इनवेस्टमेंट क्या होती है?

डिजिटल गोल्ड में इनवेस्टमेंट से ज्यादा रिटर्न मिलेगा ? एक्सपर्ट से जानें जवाब
आपके पास पर्याप्त पैसा है और निवेश करना चाहते हैं, लेकिन क्या आप इस उलझन में हैं कि कहां निवेश करें? तो हम आपके लिए फाइनैंशियल एक्सपर्ट के सुझाव लाए हैं, जो आपके पैसे को समझदारी से निवेश करने में मदद करेगा.
हैदराबाद : अच्छी आमदनी वाले कई लोग अपने पैसे को दोगुना करने की ख्वाहिश रखते हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं होता है कि बेहतर रिटर्न पाने के लिए कहां निवेश करें. इसके अलावा भारतीयों को सोने का शौक है और वे हमेशा सोने में निवेश की तलाश में रहते हैं. मौका मिलते ही सोना खरीद लेते हैं. अधिकतर लोग अपने इनवेस्टमेंट पर अधिक रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही अपने लक्ष्य को हासिल कर पाते हैं. बाकी बचे लोग यह जानना चाहते हैं कि ज्यादा रिटर्न के लिए किस स्कीम में निवेश करें? जिसमें हम इन्वेस्ट कर रहे हैं, उसमें कोई नुकसान तो नहीं होगा? ऐसे ही सवालों को हम एक्सपर्ट के नजरिये से बताते हैं, ताकि आपकी शंकाओं का समाधान हो सके.
अरुण का सवाल है कि मैं हर महीने दस हजार रुपये इनवेस्ट करने की प्लानिंग कर रहा हूं. मैं किस स्कीम में निवेश करूं, जिसमें मुझे कम से कम 14 प्रतिशत की दर से ऐन्युअल रिटर्न मिले.
फाइनैंशियल एक्सपर्ट तुम्मा बलराज का कहना है कि ज्यादा रिटर्न जोखिम भरे निवेश से ही संभव है. आप तय करें कि आप कितना जोखिम उठा सकते हैं. इक्विटी पर आधारित इन्वेस्टमेंट में 14 फीसदी तक रिटर्न मिलने के चांस रहते हैं. मगर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट में उतार-चढ़ाव होते हैं. बेहतर रिटर्न तभी संभव है, जब आप कम से कम 7 से 10 साल के लिए निवेश करें. अगर आप समय-समय पर निवेश करते रहेंगे तो लंबी अवधि में आप 12-15 फीसदी की दर से रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं. इसके लिए आपको सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंडों पर ध्यान देना चाहिए.
स्वप्ना ने सलाह मांगी है कि मैं अपनी मां के नाम वरिष्ठ नागरिक बचत खाते में 5 लाख रुपये जमा करना चाहती हूं. क्या यह अधिक लाभदायक है? क्या डेब्ट म्यूचुअल फंड में निवेश करना और प्रति माह एक निश्चित राशि लेना बेहतर होगा?
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में निवेश करने पर आपको सालाना 7.4 फीसदी ब्याज मिल सकता है. इस स्कीम के तहत हर तीन महीने में ब्याज का भुगतान किया जाता है. वर्तमान परिस्थितियों में, फिक्स डिपॉजिट और डेब्ट फंड से अधिक रिटर्न मिलने की संभावना नहीं है. इसलिए इसे सीनियर सिटिजन अकाउंट में जमा करें. यह स्कीम पांच साल तक जारी रहनी चाहिए. इसमें सेक्शन 80 सी के तहत स्लैब के हिसाब टैक्स लग सकता है.
श्रीकांत पूछते हैं कि मैं 43 साल का हूं. मैं 75 लाख रुपये की टर्म पॉलिसी लेना चाहता हूं. क्या इसे एक ही बीमा कंपनी से लिया जा सकता है? दो कंपनियों से लेने का क्या फायदा है?
