विदेशी मुद्रा में निवेश करें

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विदेशी मुद्रा समाधान विवरण:
- हम भारत में कहीं भी विदेशी मुद्रा (मुद्रा, यात्रा कार्ड और वायर ट्रांसफर और रखरखाव हस्तांतरण) की व्यवस्था करते हैं
- डोर स्टेप सेवाएं
- त्वरित और प्रतिस्पर्धी बाजार मूल्य
- लचीला समय
आवश्यक दस्तावेज
- मान्य पासपोर्ट
- वैध वीज़ा प्रति
- यात्रा टिकट
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्प्रवास पर विदेश जाने वाले व्यक्ति को कितनी विदेशी मुद्रा उपलब्ध है?
उत्प्रवास पर विदेश यात्रा करने वाले व्यक्ति अधिकतम 1000,000 अमरीकी डालर की विदेशी मुद्रा प्राप्त कर सकते हैं। यह भारत में एक अनुमोदित डीलर से स्व-घोषणा के आधार पर है। राशि का उपयोग केवल उत्प्रवास के देश में आकस्मिक व्यय को पूरा करने के लिए किया जाना है।
विदेश यात्रा के लिए कितनी विदेशी मुद्रा नकद में ले जाया जा सकता है?
आरबीआई कानून विदेशी मुद्रा को निर्दिष्ट करता है जिसे पर्यटन आदि जैसे उद्देश्यों के लिए विदेशी यात्राओं के लिए ले जाया जा सकता है। यह राशि किसी एक वित्तीय वर्ष में $ 10,000 है जिसे स्व-घोषणा के आधार पर एक अनुमोदित डीलर से प्राप्त किया जा सकता है। यात्रियों के लिए अब 3,000 डॉलर तक के विदेशी मुद्रा के सिक्कों/नोटों की अनुमति है।
क्या मैं किसी भी बैंक में विदेशी मुद्रा का आदान-प्रदान कर सकता हूं?
यदि आपके पास बचत या चेकिंग खाता है तो अधिकांश बैंक विदेशी मुद्रा के आदान-प्रदान की पेशकश करेंगे। यदि आपके पास कुछ मामलों में क्रेडिट कार्ड है तो बैंक मुद्रा का आदान-प्रदान करेगा।
क्या मैं क्रेडिट कार्ड से विदेशी मुद्रा खरीद सकता हूं?
आप उसी तरह से क्रेडिट कार्ड से विदेशी मुद्रा खरीद सकते हैं; आप डेबिट कार्ड के साथ करेंगे। केवल एक चीज जो आपको करने की आवश्यकता है वह है फॉरेक्स लोगों को सूचित करना कि आप अपने क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर रहे हैं। हालांकि, लेनदेन शुल्क लागू होंगे।
आप कब तक विदेशी मुद्रा रख सकते हैं?
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 2000, निर्दिष्ट करता है कि अप्रयुक्त विदेशी मुद्रा को विदेशों से वापसी के 6 महीने के भीतर वापस किया जाना चाहिए। फिर भी, यदि आप चाहें, तो आप अपने घरेलू निवासी विदेशी मुद्रा खातों में अधिकतम 2,000 अमरीकी डालर की विदेशी मुद्रा रख सकते हैं।
ब्लॉग: डॉलर के मुकाबले कमजोर होता रुपया पर दूसरी विदेशी मुद्राओं की तुलना में स्थिति अभी भी बेहतर
रुपया ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन और यूरो जैसी कई विदेशी मुद्राओं की तुलना में मजबूत हुआ है. वहीं, यकीनन इस समय डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत में गिरावट को रोकने के लिए और अधिक उपायों की जरूरत है.
कमजोर होते रुपए को संभालने की चुनौती (फाइल फोटो)
इस समय डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत निम्नतम स्तर पर पहुंचकर 80 रुपए के आसपास विदेशी मुद्रा में निवेश करें केंद्रित होने से मुश्किलों का सामना कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था और असहनीय महंगाई से जूझ रहे आम आदमी के लिए चिंता का बड़ा कारण बन गई है. हाल ही में प्रकाशित कंटार के ग्लोबल इश्यू बैरोमीटर के अनुसार, रुपए की कीमत में गिरावट और तेज महंगाई के कारण कोई 76 फीसदी शहरी उपभोक्ता अपने जीवन की बड़ी योजनाओं को टालने या छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं. ईंधन, खाने-पीने के सामान की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ बढ़ते पारिवारिक खर्चों के चलते, शहरी भारतीय उपभोक्ता अपने बचत खातों में कम पैसा बचा पा रहे हैं.
