एक दलाल चुनना

निवेश यंत्र

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बिहार सरकार ने कृषि यंत्र निर्माताओं को राज्य में निवेश का न्योता दिया है। इसके लिए राज्य सरकार ने इस क्षेत्र के उद्यमियों को रियायतें देने का भी वादा किया है। वहीं, उद्यमी इसके लिए राज्य सरकार से संरक्षण की मांग कर रहे हैं। निवेश यंत्र
राज्य सरकार के उद्योग विभाग के प्रधान सचिव नवीन वर्मा ने बताया, 'राज्य सरकार कृषि और संबंधित क्षेत्रों पर काफी ध्यान दे रही है। पैदावार में बढ़ोतरी के लिए हम कृषि के यांत्रिकीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके लिए किसानों में जागरूकता बढ़ाई जा रही है। इसके नतीजे भी अब देखने को मिल रहे हैं। राज्य में कृषि यंत्रों की मांग में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसे में इस क्षेत्र के उद्यमियों को राज्य में निवेश करना चाहिए। इसके लिए हम उनकी मदद करने के लिए भी तैयार हैं।' वर्मा ने बताया, 'परंपरागत रूप से बिहार उपभोक्ता राज्य रहा है। यहां अन्य राज्यों में उत्पादित की गई वस्तुएं बिकती हैं। हालांकि, हम इस तस्वीर में बदलाव चाहते हैं। इसके लिए कृषि यंत्रों का क्षेत्र बड़ा अवसर है।'
सचिव ने बताया, 'बिहार की 80 फीसदी आबादी आजीविका के लिए आज भी खेती पर निर्भर है। साथ ही, वे अब तेजी से कृषि यंत्रों को भी अपना रहे हैं। यह इन उद्यमियों के लिए अच्छा मौका है। अगर विनिर्माण (मैन्यूफैक्चरिंग) ईकाई स्थापित करने में वक्त लगता है, लेकिन कम से कम असेम्बलिंग ईकाई से तो इसकी शुरुआत की जा सकती है। इससे उद्यमियों की लागत कम होगी। वहीं, किसानों को भी उपकरणों के लिए कम कीमत चुकानी पड़ेगी।' राज्य सरकार ने इस क्षेत्र में निवेशकों को बड़ी रियायतें देने की योजना बनाई है। सूत्रों के मुताबिक इस क्षेत्र के निवेशकों को राज्य सरकार उनके कुल परियोजना आकार का 35 फीसदी अनुदान के रूप में देने की योजना बना रही है। सूत्रों के मुताबिक इस बारे में मोटे रूप से फैसला हो चुका है। हालांकि इस नीति को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
दूसरी तरफ, उद्यमियों ने इस उद्योग के विकास के लिए राज्य सरकार से संरक्षण की मांग की है। अखिल भारतीय कृषि यंत्र उद्योग संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने कहा, 'राज्य में कृषि यंत्रों का काफी बड़ा बाजार है। हालांकि, किसानों की कमाई अब भी काफी सीमित है। वहीं, राज्य सरकार साल में एक बार ही मेले का आयोजन कर कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान देती है। राज्य सरकार को अनुदान की प्रक्रिया को साल भर चालू रखना चाहिए, तभी इसका फायदा उद्योग और किसान, दोनों को मिलेगा।'

Diwali 2022: दिवाली पर जानें लक्ष्मी-गणेश की पूजन का विधान, प्रसन्न होकर आएंगी मां लक्ष्मी

पूजा-पाठ के साथ-साथ कुछ चीजों को घर में लाने से भी मां लक्ष्मी की कृपा घर परिवार पर बनी रहती है. आइए जानते हैं दिवाली के दिन किन चीजों को घर लाना शुभ माना जाता है.