जीवन बीमा पॉलिसी का मूल्य हमेशा ऐन्युअल इनकम का लगभग 10-12 गुना होना चाहिए. इंश्योरेंस लेते समय अपना पर्सनल, हेल्थ और फाइनैंशियल डिटेल स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए. ऐसी कंपनी का चुनाव करना चाहिए, जिनका क्लेम सेटलमेंट की हिस्ट्री बेहतर है. यदि आपने एक कंपनी से इंश्योरेंस लिया और भविष्य में वह इंश्योरेंस क्लेम के दावे को ठुकरा देती है तो दिक्कत आएगी. इसलिए दो बीमा कंपनियों से पॉलिसी लेना बेहतर है. यदि क्लेम को अस्वीकार करता है तो हम दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं.
वेंकट जानना चाहता है कि कई कंपनियां डिजिटल 'गोल्ड' के नाम पर सोने में निवेश का मौका दे रही है. क्या इन्हें चुनना बेहतर है? क्या कोई जोखिम है?
तुम्मा बलराज के अनुसार, अब गोल्ड में निवेश करने के कई तरीके हैं. डिजिटल गोल्ड उनमें से एक है. यह आकर्षक लगता है क्योंकि आप इसमें कम से कम 100 रुपये में निवेश कर सकते हैं. सोने की कीमत के आधार पर लाभ या हानि संभव है क्योंकि इसमें समय-समय पर उतार-चढ़ाव होता रहता है. जब आप लंबी अवधि के निवेश का विचार करते हैं तो गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड फंड का चुनाव करना उचित है.
Gold as an investment 2021 | सोने मे इनवेस्टमेंट करना क्या सही है या गलत?
लेकिन आजकल सोने- चांदी मे इनवेस्टमेंट करनेवाले कम लोग ही बचे है, पुराने खयालातवाले लोग ही अब सोंने चांदी कटकी बाते करते हुये दिखाई देते है.
आजकल तो जादातर म्युचअल फंड, शेअर मार्केट और प्रोपर्टी में इनवेस्टमेंट करते दिख रहे है. फिजीकल सोने-चांदी मे इनवेस्टमेंट अभी तो कम हो गई है लेकिन डिजीटल रुप मे सोने-चांदी खरिदना बढ गया है कई लोग इसमे ट्रेडिंग भी करते है.
लेकिन सोने-चांदी मे हमे Investment करने से पहले बहुत सारी बातें जान लेनी चाहिये जो की बहुत काम कि है. तो चलिये देखते है की Gold as an Investment कितना सही है या गलत.
Gold खरिदने के कौन-कौन से तरिके है?
देखा जाये तो Gold खरिदने के बहुत से तरिके है, आप किस किस माध्यम से इसे खरिद सकते है इसके बारे मे हम आपको बतायेंगे.
1. Physical Gold क्या होता है?
यह आमतौर पर पुराने जमाने से चली आनीवाली पद्धती है जिसमे हम किसी दुकान मे जाके जो भी उस दिन का Gold Price चल रहा होगा उसके हिसाब से हम उसे खरिदते है और सोने का हार या कोई अन्य ज्वैलरी या गोल्ड बिस्किट के रुप मे हम इस खरिदते है.
2. गोल्ड ईटीएफ क्या है?
ETF यानी Exchange Traded Fund. इसके लिये आपके पास Demate Account होना चहिये. इसके जरिये आप आपके Demate Account पर जो भी बॅकग्राऊंड अकाउंट जुडा है उसी माध्यम से पैसे देकर जितने भी Units आप खरिदना चाहते है उतने आप Unit के हिसाब से खरिद सकते है.
3. Paytm, Phone pe से Gold कैसे खरिदे? ( Digital gold )
आजके समय मे यह तरिका बहुत जादा लोग इस्तमाल कर रहे है इसमे भी आपको आपके Paytm, Phone Pe जैसे Digital Payment Wallet मे Gold खरिदने का ऑप्शन मिल जायेगा इसके जरिये आप इसे खरिद सकते है.
