हैं। कभी-कभी तो कई अनुभवी निवेशक भी बाजार की चाल को ठीक से समझ नहीं पाते हैं।

इसलिए शुरुआती निवेशकों के लिए यह थोड़ा मुश्किल है। इन्हीं कारणों से ट्रेडर्स को सलाह दी जाती है कि वे अपना निवेश करने से पहले बाजार में प्रवेश और बाहर निकलने की कीमतों का निर्धारण करें।

साथ ही, यह सलाह दी जाती है कि निवेशक द्वारा लक्ष्य प्राप्त करने के बाद पोजीशन को बंद कर दें। इसके बाद वे अपना मुनाफा बुक कर सकते हैं। शेयर बाजार के सुझावों से यह समझना आवश्यक है कि बाजार की स्थितियों की अपेक्षाओं के साथ कभी भी लालची न हों।

अंतिम शब्द

तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने शेयर मार्केट टिप्स (Share Market Tips in Hindi) के बारे में विस्तार से जाना हैं। मैं आशा करता हूँ की आप सभी को हमारा यह आर्टिकल जरुर से पसंद आया होगा।

अब यदि आपको यह लेख पसंद आया हैं और इससे कुछ भी नया सिखने को मिला हो तो इसे अपने सभी दोस्तों के साथ भी जरुर से शेयर करें।

आर्टिकल को अंत तक पढने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद!

सुधांशु HindiQueries के संस्थापक और सह-संस्थापक हैं। वह पेशे से एक वेब डिज़ाइनर हैं और साथ ही एक उत्साही ब्लॉगर भी हैं जो हमेशा ही आपको सरल शब्दों में बेहतर जानकारी प्रदान करने के प्रयास में रहते हैं।

Penny Stocks List: Pankaj Polymers Limited सहित इन पेनी स्टाॅक्स में दिखी जबरदस्त बढ़त, आगे भी तेजी के संकेत! ना चूकें मौका

भारतीय घरेलू सूचकांकों में बुधवार को तेजी देखी जा रही है। सूचकांकों ने सत्र की शुरुआत तेजी के साथ हुई है। इस दौरान सुबह 9:30 बजे बीएसई सेंसेक्स 0.28 फीसदी बढ़कर 61,588 के स्तर पर पहुंच गया है। निफ्टी 50 इंडेक्स 0.3 प्रतिशत बढ़कर 18,300 के स्तर पर पहुंच गया है। एसबीआई पर, डॉ रेड्डी, कोटक महिंद्रा बैंक, मारुति और बजाज फिनसर्व शीर्ष लाभ पाने वालों में थे। वहीं एनटीपीसी लिमिटेड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, आईटीसी और एशियन पेंट्स केवल स्टॉक ट्रेडिंग में नीचे दिख रहे थे।

बीएसई पर 1,793 शेयर बढ़ रहे हैं और केवल 814 शेयर नुकसान में हैं। वहीं 148 शेयर शेष अपरिवर्तित हैं। बीएसई फाइनेंशियल सर्विसेज और बीएसई रियल्टी में लगभग 0.5 फीसदी की बढ़त के साथ सभी सेक्टर उच्च स्तर पर कारोबार कर रहे थे। भारतीय व्यापक सूचकांक बेंचमार्क सूचकांकों के अनुरूप था। बीएसई स्मॉलकैप पर टॉप गेनर्स की बात करें तो इसमें सद्भाव इंजीनियरिंग लिमिटेड, टीसीएनएस क्लोथिंग लिमिटेड और आरती सर्फैक्टेंट्स क्रमशः 11 प्रतिशत, 8 और 7 फीसदी की बढ़त के साथ रहे। इसके विपरीत, शीर्ष हारने वालों में बालाजी टेलीफिल्म्स, ओलेक्ट्रा लिमिटेड और कोपरान लिमिटेड शामिल थे।

इधर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुक्त व्यापार समझौते को ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा पारस्परिक रूप से सहमत तिथि पर लागू होने के लिए हरी झंडी दे दी गई है। आज अपर सर्किट में बंद पेनी शेयरों की सूची इस प्रकार है। आने वाले सेशन के लिए इन शेयरों पर नजर रखी जा सकती है।