वस्तुतः डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर होने का प्रमुख कारण बाजार में रुपए की तुलना में डॉलर की मांग बहुत ज्यादा हो जाना है. वर्ष 2022 की शुरुआत से ही संस्थागत विदेशी निवेशक (एफआईआई) बड़ी संख्या में भारतीय बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के द्वारा अमेरिका में ब्याज दरें बहुत तेजी से बढ़ाई जा रही हैं. साथ ही दुनिया में आर्थिक मंदी के कदम बढ़ रहे हैं.
ऐसे में भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने के इच्छुक निवेशक अमेरिका में अपने निवेश को ज्यादा लाभप्रद और सुरक्षित मानते हुए भारत की जगह अमेरिका में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं. ऐसे में डॉलर के सापेक्ष रुपए की मांग में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है और डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है.
गौरतलब है कि अभी भी दुनिया में डॉलर सबसे मजबूत मुद्रा है. दुनिया का करीब 85 फीसदी व्यापार डॉलर की मदद से होता है. साथ ही दुनिया के 39 फीसदी कर्ज डॉलर में दिए जाते हैं. इसके अलावा कुल डॉलर का करीब 65 फीसदी उपयोग अमेरिका के बाहर होता है. भारत अपनी क्रूड ऑइल की करीब 80-85 फीसदी जरूरतों के लिए व्यापक रूप से आयात पर निर्भर है.
रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर कच्चे तेल और अन्य कमोडिटीज की कीमतों में वृद्धि की वजह से भारत के द्वारा अधिक डॉलर खर्च करने पड़ रहे हैं. साथ ही देश में कोयला, उवर्रक, वनस्पति तेल, दवाई के कच्चे माल, केमिकल्स आदि का आयात लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में डॉलर की जरूरत और ज्यादा बढ़ गई है. स्थिति यह है कि भारत जितना निर्यात करता है, उससे अधिक वस्तुओं और सेवाओं का आयात करता है. इससे देश का व्यापार संतुलन लगातार प्रतिकूल होता जा रहा है.
नि:संदेह डॉलर की तुलना में भारतीय रुपया अत्यधिक कमजोर हुआ है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद लोकसभा में यह माना है कि दिसंबर 2014 से अब तक देश की विदेशी मुद्रा में निवेश करें मुद्रा 25 प्रतिशत तक गिर चुकी है. इस वर्ष 2022 में पिछले सात महीनों में ही रुपए में करीब सात फीसदी से अधिक की गिरावट आ चुकी है. फिर भी अन्य कई विदेशी मुद्राओं की तुलना में रुपए की स्थिति बेहतर है.
रुपया ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन और यूरो जैसी कई विदेशी मुद्राओं की तुलना में मजबूत हुआ है. भारतीय रुपए की संतोषप्रद स्थिति का कारण भारत में राजनीतिक स्थिरता, भारत से बढ़ते हुए निर्यात, संतोषप्रद विकास दर, भरपूर खाद्यान्न भंडार और संतोषप्रद उपभोक्ता मांग भी है.
नि:संदेह कमजोर होते रुपए की स्थिति से सरकार और रिजर्व बैंक दोनों चिंतित हैं और इस चिंता को दूर करने के लिए यथोचित कदम भी उठा रहे हैं. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 22 जुलाई को कहा कि उभरते बाजारों और विकसित अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं की तुलना में रुपया अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है लेकिन फिर भी रिजर्व बैंक ने रुपए में तेज उतार-चढ़ाव और अस्थिरता को कम करने के लिए यथोचित कदम उठाए हैं और आरबीआई द्वारा उठाए गए ऐसे कदमों से रुपए की तेज गिरावट को थामने में मदद मिली है.
आरबीआई ने कहा है कि अब वह रुपए की विनिमय दर में तेज उतार-चढ़ाव की अनुमति नहीं देगा. आरबीआई का कहना है कि विदेशी मुद्रा भंडार का उपयुक्त उपयोग रुपए की गिरावट को थामने में किया जाएगा. 15 जुलाई को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 572.71 अरब डाॅलर रह गया है. अब विदेशी मुद्रा में निवेश करें विदेशी मुद्रा में निवेश करें आरबीआई ने विदेशों से विदेशी मुद्रा का प्रवाह देश की और बढ़ाने और रुपए में गिरावट को थामने, सरकारी बांड में विदेशी निवेश के मानदंड को उदार बनाने और कंपनियों के लिए विदेशी उधार सीमा में वृद्धि सहित कई उपायों की घोषणा की है.
यकीनन इस समय रुपए की कीमत में गिरावट को रोकने के लिए और अधिक उपायों की जरूरत है. इस समय डॉलर के खर्च में कमी और डॉलर की आवक बढ़ाने के रणनीतिक उपाय जरूरी हैं. अब रुपए में वैश्विक कारोबार बढ़ाने के मौके को मुट्ठियों में लेना होगा़.