4. Mutual Fund Gold क्या है?
म्युचुअल फंड मे कई प्रकार के फंड होते है, जैसे Small Cap equity fund, Large Cap Equity Fund, Dept Fund, Direct fund वैसे ही Gold Fund भी शामिल होते है इसमे आप इसके युनिट्स खरिद सकते है जो की जैसे गोल्ड की किंमत बढेगी या गिरेगी वैसे आपके खरिदे हुये युनिट्स की किमते बढेगी या गिरेगी.
5.Futures and Options में कैसे खरिदे सोना?
आप चाहे तो सोने को Commodity Market मे Trading करने के लिये खरिद और बेच भी सकते है. लेकिन यह आप एक सिमीत समय के लिये ही खरिद सकते है इसकी महिने और हप्ते के हिसाब से एक्सपायरी होती है उस हिसाब से आप इसे खरिद सकते है और इसमे ट्रेडिंग कर सकते है.
Gold Investment Returns कितना मिलता है?
यह कोई फिक्स्ड नहीं होता कभी कभी बहुत जादा रिटर्न इसमे मिल जाते है, 30,40 साल पहले अगर आप इसमे इनवेस्टमेंट करते तो वह अच्छा तरिका था लेकिन कई कारणों से फिलाल के कुछ वर्षों का रिटर्न्स देखे तो बहुत सिमित रह गये है.
अवरेज देखा जाये तो इनमे बॅक और दुसरे तरिके से जादा रिटर्न्स आपको मिल जाते है लेकिन कई कई बार यह सिमित दायरे मे ही रहता है.
डाॅलर और रुपयों कि किमते का गोल्ड पर असर नहीं पडता लेकिन जादूगर सोना Import किया जाता है इसलिये इसकी रुपया गिरते ही सोने की मांग भी कम हो जाती है.
जब भी अमेरिकन डाॅलर गिरता है तब सोने की मांग है क्योंकि आंतरराष्ट्रीय बाजार मे सोने की किमते डाॅलर मे होती है इसलिये बाजार मे कमजोरी आने पर लोग सोने की तरफ देखते है.
जब भी शेअर मार्केट आदी गिरता है तो लोग वहीं पैसा सोने मे इनवेस्टमेंट करने के लिये इस्तमाल करते है. तब अमूमन सोने के भाव बढते है.
भारत मे हर साल लगभग 800 टन से भी जादा सोना खपत होता है और उसमे से जादा हिस्सेदारी गावों मे होती है क्योंकि ग्रामीण इलाकों मे बचत या इनवेस्टमेंट के रुप मे सोने को खरिदा जाता है अगर मानसुन बारिश कम हो जाती है तो सोना बेचकर लोग धन जुटाते है.
आज का सोने का भाव कितना चल रहा है?
आज 15 जुलै को आज के सोने का भाव देखे तो यह लगभग 1 तोला ( 24 करेंट) सोने का भाव 49,960 भारतीय रुपये चल रहा है.
यही सोने का भाव दिसंबर 2016 को लगभग 27400 रुपयें चल रहा था. अगष्ट 2020 में यही सोने का भाव लगभग 57000 रुपयों तक पोहच गया था.
सोने मे इनवेस्टमेंट करने के फायदे?
2. जादातर शेअर मार्केट बढता है तो सोने का भाव कम होता है और अगर सोने का भाव बढता है तो शेअर मार्केट जादातर निचे आता है इसलिये आप रिस्क से बचने के लिये शेअर मार्केट के साथ साथ Hedge करके भी रख सकते है, इससे आपका रिस्क ना के बराबर रहेंगा.
1. सोने की ज्वेलरी खरिदते है तो आपको इनवेस्टमेंट क्या होती है? इससे कोई भी डेली इनकम नहीं होती, अगर आप म्युचुअल फंड या शेअर मार्केट मे इनवेस्टमेंट करते है तो आप इससे रोज की थोडी बहुत कमाई पा सकते है.
2. सोने को खरिद कर घर मे रखना इसका बहुत बडा ड्राॅबॅक है यह चोरी होने का भी डर रहता है अगर आप डिजिटल सोना या ई- गोल्ड खरिदते है तो आप इससे बचे रहेंगे.