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Mutual Fund: 5 कंपनी के शेयर जिसमें आप निवेश करके मालामाल हो सकते हैं

mutual fund

दुनिया भर में मंदी की आशंका के बीच भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन शानदार बना हुआ है. इसके चलते विदेशी निवेशक एक बार फिर से यहां पैसा लगा रहे हैं. कोविड-19 की महामारी और रूस यूक्रेन के युद्ध के बाद दुनिया भर में महंगाई बढ़ गयी है. इसे वजह से दुनिया के कई देशों में मंदी की आशंका जताई जा रही है. हालांकि इस सबसे बेखबर भारतीय शेयर बाजार में निवेशक जमकर पैसा लगा रहे हैं.

विदेशी निवेशक भी रिकॉर्ड निवेश कर रहे हैं, म्यूच्यूअल फंड हाउस भी अच्छी कंपनी के शेयरों में निवेश करने से घबरा नहीं रहे हैं. इस वर्ष म्यूच्यूअल फंड कंपनियों ने बहुत सारे स्टॉक में निवेश किया है लेकिन कुछ ऐसे स्टॉक हैं, जिन पर एक साथ कई म्यूच्यूअल फंड हाउस ने दांव लगाया है. हम आपको पांच ऐसे शेयर बता रहे हैं जिन पर म्यूच्यूअल फंड कंपनियों की ओर से बड़ा रकम निवेश किया गया है.

आईसीआईसीआई लोंबारड (ICICI LOMBARD)

गैर-जीवन बीमा क्षेत्र में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड एक अच्छी कंपनी है। कंपनी टियर-3 और टियर-4 शहरों में डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बढ़ाने पर फोकस कर रही है। कंपनी के रिटर्न में सुधार देखा गया है, जिसके चलते निवेश आय पर मिलने वाला रिटर्न सुधरा है। आगे चलकर कंपनी की ग्रोथ और तेजी होने की उम्मीद है। इसके चलते म्यूचुअल फंड कंपनियां इसमें निवेश बढ़ा रही है। इस साल म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इस कंपनी के 2.57 करोड़ शेयर की खरीदारी की है। कंपनी का शेयर आज 1 फीसदी से कम गिरकर 1,129.40 रुपये पर कारोबार कर रहा है।

कजारिया सिरामिक्स (KAJARIA CERAMICS)

टाइल्स, बाथवेयर और सैनिटरीवेयर बनाने वाली कंपनी कजारिया सेरामिक्स को बिल्डिंग मैटेरियल्स स्पेस की मजबूत कंपनी है। रियल एस्टेट मार्केट में लगातार तेजी का फायदा इस कंपनी को मिलने की उम्मीद है। यह भारत में सिरेमिक/विट्रिफाइड टाइल्स का सबसे बड़ा निर्माता है। इसके चलते म्यूचुअल फंड कंपनियां इस कंपनी के शेयर पर जमकर दांव लगा रही है। एक साल में म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इस कंपनी के 1.26 करोड़ शेयर की खरीदारी की है। आज कंपनी के शेयर में 2 फीसदी से अधिक की तेजी है और शेयर 1,048.95 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।

कमिंस इंडिया (CUMMINS INDIA)

कमिंस की घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में मजबूत मांग देखी जा रही है। कमोडिटी की कीमतों में गिरावट और प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में भी कंपनी की मार्जिन बढ़ने की उम्मीद है। ऑटोमेशन पर कंपनी का फोकस है जो आगे मार्जिन बढ़ाने का काम करेगा। मार्केट एक्सपर्ट इसके शेयर की कीमत में तेज उछाल की उम्मीद लगा रहे हैं। पिछले एक साल में म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इस कंपनी के 1.17 करोड़ शेयर की खरीदारी की है। आज कंपनी का शेयर 0.63% गिरकर 1,341.30 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।

लौरस लैब्स (LAURUS LABS)