हम उम्मीद करें कि सरकार द्वारा उठाए जा रहे नए रणनीतिक कदमों से जहां प्रवासी भारतीयों से अधिक विदेशी मुद्रा प्राप्त हो सकेंगी, वहीं उत्पाद निर्यात और सेवा निर्यात बढ़ने से भी अधिक विदेशी मुद्रा प्राप्त हो सकेगी और इन सबके कारण डॉलर की तुलना में एक बार फिर रुपया संतोषजनक स्थिति में पहुंचते हुए दिखाई दे सकेगा.
विदेशी मुद्रा में निवेश के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार
इंदौर (सचिन बहरानी): विजय नगर थाना पुलिस ने विदेशी मुद्रा में निवेश के नाम पर ठगी करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय एडवाइजरी कंपनी पर कार्रवाई करते हुए दो आरोपियो की हिरासत में लिया है। कंपनी अब तक कई लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुकी है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ जारी है। जिसमे कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
कई गुना पैसे बढ़ाने का देते थे लालच
मामला इंदौर के विजय नगर थाना क्षेत्र का है। यहां पुलिस ने प्रीमियम बिल्डिंग में प्लेटिनम ग्लोबल और बीएनबी नाम की कंपनी पर कार्रवाई की है। यह विदेशी मुद्रा में निवेश कर पैसे कई गुना बढ़ाने का लालच दिया जाता था। इसके लिए कंपनी की ओर से एक फर्जी सॉप्टवेयर भी बनाया गया था। कंपनी जल्द ही क्रिप्टो करेंसी की तर्ज पर क्वीन कॉइन लॉन्च करने वाली थी। कंपनी के 4 बैंक अकाउंट भी मिले हैं। फॉरेन ट्रेडिंग कंपनी लोगों से डॉलर में निवेश कराती थी।
क्वीन कॉइन को फर्जी सर्वर से संचालित करने की थी प्लानिंग
मौके से पुलिस ने अनिल और उसके साथी हरदीप सलुने को गिरफ्तार किया है। वही कंपनी का सर्वर जो कि विदेश से ऑपरेट किया जा रहा था। पुलिस अब सर्वर ऑपरेट करने वाले को पकड़ने के लिए टीम बनाकर रवाना करने वाली है। वहीं पकड़े गए दोनों आरोपियों से पुलिस की ओर से पूछताछ की जा रही है। वहीं मुख्य आरोपी अतुल बिष्ट की क्वीन कॉइन को फर्जी सर्वर के माध्यम से पूरे देश में संचालित करने की प्लानिंग थी। फिलहाल पुलिस के पास बड़ी संख्या में ठगी का शिकार हुए लोग पहुंचे हैं। जिसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।
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विदेशी मुद्रा में निवेश के नाम पर कोरोड़ों की ठगी, पुलिस गिरफ़्त में गैंग का मास्टरमाइंड
ज़्यादा पैसे कमाने के लालच में लोग जालसाज़ों के चंगुल में अक्सर फंस जाया करते हैं. इंदौर पुलिस ने एक ऐसे ही गैंग का खुलासा किया है जो विदेशी मुद्रा में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी कर चुके हैं. इंदौर पुलिस ने एक अंतर्राष्ट्रीय एडवाइज़री कंपनी पर कार्रवाई की और दो लोगों को हिरासत में लिया है. इस कंपनी ने कई लोगों को चूना लगाया है और अब तक करोड़ों की ठगी कर विदेशी मुद्रा में निवेश करें चुके हैं. पुलिस ने बताया कि पूछताछ में कई बड़े खुलासे की उम्मीद है.
जालसाज़ों के मकड़जाल का मामला इंदौर के विजय नगर क्षेत्र का है. इंदौर पुलिस ने प्रीमियम बिल्डिंग में प्लेटिनम ग्लोबल नाम की कंपनी पर छापेमारी की. ये दोनों कंपनी लोगों को लालच देकर विदेशी मुद्रा में निवेश कर पैसे कई गुना करने की बात कह कर लोगों को फंसाते थे. जिसके लिए उनके पास एक सॉफ़्टवेयर भी है. जो लोगों को ये झांसा देती थी कि जल्दी ही क्रिप्टो करेंसी के जैसे ही क्वीन कॉइन और क्वीन करेंसी लॉन्च करने वाली है.
पुलिस ने इस कंपनी के 4 बैंक अकाउंट का भी पता लगाया है. ये कंपनी लोगों से डॉलर में निवेश करवाती थी. पुलिस ने इस पूरे मामले में दो आरोपी अनिल और हरदीप को गिरफ़्तार किया है. साथ ही ये जानकारी मिली है कि कंपनी का सर्वर विदेस से ऑपरेट किया जा रहा था जिसकी पुलिस तलाश कर रही है.
इस गैंग का मुख्य आरोपी अतुल बिष्ट है जो फर्ज़ी सर्वर के ज़रि पूरे देश में क्वीन कॉइन चलाने की प्लानिंग कर रहा था. कई लोग पुलिस के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचे हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.