3. भारत मे सोने के भाव इंटरनेशनल मार्केट पे डिपेंड करते है इसके भाव का प्रेडिक्शन लगना लगभग ना मुनकिन है.
4. अगर आप सोने की ज्वेलरी, काॅईन या सोने की बिस्किट के रुप मे इसमे इनवेस्टमेंट करते है तो कुछ दिन बाद अगर आप वह बेचने जायेंगे तो आपको उसकी किमत थोडी बहुत कम मिलेगी.
5. अगर आप डिजिटल प्लॅटफॉर्म पे सोना खरिदते है तो आपको खरिदने और बेचने के भाव मे कम जादा भाव देखने को मिलेगा.
6. सोना एक Unproductive Asset है, जो भी आप सोना खरिदते हो उसका देश के इकाॅनाॅमी पर कोई अच्छा असर नहीं पडता है.
सोने मे इनवेस्टमेंट करना सही रहेगा या गलत?
अगर आप दुसरे इनवेस्टमेंट को Hedge करने के लिये सोने मे निवेश कर सकते है यही सही तरिका रहेगा. अगर आप Physical सोने की बजह Digital Gold खरिदते है तो आपको जल्दी बेचने मे आसानी होगी और उसकी किंमत मे कोई कमी नहीं पकडेगें.
डायवर्सिफिकेशन के लिये बाकीयों के साथ सोने मे इनवेस्टमेंट करना सही तरिका रहेगा. सिर्फ और सिर्फ सोने मे सब इनवेस्टमेंट मत करिये क्योंकी यह बहुत सारे Unpredictable फॅक्टर्स पे अवलंबन है इसका अंदाजा लगना ना मुनकिन है.
FAQ
Ans: Gold मे हम Physical, E Gold यानी Digital Gold, Mutual Gold Fund, Gold Bees इन तरिकों से सोने मे इनवेस्टमेंट कर सकते है.
Ans: Inflation, Liquidity, Supply & Demand, International Market Rumors, Flow of Cash, Financial Products and services, Mansoon जैसे अनेक फॅक्टर्स पर सोने के भाव कम जादा होते रहते है.
लिक्विड ETF की मदद से शेयर बाजार में बढ़ाएं अपनी कमाई, ऐसे करें स्मार्ट इनवेस्टमेंट
लिक्विड ईटीएफ कम जोखिम और ऊंची लिक्विडिटी के साथ बेहतर रिटर्न प्रदान कर सकते हैं. वहीं इसकी मदद से आप बाजार में अपने निवेश पर कुल कमाई भी बढ़ा सकते हैं.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Oct 08, 2022 | 2:19 PM
सभी जानते हैं कि निवेश का रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है आप अपने पैसे पर कितना जोखिम उठा रहे हैं. बाजार में ऐसे सैकड़ों इंस्ट्रूमेंट्स हैं जहां जोखिम के अलग अलग स्तरों पर अलग अलग रिटर्न मिलता है. स्मार्ट इनवेस्टमेंट क्या होती है? इनवेस्टर बाजार में मौजूद इन सभी विकल्पों का इस्तेमाल इस तरह से करते हैं जिससे वो पैसे की सुरक्षा से लेकर ऊंचे रिटर्न दोनो का ही फायदा उठा सकें. आज हम आपको एक ऐसी ही स्मार्ट रणनीति बताने जा रहे हैं जहां आप ऐसे ही बाजार के दो अलग अलग निवेश विकल्पों का इस्तेमाल कर अपने पैसों को पहले से ज्यादा तेजी के साथ बढ़ते हुए देख सकते हैं.
ये हैं बाजार में निवेश के साथ लिक्विड ईटीएफ का इस्तेमाल. खास बात ये है कि इस रणनीति का इस्तेमाल करना बेहद आसान है और ब्रोकरेज हाउस सिर्फ कुछ क्लिक की मदद से इस रणनीति को पूरा करने में आपकी मदद करते हैं.
