एक दलाल चुनना

दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर

दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर

ये हैं दुनिया की 9 दमदार करेंसी, जिसके सामने अमेरिकी डॉलर भी है 'छोटू '

ग्लोबल मार्केट में डॉलर की हैसियत काफी बड़ी है. फॉरेन एक्सचेंज मार्केट (foreign exchange market) में अमेरिकी डॉलर की डिमांड बनी रहती है. मगर दुनिया की 9 ऐसी करेंसी है, जिसके सामने यूएस डॉलर भी बौना हो जाता है. मिडिल ईस्ट और यूरोप के कई देशों मे प्रचलित करेंसी अमेरिकी डॉलर पर भारी पड़ती है. जानिए ताकतवर विदेशी मुद्राओं के बारे में

नई दिल्ली : घरेलू शेयर बाजार में पॉजिटिव ट्रेडिंग के बीच मंगलवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 75.49 प्रति डॉलर पर पहुंच गया. सोमवार को विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर की तुलना में रुपया 75.68 था. इंडियन करेंसी यानी भारतीय मुद्रा रुपया की मजबूती से यह उम्मीद जताई जा रही है कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सुधार आया है. 25 मार्च, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.03 बिलियन डॉलर की कमी के साथ 617.648 अरब डॉलर पर पहुंच गया था.

इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइज़ेशन लिस्ट के अनुसार दुनिया भर में कुल 185 करेंसी हैं मगर ग्लोबल ट्रेड में सबसे अधिक दखल अमेरिका के डॉलर की है. दुनिया भर के 85 फ़ीसदी इंटरनेशनल कारोबार में लेन-देन के लिए डॉलर का इस्तेमाल होता है. दुनिया भर के 39 फ़ीसदी क़र्ज़ यूएस डॉलर में दिए जाते हैं, इसलिए अमेरिकी डॉलर का वजन ज्यादा है. अगर मजबूत करेंसी की कीमत की बात करें तो अमेरिकी डॉलर दुनिया में 10वें स्थान पर है.

10 Strongest Currencies

3.26 अमेरिकी डॉलर के बराबर है एक कुवैती दिनार : अमेरिकी डॉलर से ज्यादा वजनदार 9 करेंसी हैं. दुनिया में सबसे मजबूत करेंसी की बात करें तो नंबर वन पर है कुवैती दिनार. एक कुवैती दिनार खरीदने के लिए 3.26 अमेरिकी डॉलर देने होंगे. भारतीय मुद्रा से अगर तुलना हो तो एक कुवैती दिनार (KWD) 246 रुपये के बराबर है. कुवैती दिनार 1960 में जारी किया गया था. इराक और सऊदी अरब के बीच बसे देश कुवैत क्रूड दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर ऑयल के ग्लोबल एक्सपोर्ट में करीब 10 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है. तेल पर टिकी अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है और उसका विदेशी मुद्रा भंडार भी समृद्ध है. इस कारण कुवैती दिवार की वैल्यू स्थिर रहती है. एक अमेरिकी डॉलर देने पर आपको सिर्फ 0.30 कुवैत दिनार मिलेगा.

10 Strongest Currencies

2. बहरीन दिनार (BHD) भी है अमेरिकी डॉलर पर भारी : बहरीन मिडिल-ईस्ट का छोटा सा इस्लामिक देश है. तेल के मामले में यह देश भी धनी है, जिसके कारण यहां की करेंसी मजबूत है. दुनिया का सबसे मजबूत करेंसी में बहरीन की मुद्रा दिनार (BHD) दूसरे नंबर पर है. एक अमेरिकी डॉलर हैसियत इस करेंसी के सामने 0.38 है. अगर कोई बहरीन दिनार (BHD) लेना चाहता है, उसे 2.65 अमेरिकी डॉलर देने होंगे. एक बहरीनी दिनार 199.87 रुपये के बराबर है. मगर यह इंटरनैशनल करेंसी के तौर पर स्वीकृत नहीं है.

10 Strongest Currencies

3. डॉलर के मुकाबले दमदार है ओमानी रियाल : ओमानी रियाल के आगे भी यूएस डॉलर कहीं नहीं ठहरता है. एक ओमानी रियाल की कीमत 2.60 अमेरिकी डॉलर है. भारतीय रुपये में इसका आकलन करें तो एक ओमानी रियाल की वैल्यू करीब 196 रुपये है. एक अमेरिकी डॉलर के लिए लगभग 0.38 ओमानी रियाल ही मिलेंगे.