Diwali 2022: दिवाली पर जानें लक्ष्मी-गणेश की पूजन का विधान, प्रसन्न होकर आएंगी मां लक्ष्मी

Diwali 2022: कार्तिक अमावस्या को देशभर में दिवाली मनाई जाती है. इस दिन मां लक्ष्मी निवेश यंत्र और गणेश की पूजन का विधान है. मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर भक्तों के बीच आती हैं और प्रसन्न होकर उनके घर में वास करती हैं.आइए जानते हैं दिवाली के दिन किन चीजों को घर लाना शुभ माना जाता है.

गोमती चक्र जरूर शामिल करें- मान्यता है कि पूजा में गोमती चक्र जरूर रखें. माता को गोमती चक्र अर्पित करने से मां की कृपा बनी निवेश यंत्र रहता है. इसके बाद लाल कपड़े में गोमती चक्र बांधकर अपनी तिजोरी में रखें. इससे मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है.

खंडित मूर्ति की पूजा न करें- दिवाली के दिन भूल कर भी खंडित मूर्ति की पूजा न करें. खंडित मूर्ति अशुभ फल देता है. मूर्ति लाते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि वे कहीं से खंडित न हो.

श्री यंत्र या फिर महालक्ष्मी यंत्र की पूजा करें- इस दिन श्री यंत्र या फिर महालक्ष्मी यंत्र की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है, इससे बिगड़े काम बन जाते हैं. दिवाली के बाद भी इनकी रोज पूजा करें. ऐसा करने से घर में धन की कमी नहीं होती.

कौड़ी खरीदना बेहद शुभ- इस दिन कौड़ी की पूजा का विशेष महत्व है. मां को कौड़ी अर्पित कर लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख लें.
ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है.

दिवाली नारियल खरीदने का महत्व- मां लक्ष्मी को नारियल काफी प्रिय है. ऐसा करने से मां खुश होती हैं.

दीपावली से जुड़ी परंपराएं
रंगोली- दिवाली के दिन रंगोली बनाने की परंपरा है. इस दिन साफ-सफाई कर घर के बाहर रंगोली जरूर बनाएं. ऐसा करने से मानसिक लाभ होता है. मां को रंगोली काफी पसंद है. इससे मन शांत होता है और घर में पवित्रता बनी रहती है.

घर में करें फूलों और आम के पत्ते से सजावट- दिवाली के दिन घर की सफाई कर उसे फूलों से सजाएं. इसके साथ ही आम के पत्ते को मेन गेट पर लगाने से पॉजिटिव एनर्जी घर में आती है. इसलिए घर की सजावट फूल और आम के पत्ते से करें.

नव भारत उद्यमिता यंत्र ऊर्जा संचयन Reading Time : 7 minutes -->

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा युवाओं को उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करके भारत के आर्थिक विकास को उत्प्रेरित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय उद्यमिता पुरस्कार (एनईए) आरंभ किए गए थे। वास्तविकता यह थी कि रोजगार इच्छुक की तुलना में अधिक रोजगार सृजक तैयार करना । यह इस दृष्टिकोण पर आधारित था कि भारत के युवाओं में पर्वत हिलाने और अपने हाथों से भाग्य लिखने की क्षमता है, बशर्ते उन्हें सही अवसर प्रदान किए जाएँ । इससे उन्हें अपने व्यवसाय को चलाने और दूसरों के साथ उसे विकसित करने संबंधी सकारात्मक ऊर्जा को रूपांतरित करने की अनूभूति होगी । इस स्वपन को साकार करने के लिए 2016 में 40 वर्ष से कम आयु के युवाओं, जिन्हें स्वयं यह सुनिश्चित करने का विश्वास था निवेश यंत्र निवेश यंत्र कि भारत तेजी से आर्थिक विकास की दिशा में आगे बढ़े, में प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न करने के लिए राष्ट्रीय उद्यमिता पुरस्कारों की घोषणा की गई थी ।