क्यों जरूरी है स्मार्ट इनवेस्टमेंट
बाजार में आम निवशक निवेश ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए करते हैं जो डीमैट अकाउंट और सेविंग अकाउंट से अटैच होता है. आप का कैश सेविंग अकाउंट में रहता है वहीं स्टॉक डीमैट अकाउंट में रहते हैं. यानि साफ है कि जब आपका पैसा स्टॉक मार्केट में नहीं होता तो उसपर सबसे कम रिटर्न मिल रहा होता है. दरअसल सेंविग्स अकाउंट में ब्याज दरें सबसे निचले स्तरों पर रहती है. वहीं शेयर बाजार में स्टॉक की बिकवाली करने पर पैसा भी 2 दिन में मिलता है. यानि इन दो दिन आपका इनवेस्टमेंट क्या होती है? कैश वास्तव में कोई कमाई नहीं कर रहा होता.
कई बार आपको स्टॉक में निवेश के मौके नहीं मिलते. ऐसे में आपका पैसा लंबे समय तक सेविंग्स अकाउंट में ही पड़ा रहता है. दूसरी तरफ समस्या ये है कि बाजार में मौकों की तलाश में इस पैसे की एफडी भी नहीं करा पाते. अगर रकम बड़ी है और वो ज्यादा समय तक सेविंग्स अकाउंट में पड़ी रहती है तो आपको पता ही नहीं चलता कि आपने कितनी कमाई का मौका गंवा दिया.. लेकिन अगर आप लिक्विड ईटीएफ की मदद लेते हैं तो आप अपनी कमाई कहीं ज्यादा बढ़ा सकते हैं. जानिए क्या है ये इनवेस्टमेंट स्ट्रेटजी.
क्या है लिक्विड ईटीएफ
लिक्विड ईटीएफ यानि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड निवेश के ऐसे विकल्प होते हैं जो शेयर बाजार में स्टॉक की तरह खरीदे और बेचे जा सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ ये फंड्स बेहद छोटी अवधि के जमा में निवेश करते हैं. यानि सीधे शब्दों में कहें तो लिक्विड ईटीएफ कम जोखिम और सेविंग्स से ज्यादा रिटर्न तो देते ही हैं ये नकदी की तरह तेजी से कैश भी कराए जा सकते हैं. बाजार में ढेरों लिक्विड ईटीएफ हैं. लिक्विड फंड ईटीएफ में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल केवल 0.25% पर कुल खर्च अनुपात के साथ सबसे सस्ता ईटीएफ प्रदान करता है, इसके साथ ही कई और बेनेफिट्स भी मिलते हैं.
कैसे करें स्मार्ट इनवेस्टमेंट
बाजार के जानकार सलाह देते हैं कि अगर आपको शेयरों में निवेश का मौका मिलता है तो अपने पैसे को उस स्टॉक में लगाए, प्रॉफिट मिलने पर पैसे को सेविंग्स अकाउंट में छोड़ने की जगह सीधे लिक्विड ईटीएफ में लगा दें. वहीं आने वाले समय में आप फिर से स्टॉक में निवेश का मौका मिलने पर इस इनवेस्टमेंट क्या होती है? लिक्विड ईटीएफ की रकम से सीधे शेयर खरीद लें. यानि आप सेविंग्स अकाउंट में पैसे छोड़ने की जगह उसे लिक्विड ईटीएफ में लगा दें
देश में अधिकांश ब्रोकर ये सुविधा देते हैं कि आप शेयर बेचने के साथ इस रकम से बिक्री के दिन ही ईटीएफ ले सकें और फिर इसी ईटीएफ की यूनिट्स से शेयर भी खरीद सकें.ऐसें में आपको बाजार से पैसा निकालने की स्थिति में ईटीएफ के ऊंचे रिटर्न का भी फायदा मिल जाएगा. लिक्विड ईटीएफ में जोखिम कम होता है और इसे तेजी से कैश कराया जा सकता है ऐसे में ये आप सेविंग्स अकाउंट के मुकाबले ऊंचे रिटर्न पा सकेंगे
निवेश का फंडा: फ्रीडम एसआईपी के तहत अब आप भी बनिए अमीर, जानें इनवेस्टमेंट के बेहतरीन तरीके
एसआईपी आपको प्लानिंग के साथ रोजाना जीवन की परेशानियों जैसे घर, शादी और बच्चों की शिक्षा के लिए मदद करता है।
शेयर मार्केट में निवेश को लेकर काफी लोगों को लगता है कि उन्हें बड़ी रकम की जरूरत होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। यदि आप धैर्य और अनुशासन के साथ निवेश करते हैं तो आप भी अमीर बन सकते हैं। एसआईपी आज छोटे और बड़े निवेशकों के लिए सुविधाजनक और पसंदीदा तरीका है, क्योंकि एसआईपी के जरिए मासिक बचत, एवरेज लागत, जोखिम, संतुलन और बेहतर लाभ आदि बेहतर मिलता है।