10 Strongest Currencies

4. मजबूती में चौथे पायदान पर है जॉर्डेनियन दिनार : मजबूत करेंसी के मामले में दुनिया में जॉर्डन का दीनार (JOD) चौथे नंबर पर है. पहले जार्डन में फ़िलिस्तीनी पाउंड का प्रचलित था. 1950 में जॉर्डनियन दिनार या JOD जॉर्डन की राष्ट्रीय मुद्रा दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर बनी. अमेरिकी डॉलर इस करेंसी के सामने कमजोर है. एक डॉलर की कीमत लगभग 0.71 जॉर्डन दिनार है. जार्डन की एक दिनार के लिए 1.41 USD खर्च करने पड़ते हैं.

10 Strongest Currencies

5. ग्रेट ब्रिटिश पाउंड यानी पाउंड स्टर्लिंग की है कारोबार में दखल : ग्रेट ब्रिटेन पाउंड या पाउंड स्टर्लिंग (GBP) दुनिया की 5वीं सबसे मूल्यवान करेंसी है. यह दुनिया की सबसे पुरानी करेंसी में एक है. जब अंग्रेजों का राज दुनिया के देशों पर था, तब यह पाउंड ही इंटरनेशनल कारोबार के लिए प्रचलित था. अमेरिकी डॉलर के प्रभाव बढ़ने के बाद भी यह ग्लोबल कारोबार में दखल रखता है. दुनिया भर की लेन-देन में यानी विदेशी मुद्रा बाजार में इसकी हिस्सेदारी लगभग 12.8% है. एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 0.75 ग्रेट ब्रिटिश पाउंड ही है.

10 Strongest Currencies

6. जिब्राल्टर पाउंड (GIB) में भी डॉलर से ज्यादा दम : जिब्राल्टर पाउंड या जीआईपी जिब्राल्टर की राष्ट्रीय मुद्रा है और अंकित मूल्य पर ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग के साथ विनिमय योग्य है. ग्रेट ब्रिटिश पाउंड के मुकाबले इसकी कीमत थोड़ा कम है. एक अमेरिकी डॉलर के बदले लगभग 0.81 जिब्राल्टर पाउंड मिलेंगे. यह अमेरिकी डॉलर से ज्यादा दमदार है. मगर यह ब्रिटिश पाउंड की तरह विदेशी मुद्रा भंडार में प्रचलित नहीं है.

10 Strongest Currencies

7. केमैन आइलैंड्स डॉलर : दुनिया की 7वीं सबसे महंगी मुद्रा केमैन आइलैंड्स डॉलर (KYD) है, जो केमैन आइलैंड्स की राष्ट्रीय मुद्रा है. केमैन आइलैंड्स आज भी ब्रिटेन का स्वायत क्षेत्र है. टैक्स हेवन के तौर पर मशहूर केमैन आइलैंड्स पर विदेशी कंपनियां कारोबार के लिए आती हैं. इससे यहां विदेशी मुद्रा का भंडार बैलेंस रहता है. एक यूएस डॉलर लगभग 0.83 केमैन आइलैंड्स डॉलर के बराबर है. भारतीय रुपये से तुलना करें तो एक केमैन आइलैंड्स डॉलर के लिए करीब 90 रुपये देने पड़ेंगे.

10 Strongest Currencies

8. यूरो, (Euro) जो ग्लोबल ट्रेड में डॉलर को टक्कर देता है : अमेरिकी डॉलर के बाद यूरो ही एक ऐसी करेंसी है, जिसका चलन दुनिया में सबसे ज्यादा है. यूरो 19 देशों की आधिकारिक मुद्रा है. जर्मनी, फ्रांस और स्पेन जैसे देश इस करेंसी का उपयोग करते हैं. यूरो दुनिया के लिए कारोबारी मुद्रा के तौर पर भी पॉपुलर है. दुनिया भर में एक चौथाई कारोबार में यूरो से लेन-देन किया जाता है. यह यूएस डॉलर से मजबूत करेंसी है. एक अमेरिकी डॉलर के बदले लगभग 0.90 यूरो या 90 सेंट मिलेंगे. यह सबसे मजबूत करेंसी की लिस्ट में दुनिया में 8वें पायदान पर है.