ये पुरस्कार 3 श्रेणियों A1, A2, A3 में हैं, जो निवेश के पैमाने पर निर्भर है और पूर्ण आवेदन पत्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ पिछले चIर वर्षों में राष्ट्रीय उद्यमिता पुरस्कारों की लोकप्रियता में धीरे-धीरे वृद्धि हुई है। यह एमएसडीई और राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सहयोगी संस्थानों द्वारा लक्षित बैठकों, कार्यशालाओं, एमएसएमई सम्मेलनों जैसे स्वनिर्धारित समारोहों, सेमिनार, विभिन्न व्यवसायिक विद्यालयों में पूर्व छात्रों की सभाओं के आधार पर निरंतर सलाह और कार्य की ठोस योजना के आधार पर संभव हुआ। ये सभी सामूहिक रूप से किया गया और पाया कि राष्ट्रीय उद्यमिता पुरस्कार देश के युवा उद्यमियों के बीच चर्चा का विषय हैं ।

73% पूर्ण आवेदनों में वृद्धि

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने भी 12 सहयोगी संस्थानों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा की ताकि एनईए 2019 में उनके द्वारा संचालित गतिविधियों को विशेष आवेदनों के आधार पर तार्किक रूप से निपटाया जा सके। परिणामस्वरूप, 2019 में पूर्णरूप से भरे हुए आवेदन 2379 से बढ़कर 4134 हो गए। यह व्यक्तिगत रूप से उद्यमियों की भागीदारी में 73% वृद्धि और साझेदारों एवं सहयोगिओं के लिए एक नई शुरुआत को दर्शाता है। यह उपलब्धि जमीनी स्तर की गतिविधियों और पुरस्कारों को बढ़ावा देने के लिए किए गए सोशल मीडिया में तालमेल के फलस्वरूप महत्वपूर्ण है।

पिछले पुरस्कार विजेताओं की कहानी ने एनईए पुरस्कारों की प्रासंगिकता में वृद्धि करने में मदद की है। आगामी वर्ष में कौशल विकास और उद्यमशीलता निवेश यंत्र मंत्रालय को अधिक उत्साह के साथ काम करते देखा जाएगा, क्योंकि समर्पित प्रतिभागियों की संख्या का उतार-चढ़ाव बड़ी संख्या में पूर्ण आवेदनों में परिलक्षित होता है।

पुष्य नक्षत्र पर बाजार गुलजार, मुहूर्त में बहीखाते लेने पहुंचे व्यापारी

इंदौर. पुष्य नक्षत्र के अवसर पर बुधवार को बाजार गुलजार है। व्यापारी वर्ग शुभ मुहूर्त में बहीखातों की खरीदी कर रहा है। 30 अक्टूबर रात 3 बजकर 50 मिनट से शुरू हुआ पुष्य नक्षत्र 31 अक्टूबर की रात 2 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

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  • पुष्य नक्षत्र के अवसर पर इंदौर के बाजारों में बुधवार सुबह से ही काफी रौनक देखी जा रही है। सराफा बाजार, मारोठिया, कपड़ा बाजार, बजाज खाना चौक आदि बाजारों में ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है। इसके साथ ही शुभ मुहूर्त में वाहनों के साथ इलेक्ट्रॉनिक सामान भी खरीदे जा रहे हैं। शहर के सभी ज्वैलर्स के यहां ग्राहकों का जमावड़ा देखा जा रहा है।
  • शुभ मुहूर्त में व्यापारियों द्वारा बहीखाता, कलम, दवात आदि खरीदी गई। इसके लिए व्यापारियों ने परंपरागत वेषभूषा धारण कर रखी थी, सिर पर टोपी, साफा और कुर्ते पयजामे में सिर पर बहीखाता रखकर अपनी दुकानों पर पहुंचे।

पुष्य नक्षत्र : पुष्य नक्षत्र में खरीदी व इन्वेस्टमेंट करना बहुत ही शुभ माना जाता है। पुष्य के शुभ योग में यदि राशि अनुसार खरीदी की जाए व पैसा निवेश किया जाए तो बहुत ही कम समय में अच्छा रिटर्न मिल सकता है। जानिए राशि अनुसार क्या खरीदें पुष्य नक्षत्र पर.