लौरस लैब्स जेनेरिक एपीआई (एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स) और फॉर्मूलेशन, कस्टम सिंथेसिस और स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार बायोटेक्नोलॉजी के सेगमेंट में काम करती है। कस्टम सिंथेसिस और एपीआई व्यवसायों में मजबूत प्रदर्शन ने जून-सितंबर में एक साल पहले की तुलना में 31% की मजबूत रेवन्यू वृद्धि हासिल करने में मदद की है। हालांकि, एंटी-रेट्रोवायरल ऑफटेक खराब होने के कारण फॉर्मूलेशन बिजनेस में महत्वपूर्ण नुकसान हुआ है। कुल मिलकार कंपनी का फ्यूचर ब्राइट है। इसके चलते म्यूचुअल फंड कंपनियों ने निवेश बढ़ाया है। पिछले एक साल में म्यूचुअल फंड कंपनियों ने लौरस लैब्स के 1.84 करोड़ शेयर की खरीदारी की है। आज 0.078 फीसदी गिरकर 449.70 रुपये पर कारोबार कर रहा है।

केईसी इंटरनेशनल (KEC INTERNATIONAL)

कंपनी ने अपनी रेवन्यू 2022-23 में 20% (पहले के 15% की तुलना में) तक बढ़ा दिया है, जो की रिकॉर्ड है। केईसी ने रेलवे व्यवसाय में ट्रेन टकराव से बचाव प्रणाली के नए उभरते हुए क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति का विस्तार किया। सिविल में कंपनी 2,500 करोड़ रुपये की आठ जल परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही है। डेटा सेंटर के लिए इसका तीसरा ऑर्डर है। आने वाले अक्टूबर-दिसंबर तिमाही से मार्जिन में सुधार की संभावना है। कुल मिलकार कंपनी आगे और बेहतर करेगी यह भरोसा है। इसके चलते म्यूचुअल फंड कंपनियां दांव लगा रही हैं। पिछले साल म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इस कंपनी के 38.78 लाख शेयर खरीदे हैं। आज कंपनी का शेयर 1.33 फीसदी टूटकर 417.75 रुपये पर कारोबार कर रहा है।

म्यूचुअल फंड में क्या फायदा होता है?

इसे आम निवेशकों के जोखिम को कम करता है और बेहतर रिटर्न देने की कोशिश करता है। म्यूचुअल फंड में आम लोग छोटी छोटी रकम से कम जोखिम के साथ निवेश की शुरुआत कर सकते हैं और आपके इस छोटे निवेश पर भी बाजार के एक एक्सपर्ट की लगातार नजर रहती है, जो पूरी कोशिश करता है कि आपका रिटर्न बाकी लोगों से ऊंचा रहे।

म्यूचुअल फंड के नुकसान क्या है?

इसलिए, कुछ उपकरणों में स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार जोखिम की डिग्री अधिक होती है जबकि अन्य में यह कम होती है। इसके अलावा, इस के रिटर्न हैंमंडी-जुड़े हुए। इसलिए, म्यूचुअल फंड पर रिटर्न की गारंटी नहीं है। हालांकि, अगर इक्विटी फंड लंबी अवधि के लिए रखे जाते हैं तो जोखिम की संभावना कम हो जाती है।

इसके कितने प्रकार होते हैं?

  • इक्विटी फंड
  • डेट फंड
  • हाइब्रिड फंड
  • समाधान उन्मुख फंड
  • इंडेक्स फंड जैसे अन्य फंड
  • इक्विटी म्यूचुअल फंड ज्यादातर पैसा अलग-अलग कंपनियों में विनिवेश करते हैं
  • इक्विटी म्यूचुअल फंड को आगे वर्गीकृत किया जा सकता है. लार्ज कैप फंड मिड-कैप पंडाल और मिड कैप फंड अ स्मॉल कैप फंड

निष्कर्ष

जैसा कि दोस्तों हमने आपको इस लेख से जुड़ा सारी जानकारी अपने इस लेख के जरिए आपको बताने की कोशिश की है. और यह भी बताया है कि इसके कितने प्रकार हैं. अगर फिर भी इस लेख से जुड़ा कोई अन्य सवाल हो जिसे हम इस लेख के जरिए पूरा ना कर सके तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं. आपके पूछेगा प्रश्नों का जवाब हम जरूर देंगे.

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