एसआईपी आपको प्लानिंग के साथ रोजाना जीवन की परेशानियों जैसे घर, शादी और बच्चों की शिक्षा के लिए मदद करता है। सिर्फ अच्छे शुरूआत से ही आपका आधा काम हो जाता है और इसके बाद लक्ष्य निर्धारित करके नयी एसआईपी की शुरुआत कीजिए।
क्या है आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फ्रीडम एसआईपी प्लान?
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फ्रीडम एसआईपी एक ऐसी सुविधा है जो एक निवेशक को एसआईपी के जरिए नियमित रूप से प्लानिंग के साथ निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है और एसआईपी अवधि के पूरा होने के बाद अच्छे रिटर्न भी मिलते हैं।
प्रूडेंशियल फ्रीडम एसआईपी के है ये तीन आसान स्टेप्स
स्टेप 1: इसमें एसआईपी को हर महीने के हिसाब से 8, 10, 12, 15, 20,25 और 30 सालों के लम्बे समय के लिए एक ओपन एंडेड इक्विटी, हाइब्रिड या फंड ऑफ फंड्स स्कीम में रजिस्टर्ड किया जाएगा।
स्टेप 2: इसके बाद चुनी हुई एसआईपी का समय पूरा होने पर, फ्रीडम एसआईपी के माध्यम से जमा की गई राशियों को एक पहले से चुने हुए प्लान टार्गेट में ट्रांसफर कर दिया जाता है, जिसे एक हाइब्रिड फंड के नाम से जाना जाता है। इससे ये तय हो जाता है कि आपका पैसा बाजार की जोखिमों से बचा रहे।
स्टेप 3: एसआईपी ट्रांसफर के बाद, एक प्लान धन निकासी योजना, जिसे SWP के रूप में जाना जाता है, एक्टिव हो जाता है। यदि कोई एसआईपी 8 साल के लिए रजिस्टर्ड है, तो उसकी मासिक एसडब्ल्यूपी किस्त उसके मासिक एसआईपी किस्त के एक गुणे के बराबर होता है। अगर वो 10, 12, 15,20,25 और 30 सालों के लिए रजिस्टर्ड एसआईपी में से पैसे निकालता है तो, वह उसके मासिक एसआईपी के 1.5, 2, 3,5,8 और 12 गुणे के बराबर होता है। जैसे कोई यदि 12 वर्ष के लिए रजिस्टर्ड प्लान की एसआईपी रु. 10,000 प्रति माह है, तो उसका एसडब्ल्यूपी 20,000 रुपये (2X रुपये 10,000) होगा।
एसआईपी निवेश के फायदे
1. सिस्टमैटिक निवेश योजनाओं को बनाए रखना आसान है।
2. लंबी अवधि में, SIP शानदार रिटर्न दे सकते हैं।
3. साथ ही, एसआईपी प्लान का इस्तेमाल करके एक ही समय में अधिक बेहतर प्रदर्शन करने और पैसे कमाने के तरीके हैं।
4. जैसे-जैसे आपकी आय बढ़ती है, आप अपने मासिक एसआईपी को बढ़ा सकते हैं या बड़े लक्ष्यों की योजना बनाने या तेजी से लक्ष्य तक पहुंचने के लिए टॉप-अप एसआईपी कर सकते हैं। यह हमेशा आप पर निर्भर है।
विस्तार
शेयर मार्केट में निवेश को लेकर काफी लोगों को लगता है कि उन्हें बड़ी रकम की इनवेस्टमेंट क्या होती है? जरूरत होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। यदि आप धैर्य और अनुशासन के साथ निवेश करते हैं तो आप भी अमीर बन सकते हैं। एसआईपी आज छोटे और बड़े निवेशकों के लिए सुविधाजनक और पसंदीदा तरीका है, क्योंकि एसआईपी के जरिए मासिक बचत, एवरेज लागत, जोखिम, संतुलन और बेहतर लाभ आदि बेहतर मिलता है।
एसआईपी आपको प्लानिंग के साथ रोजाना जीवन की परेशानियों जैसे घर, शादी और बच्चों की शिक्षा के लिए मदद करता है। सिर्फ अच्छे शुरूआत से ही आपका आधा काम हो जाता है और इसके बाद लक्ष्य निर्धारित करके नयी एसआईपी की शुरुआत कीजिए।
क्या है आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फ्रीडम एसआईपी प्लान?