10 Strongest Currencies

9. स्विस फ्रैंक (Swiss Franc) : स्विस फ़्रैंक (CHF) स्विट्जरलैंड और लिकटेंस्टीन दोनों की नेशनल करेंसी है. डॉलर Swiss Franc के मुकाबले मजबूती में थोड़ा कमजोर है. एक यूएस डॉलर बदले आपको लगभग 0.98 स्विस फ़्रैंक ही मिलेंगे. स्विट्जरलैंड दुनिया के सबसे स्थिर और धनी देशों में से एक है. कई यूरोपीय देशों में स्विस फ्रैंक से कारोबार होता है. इसके अलावा इस करेंसी के लिए स्विटजरलैंड ने कई नियम बनाए हैं, जो इसे मजबूत और स्थिर बनाता है. मसलन, स्विस फ्रैंक (Swiss Franc) की नकदी रखने की लिमिट तय है. एक सीमा के बाद यह बैंकों में रखना होता है. दुनिया भर के लोग स्विस बैंकों में अपना पैसा जमा करते हैं. यह ग्लोबल भरोसा स्विस फ्रैंक को डॉलर से मजबूत बनाए रखता है.

10वें नंबर पर है अमेरिका का डॉलर

अमेरिकी डॉलर संयुक्त राज्य अमेरिका और कई अन्य देशों की करेंसी है. यह दुनिया की प्राइमरी रिजर्व करेंसी है. दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों में यूएस डॉलर की डिमांड बनी रहती है. ग्लोबल ट्रेड में रोजाना 88 फीसदी कारोबार डॉलर के जरिये होते हैं, इसलिए यह दुनिया की कई करेंसी की वैल्यू को भी प्रभावित करती है. फॉरेन एक्सचेंज मार्केट (foreign exchange market) में इसकी डिमांड सबसे अधिक है. डॉलर को ग्लोबल करेंसी का रुतबा हासिल है. कोई भी मुद्रा दुनिया भर में किस हद तक प्रचलित है यह उस देश की अर्थव्यवस्था और ताक़त पर निर्भर करता है. डॉलर इस मामले में अव्वल है. इस करेंसी ने ही अमेरिका को ताकतवर बना रखा है.

World's Top Currency 2022: दुनिया की सबसे टॉप करेंसी जानते हैं आप? समझें भारतीय रुपये की उनके सामने क्या है वैल्यू

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World's Top Currency 2022: हर देश की अपनी मुद्रा होती है. उसी में उस देश में लेन-देन होता है. लेकिन दुनिया में कुछ ऐसी मुद्राएं हैं जो अपनी खास जगह बनाए हुए हैं. इन मुद्राओं (Top Currency 2022) की वैल्यू दुनिया के बाकी देशों की मुद्राओ के मुकाबले ज्यादा है. हालांकि इन मुद्राओं में भारतीय रुपया (INR) को अभी वह स्थान नहीं मिल सका है. क्या आपने कभी इन मजबूत मुद्राओं पर गौर किया है? आइए हम यहां इन पर चर्चा करते हैं और साथ ही भारतीय करेंसी यानी भारतीय रुपया इनके सामने कहां ठहरता है, इसे भी समझ लेते हैं.

डॉलर नहीं, ये है दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी, जानिए कौन हैं टॉप 5 मुद्रा

रामानुज सिंह

डॉलर से बारे में हम रोज सुनते रहते हैं। लेकिन यह दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी नहीं है। आइए यहां जानते हैं दुनिया की 5 सबसे मजबूत करेंसी कौन सी है।

Not dollar, it is the strongest currency in the world, know which are the top 5 Mudras

  • संयुक्त राष्ट्र ने करीब 180 करेंसी को लिगल टेंडर माना है।
  • हमारे रुपए की तुलना रोज डॉलर से साथ की जाती है।
  • लेकिन डॉलर दुनिया की सबसे ताकतवर मुद्रा नही है।

जब भी दुनिया की सबसे मजबूत मुद्राओं (करेंसी) की बात आती है तो हमारे जेहन में हमेशा डॉलर आता है क्योंकि हम रोज सुनते और पढ़ते हैं कि हमारा रुपए डॉलर की तुलना में कितना चढ़ गया है और कितना गिर गया है। लेकिन डॉलर सबसे मजबूत करेंसी नहीं है। तो आइए जानते हैं सबसे मजबूत करेंसी कौन है? गौर हो कि संयुक्त राष्ट्र ने करीब 180 मुद्राओं को लिगल टेंडर के तौर पर मान्यता दी है। दुनिया भर में करेंसी के मूल्य में नियमित रूप से उतार-चढ़ाव होता रहता है। कुछ मुद्राओं को दूसरों की तुलना में अधिक शक्तिशाली माना जाता है। आइए जानते हैं दुनिया में टॉप 5 सबसे मजबूत करेंसी कौन-कौन है।

दुनिया की नंबर 1 सबसे मजबूत करेंसी- कुवैती दीनार (KWD)

