कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं?

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न कोई चिंता और न झंझट! Post Office की इस डिपॉजिट स्कीम में डबल हो जाएगा आपका पैसा और टैक्स बेनिफिट भी
अगर आप कही पैसे इन्वेस्ट करने का सोच रहे हैं कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं? और सेफ रिटर्न पाना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है। आज हम आपको पोस्ट ऑफिस की एक ऐसी स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें आपका अच्छा रिटर्न तो मिलेगा ही साथ ही और भी कई फायदे मिलेंगे। हम बात कर रहे हैं पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपॉजिट स्कीम (TD Account) के बारे में, खास बात यह है कि इस स्कीम में आपको बैंक से ज्यादा ब्याज मिलेगा। इस स्कीम को डाकघर (Post Office) की FD भी कहते हैं। आइए आपको बताते हैं इस स्कीम के बारे में डिटेल में बताते हैं।
कैसे कर सकते हैं निवेश शुरु?
US बाजार में निवेश के दो रास्ते हैं.
पहला तरीका सीधे निवेश का कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं? है. इसमें निवेशक भारतीय बाजार की तरह ही ब्रोकर के साथ रजिस्ट्रेशन कर स्टॉक्स में खरीद बिक्री कर सकता है. आजकल भारतीय ब्रोकरेज कंपनियां भी अमेरिकी ब्रोकरेज हाउस के साथ करार कर निवेशकों को आसान निवेश की सुविधा देती हैं. निवेशक जरूरी पैन कार्ड, कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं? घर के पते को सत्यापित करने वाले ID के साथ सीधे अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी के साथ भी बाजार में व्यापार के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
दूसरा तरीका म्यूचुअल फंड के रास्ते निवेश का हो सकता है. भारत में अनेकों म्यूचुअल फंड US बाजार आधारित फंड चलाते हैं. ऐसे फंड या तो सीधा अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड शेयरों में निवेश करते हैं या ऐसे बाजारों से जुड़े दूसरे म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. इस प्रक्रिया में किसी अलग तरह के रजिस्ट्रेशन और बाजार के गहरी समझ की जरूरत नहीं है.
पैसों के लेनदेन की क्या है प्रक्रिया?
अमेरिकी बाजार में निवेश के लिए भारतीय करेंसी को US डॉलर में बदलना होता है. फॉरेन एक्सचेंज संबंधी गतिविधि होने के कारण यहां RBI के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के नियमों का पालन जरूरी है. नियमों के तहत एक व्यक्ति बिना विशेष अनुमति के एक वित्तीय वर्ष में 2,50,000 डॉलर यानी करीब 1 करोड़ 80 लाख रूपये भारतीय सीमा के बाहर निवेश कर सकता है.
किसी भी बाजार में निवेश से बनाए पैसे पर भारत सरकार टैक्स लगाती है. नियमों के अनुसार अवधि के मुताबिक शार्ट या लांग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगाया जा सकता है. हालांकि डिविडेंड पर टैक्स US गवर्नमेंट लगाती है.
निवेश से पहले किन बातों को समझना जरूरी?
US या अन्य विदेशी बाजारों में निवेश से पहले इन्वेस्टमेंट से जुड़े विभिन्न तरह की फीस और चार्ज को समझना काफी जरूरी है. रुपये को डॉलर में कन्वर्ट करने की प्रक्रिया से लेकर म्यूचुअल फंड द्वारा चार्ज की जाने वाली एक्स्ट्रा फीस कमाई पर असर डाल सकती है. ब्रोकरेज कंपनियां भी स्पेशल दरों पर ब्रोकरेज चार्ज करती है. ऐसे में बेहतर है कि शार्ट टर्म के लिए और ज्यादा समझ के बिना निवेश ना करें. लंबे समय के निवेश ज्यादा रिटर्न दिला सकता है. ज्यादा रिस्क से बचने के लिए इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड में निवेश बेहतर हो सकता है.
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काम की खबर: नजारा का IPO तो खुला, लेकिन जानिए कैसे करें IPO में निवेश, डीमैट अकाउंट है जरूरी
हमारे देश में बचत के पैसे लगाने यानी निवेश करने के कई तरीके हैं। इन्ही में से एक है 'इनीशियल पब्लिक ऑफर' यानि IPO। निवेश का ये तरीका आज कल ट्रेंड में है। अगर आप भी IPO में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये समझ लीजिए कि IPO क्या होता है? दरअसल, जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर्स छोटे-बड़े निवेशकों के लिए जारी करती है तो उसका जरिया IPO होता है। इसके बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होती है।
IPO होता क्या है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपनी कंपनी के शेयर्स को लोगों को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। कंपनियों द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में आ सके। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीदारी और बिकवाली शेयर बाजार में हो सकेगी। यदि एक बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। इसके बाद शेयर को खरीदने और बेचने से कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं? होने वाले फायदे और नुकसान में भागीदारी निवेशकों की होती है।
इस फंड में जिसने हर महीने की 10 हजार की SIP, 27 साल बाद इतने करोड़ हो गई उसकी रकम
अगर आप भी शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करना चाहते हैं, लेकिन इसमें होने वाले अप एंड डाउन का रिस्क नहीं उठा सकते तो म्युचुअल फंड (Mutual Fund) आपके लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन है। म्युचुअल फंड में आप चाहें तो हर महीने अपनी बचत का एक हिस्सा SIP (Systematic Investment Plan) में लगा सकते हैं।
Nippon India Growth Fund: अगर आप भी शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करना चाहते हैं, लेकिन इसमें होने वाले अप एंड डाउन का रिस्क नहीं उठा सकते तो म्युचुअल फंड (Mutual Fund) आपके लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन है। म्युचुअल फंड में आप चाहें तो हर महीने अपनी बचत का एक हिस्सा SIP (Systematic Investment Plan) में लगा सकते हैं। यहां हर महीने किया गया छोटा-छोटा इन्वेस्टमेंट कुछ सालों में आपको बहुत बड़ा रिर्टन दे सकता है।