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फ्रीडम एसआईपी एक ऐसी सुविधा है जो एक निवेशक को एसआईपी के जरिए नियमित रूप से प्लानिंग के साथ निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है और एसआईपी अवधि के पूरा होने के बाद अच्छे रिटर्न भी मिलते हैं।
प्रूडेंशियल फ्रीडम एसआईपी के है ये तीन आसान स्टेप्स
स्टेप 1: इसमें एसआईपी को हर महीने के हिसाब से 8, 10, 12, 15, 20,25 और 30 सालों के लम्बे समय के लिए एक ओपन एंडेड इक्विटी, हाइब्रिड या फंड ऑफ फंड्स स्कीम में रजिस्टर्ड किया जाएगा।
स्टेप 2: इसके बाद चुनी हुई एसआईपी का समय पूरा होने पर, फ्रीडम एसआईपी के माध्यम से जमा की गई राशियों को एक पहले से चुने हुए प्लान टार्गेट में ट्रांसफर कर दिया जाता है, जिसे एक हाइब्रिड फंड के नाम से जाना जाता है। इससे ये तय हो जाता है कि आपका पैसा बाजार की जोखिमों से बचा रहे।
स्टेप 3: एसआईपी ट्रांसफर के बाद, एक प्लान धन निकासी योजना, जिसे SWP के रूप में जाना जाता है, एक्टिव हो जाता है। यदि कोई एसआईपी 8 साल के लिए रजिस्टर्ड है, तो उसकी मासिक एसडब्ल्यूपी किस्त उसके मासिक एसआईपी किस्त के एक गुणे के बराबर होता है। अगर वो 10, 12, 15,20,25 और 30 सालों के लिए रजिस्टर्ड एसआईपी में से पैसे निकालता है तो, वह उसके मासिक एसआईपी के 1.5, 2, 3,5,8 और 12 गुणे के बराबर होता है। जैसे कोई यदि 12 वर्ष के लिए रजिस्टर्ड प्लान की एसआईपी रु. 10,000 प्रति माह है, तो उसका एसडब्ल्यूपी 20,000 रुपये (2X रुपये 10,000) होगा।
एसआईपी निवेश के फायदे
1. सिस्टमैटिक निवेश योजनाओं को बनाए रखना आसान है।
2. लंबी अवधि में, SIP शानदार रिटर्न दे सकते हैं।
3. साथ ही, एसआईपी प्लान का इस्तेमाल करके एक ही समय में अधिक बेहतर प्रदर्शन करने और पैसे कमाने के तरीके हैं।
4. जैसे-जैसे आपकी आय बढ़ती है, आप अपने मासिक एसआईपी को बढ़ा सकते हैं या बड़े लक्ष्यों की योजना बनाने या तेजी से लक्ष्य तक पहुंचने के लिए टॉप-अप एसआईपी कर सकते हैं। यह हमेशा आप पर निर्भर है।