कुवैती दीनार (KWD) देश की आधिकारिक मुद्रा है। दीनार नाम रोमन दीनार से आया है। कुवैती दीनार को 1000 फिल्स में विभाजित किया गया है, एक सिक्का जो कई अरब देशों में इस्तेमाल किया जाता है। कुवैती दीनार को दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर व्यापक रूप से दुनिया की सबसे शक्तिशाली मुद्रा माना जाता है। कुवैती दीनार को संक्षेप में KWD भी कहते हैं। मध्य पूर्व में तेल से संबंधित लेनदेन में इसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। कुवैती दीनार मई 2021 तक सबसे मजबूत सर्कुलेटिंग करेंसी है। जिसमें 1 कुवैती दीनार 3.32 अमेरिकी डॉलर के बराबर है। यानी एक कुवैती दीनार 246 रुपए के बराबर है। कुवैती दिनार (KWD) को 1961 में खाड़ी रुपए के बदले में पेश किया गया था। खाड़ी का रुपया भारतीय रुपए से जुड़ी करेंसी थी। 1959 में भारत सरकार द्वारा जारी गल्फ रुपया, मुख्य रूप से फारस की खाड़ी क्षेत्र में भारत के बाहर उपयोग के लिए अभिप्रेत था। खाड़ी का रुपया, भारतीय रुपए की तरह, ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग (GBP) से आंका गया था।

दुनिया की नंबर 2 सबसे मजबूत करेंसी- बहरीन दीनार

बहरीन दीनार दुनिया की दूसरी सबसे मूल्यवान सर्कुलेटिंग करेंसी है, जिसमें एक बहरीन दीनार 2.65 अमेरिकी डॉलर के बराबर है, जो कुवैती दीनार से थोड़ा पीछे है, जिसकी कीमत 3.32 अमेरिकी डॉलर है। बहरीन फारस की खाड़ी में एक द्वीपीय देश है जिसकी आबादी 10 लाख से कुछ अधिक है। इसके राजस्व का प्राथमिक स्रोत, कुवैत की तरह, वैश्विक गैस और पेट्रोलियम निर्यात है। आश्चर्यजनक रूप से, बहरीन दिनार के साथ सऊदी रियाल को आधिकारिक तौर पर बहरीन में कानूनी करेंसी के तौर पर मान्यता प्राप्त है। उनकी विनिमय दर भी निर्धारित है, जिसमें 1 दीनार 10 रियाल के बराबर है।

दुनिया की नंबर 3 सबसे मजबूत करेंसी- ओमन रियाल

ओमान रियाल ओमान की नेशनल करेंसी है, जो अरब प्रायद्वीप पर स्थित है, और यह वर्तमान में दुनिया की सबसे मूल्यवान करेंसी में तीसरे स्थान पर है। 1940 से पहले ओमान की स्थानीय मुद्रा भारतीय रुपया थी, जिसे जल्दी से एक अधिक शक्तिशाली मुद्रा से बदल दिया गया था। ओमान की अर्थव्यवस्था ज्यादातर उसके तेल भंडार पर आधारित है, जो अरब प्रायद्वीप के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित है। ओमानी रियाल अमेरिकी डॉलर से बंधा हुआ है।

दुनिया की नंबर 4 सबसे मजबूत करेंसी- जॉर्डन दीनार

जॉर्डन की आधिकारिक मुद्रा जॉर्डनियन दिनार (JOD) है। यह जॉर्डन नदी पर स्थित एक अरबी देश है। जॉर्डन की सरकार स्थिर विनिमय दरों को बनाए रखती है, जो मुद्रा के उच्च मूल्य के पीछे मुख्य कारणों में से एक है। जॉर्डन, अपने पड़ोसियों के विपरीत, तेल निर्यात पर अत्यधिक निर्भर नहीं है, जॉर्डन दिनार, जिसे 1949 में फिलिस्तीनी पाउंड को बदलने के लिए पेश किया गया था, पिछले दो दशकों से अमेरिकी डॉलर से बंधा हुआ है।

दुनिया की नंबर 5वीं सबसे मजबूत करेंसी- ब्रिटिश पाउंड

स्टर्लिंग यूनाइटेड किंगडम की नेशन करेंसी है। ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग, दुनिया की सबसे मूल्यवान मुद्राओं में 5वें स्थान पर है। पाउंड स्टर्लिंग को अक्सर दुनिया की सबसे मजबूत मुद्रा माना जाता है। फिर भी, यह मजबूती के मामले में 4 अरबी करेंसी से पीछे है। यूनाइटेड किंगडम द्वारा यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के फैसले का पाउंड के मूल्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसके बावजूद, यह प्रचलन में दुनिया की सबसे पुरानी मुद्रा है और सबसे अधिक विनिमय में से एक है। केबल या जीबीपी/यूएसडी एफएक्स बाजार में तीसरी सबसे अधिक कारोबार वाली मुद्रा जोड़ी है।