मेष राशि
मेष राशि का स्वामी मंगल है। इस राशि के लोग पुष्य योग में वाहन, जमीन, मकान आदि खरीद सकते हैं। साथ ही खेती व उससे जुड़े उपकरण, कोयला आदि में निवेश इनके लिए फायदेमंद रहेगा।
ये न करें
इस राशि वालों को इस समय शेयर, केमिकल, चमड़ा, लोहे से संबंधी काम में निवेश करने से बचना चाहिए।


वृषभ राशि
इस राशि का स्वामी शुक्र है। शुक्र चंचल ग्रह है तथा चंद्रमा इस राशि में उच्च का होता है। इस राशि वाले लोगों को पुष्य नक्षत्र में अनाज, शक्कर, चावल, दूध एवं उससे बने पदार्थ, कॉस्मेटिक्स खरीदना चाहिए। साथ ही कपड़ा, चांदी, प्लास्टिक का सामान, खाद्य तेल, आटो पार्टस, वाहन में लगने वाली एसेसरिज, शेयर एवं रत्नों में निवेश करना लाभदायक रहेगा। शनि की ढय्या चल रही है, अर्थात लंबे निवेश से बचें।
ये न करें
जमीन, खनिज, कोयला, सोना, स्टील, चमड़ा, लकड़ी, वाहन, विदेशी दवाइयां आदि में निवेश से बचें।


मिथुन राशि
इस राशि का स्वामी बुध है। बुध व्यापार निवेश यंत्र करने वालों को लाभ देने वाला ग्रह है। इस राशि के लोग पुष्य के शुभ योग में लकड़ी, पीतल, गेहूं, दालें, कपड़ा, स्टील, प्लास्टिक, तेल आदि खरीद सकते हैं। सोना, कागज, सीमेंट, वाद्य यंत्र आदि में निवेश करने से लाभ संभव है। गुरु के षष्ठम हो जाने से अन्य फायदे भी होंगे।
ये न करें
चांदी, शकर, चावल, सूखे मेवे, कांसा, लोहा, जमीन, सेंट, केबल तार, वाहन, दवाई, पानी से संबधित पदार्थ में निवेश से बचने का प्रयास करें।


कर्क राशि
कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। इस राशि वालों को चांदी, चावल, शकर एवं कपड़ा उत्पाद करने वाली कंपनियों के शेयर, प्लास्टिक, अनाज, लकड़ी, केबल, तार, खाद्य सामग्री, आधुनिक उपकरण, बच्चों के खिलौने खरीदने या फायनेंस कंपनियों में निवेश करना लाभदायी रहेगा।
ये न करें
राहु का गोचर राशि में है, इसलिए जमीन, प्लाट, मकान, दुकान, तेल, सोना, पीतल, वाहन, पशु, रत्न, फर्टीलाईजर्स, सीमेंट, विदेशी दवाई कंपनियों में निवेश के पहले सावधान रहें।


सिंह राशि
इस राशि का स्वामी सूर्य है। इस राशि के लोगों के लिए सोना, गेहूं, कपड़ा, दवाई, रत्न, शेयर एवं जमीन-जायदाद, कागज, लकड़ी एवं उससे बनी चीजें, प्लास्टिक, केबल तार, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि खरीदने या इसमें निवेश करने से फायदा होने के योग बन रहे हैं।
ये न करें
गुरु के चतुर्थ होने से शेयर एवं वायदा बाजार में निवेश बिल्कुल न करें।


कन्या राशि
इस राशि का स्वामी बुध है। इस राशि के लोग पुष्य पर सोना, औषधी, केमिकल, फर्टीलाइजर्स, चमड़े से बने सामान, खेती व खेती के उपकरण खरीद सकते हैं। साथ ही इन्हीं में निवेश भी कर सकते हैं। इससे इन्हें बहुत ही जल्दी फायदा मिलने के योग बन रहे हैं।
ये न करें
शनि की ढय्या चल रही है, इसलिए जमीन, चांदी, सीमेंट, ट्रांसपोर्ट, पशुओं में निवेश से बचें। वायदा बाजार में अच्छी सलाह के बाद ही निवेश करें।