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दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर

 Costliest Currencies of World: ये है दुनिया की 6 सबसे महंगी करेंसी

Costliest Currencies of World: ये है दुनिया की 6 सबसे महंगी करेंसी

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कई लोगों को लगता है की डॉलर ही दुनिया की सबसे महंगी करेंसी है

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कुवैती को दुनिया की सबसे मजबूत मुद्रा के रूप में जाना जाता है, यह दुनिया के कर-मुक्त देशों में से एक है

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बहरीन दुनिया की दूसरी सबसे मजबूत मुद्रा है

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ओमान रियाल सबसे मजबूत मुद्राओं की सूची में तीसरे स्थान पर है, इसका करेंसी कोड OMR है

डॉलर की मजबूती के आगे फीके पड़े बड़े देशों के विदेशी मुद्रा भंडार, अमेरिका और जापान के मुकाबले कहां है भारत

Foreign Reserve डॉलर की मजबूती के कारण पिछले कुछ महीनों में यूरो ब्रिटिश पाउंड और येन की कीमत में तेजी के गिरावट हुई है जिससे दुनिया के बड़े केंद्रीय बैंकों का विदेशी मुद्रा भंडार बड़ी मात्रा में गिरा है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। डॉलर के लगातार मजबूत रहने के कारण वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। भारत ही नहीं, यूरोप के बड़े देशों के विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से नीचे गिरे हैं। इसके पीछे का कारण इन देशों की ओर से अपनी मुद्रा को सहारा देने के लिए डॉलर को बड़ी संख्या में खर्च करना है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की शुरुआत से अब तक दुनिया के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में 1 ट्रिलियन डॉलर की कमी आ चुकी है और यह घटकर 12 ट्रिलियन डॉलर रह गया है। ब्लूमबर्ग की ओर से 2003 से आंकड़े एकत्रित किए जाने के बाद से अब तक की यह सबसे बड़ी गिरावट है।

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डॉलर दो साल की ऊंचाई पर

अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड की ओर से ब्याज दर लगातार तीसरी बार 0.75 प्रतिशत बढ़ाने के एलान के बाद से डॉलर पूरी दुनिया की मुद्राओं के मुकाबले लगातार मजबूत हो रहा है। डॉलर, यूरो और येन जैसी मजबूती मुद्राओं के सामने 20 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

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विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण

डॉलर की मजबूती के कारण दुनिया के विभिन्न देशों के पास विदेशी मुद्रा भंडारों में मौजूद अन्य विदेशी मुद्राओं जैसे यूरो और पाउंड की कीमत में तेजी से गिरावट हुई हैं। इसके कारण दुनिया के विदेशी मुद्रा भंडारों का मूल्यांकन गिरा है। वहीं, दुनिया के सभी देशों के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का एक अन्य बड़ा कारण डॉलर के सामने अपने देश की मुद्रा के अवमूल्यन में कमी लाने के लिए बड़ी मात्रा में डॉलर को बेचना है।

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उदाहरण के लिए, भारत का विदेश मुद्रा भंडार इस साल की शुरुआत से अब तक 96 बिलियन डॉलर गिरकर 538 बिलियन डॉलर पहुंच गया है। इसमें 67 प्रतिशत गिरावट दुनिया की अन्य मुद्राओं में कमी के कारण है, जबकि बाकी की गिरावट भारतीय रुपये में गिरावट रोकने के लिए डॉलर खर्च करने के कारण हुई है। इस साल की शुरुआत से अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में 10 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।

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जापान अपनी मुद्रा येन को संभालने के लिए करीब 20 बिलियन डॉलर की राशि को खर्च कर चुका है। 1998 के बाद यह पहला मौका था, जब जापान ने डॉलर के मुकाबले येन की स्थिति को संभालने के लिए करेंसी मार्केट में हस्तक्षेप किया था। इस साल से अब तक डॉलर के मुकाबले येन की कीमत में 19 प्रतिशत की गिरावट हुई है। यूरोपीय देश चेक रिपब्लिक के विदेशी मुद्रा भंडार में भी 19 प्रतिशत की गिरावट हुई है।

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भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। यह अभी भी 2017 के स्तर से 49 प्रतिशत अधिक है, जो कि नौ महीने के आयात के लिए काफी है।

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