तुला राशि
इस राशि का स्वामी शुक्र है। इस राशि के लोग पुष्य के शुभ योग में लोहा, सीमेंट, स्टील, दवाई, केमिकल,चमड़े का सामान खरीद सकते हैं। साथ ही फर्टीलाईजर्स, कपड़ा, तार, इस्पात, कोयला, रत्न, प्लास्टिक, में निवेश करना शुभ अच्छा रहेगा।
ये न करें
जमीन, मकान, खेती, खेती संबधी उपकरण आदि में निवेश करने से बचें। वर्तमान शेयर एवं वायदा बाजार में अभी निवेश न करें।


वृश्चिक राशि
इस राशि का स्वामी मंगल है। मेष राशि की ही तरह इस राशि वालों को जमीन, मकान, दुकान, खेती,सीमेंट, रत्न, खनिज, खेती एवं मेडिकल के उपकरण कागज, वस्त्र में निवेश या खरीदने से लाभ होगा।
ये न करें
वर्तमान समय में शनि की साढ़ेसाती होने से शेयर, केमिकल, लोहा, चमड़ा, सोना, चांदी, स्टील, लकडी, लोहे के उपकरण व तेल में निवेश बिल्कुल न करें।

धनु राशि
इस राशि के स्वामी गुरु हैं। गुरु व्यापारियों को लाभ देने वाला ग्रह है। विशेषकर सोने एवं अनाज का व्यापार करने वालों के लिए। इस राशि वालो को निवेश के लिए भी इन्ही वस्तुओं पर ध्यान देना चाहिए। आभूषण, रत्न, सोना, अनाज, कपास, चांदी, शकर, चावल, औषधी, दूध से बने पदार्थ, पशुओं का व्यापार करने एवं उसमे निवेश करने या खरीदने से लाभ होगा।
ये न करें
तेल, केमिकल, खनिज, किराना व्यापार, केबल तार, शीशा, लकड़ी, जमीन, मकान, सीमेंट में निवेश करने से हानि होने की संभावना है। वर्तमान में शनि की साढ़ेसाती होने से जोखिमपूर्ण निवेश से बचें।

मकर राशि
इस राशि का स्वामी शनि है। इस राशि के लोग लोहा, इस्पात, केबल, तेल सभी प्रकार की खाद्य सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, खनिज पदार्थ, खेती उपकरण, वाहन, स्टील, आदि में निवेश करें या खरीदें। इससे इन्हें कई गुना फायदा हो सकता है।
ये न करें
जमीन, मकान, सीमेंट, सोना, चांदी, रत्न, निवेश यंत्र पीतल, अनाज, वस्त्र, शनि की साढे़साती अभी चल रही है, शेयर आदि में निवेश से बचें।


कुंभ राशि
इस राशि का स्वामी भी शनि है। पुष्य के शुभ योग में इस राशि के लोग तेल सभी प्रकार की खाद्य सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, लोहा, इस्पात, केबल, खनिज पदार्थ, खेती उपकरण, वाहन, स्टील, आदि में निवेश करें या खरीदें। इससे इन्हें फायदा होगा।
ये न करें
रत्न, पीतल, अनाज, वस्त्र, जमीन, मकान, सीमेंट, सोना, चांदी, शेयर आदि में निवेश करने से बचें।

मीन राशि
इस राशि का स्वामी गुरु है। इस राशि के लोग आभूषण, रत्न, सोना, चांदी, तेल, टीवी, आदि इलैक्ट्रानिक्स सामान, वाहन, बर्तन, स्टील, खेती के उपकरण आदि खरीद सकते है। गुरु की पंचम पूर्ण दृष्टि प्राप्त निवेश यंत्र होने से सभी प्रकार के निवेश से लाभ प्राप्त हो सकता है।
ये न करें
केमिकल, कोयला, लकड़ी और लोहे की चीजें न खरीदें।

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