क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी

क्या है Bitcoin और Cryptocurrency, कैसे होती है इसकी माइनिंग?
राज एक्सप्रेस। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक ऐसी करेंसी है, जो ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर कई नियम निर्धारित किए गए हैं। क्योंकि, कई देशों में इसे अवैध माना जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम जो सुना जाता है वो बिटकॉइन (Bitcoin) का है और बिटकॉइन आज कल काफी ट्रैंड में चल रहा है। कई लोग तो ऐसा मानते हैं कि, सिर्फ Bitcoin ही एक क्रिप्टोकरेंसी है। जबकि मार्केट में कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल हैं। हालांकि, आज भी ज्यादातर लोग Bitcoin में ही इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। इसलिए हम समझें कि आखिर क्या है Bitcoin? साथ ही विस्तार से इससे जुड़े तथ्य।
क्या है Bitcoin?
Bitcoin करेंसी तो है, लेकिन यह एक क्रिप्टोकरेंसी है। इसे 'सातोशी नकामोति' ने 2008 में बनाया था, लेकिन किसी को यह आज तक नहीं पता चल पाया है कि यह कोई इंसान है, या ऑर्गनाइज़ेशन है। सातोशी Bitcoin की एक कोड भी है। इसे पहली बार 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था। हम यह कह सकते हैं कि Bitcoin एक कोड है। इसे एक डिजिटल डॉक्यूमेंट भी कहा जा सकता है। इसे ख़रीदा भी जा सकता है। हालांकि रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे मान्यता नहीं दी है, लेकिन इसके बाद भी भारत में Bitcoin को ख़रीदा जा सकता है। सातोशी नकामोति ने दुनिया में टोटल 2.1 करोड़ Bitcoin बनाये हैं। Bitcoin सोने के भाव में बिकता है। इसके कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी ?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक तरह की करेंसी है। लेकिन इसे केवल इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन ही बनाना संभव है।
Bitcoin की ग्रोथ :
अगर हम Bitcoin की ग्रोथ देखें तो इसकी शुरुआत में कोई ग्रोथ नहीं हुई थी। 2009 में Bitcoin को लांच किया गया था तब उसकी वैल्यू 0 डॉलर थी। ना कोई उसे खरीदता था न ही बेचता। इतना ही नहीं 2010 में भी इसकी वैल्यू 1 डॉलर तक नहीं पहुंची। यह केवल लगभग 32 पैसे पर आकर रुक गया था। 2010 यह 18 से 20 रुपये तक ही पंहुचा था। ऐसे ही 2012 में इसकी कीमत 850 रुपये, 2014 में 31000 रुपयेऔर 2014 में इसकी कीमत 58000 रुपये, 2017 में 61722 रुपयेतक पहुंची, लेकिन 2012 से 2017 तक इसकी ग्रोथ देखे तो यह 87000% तक पहुंच गई थी। हालांकि, उसके बाद से Bitcoin में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहा, लेकिन अब काफी समय से इसमें गिरावट का दौर ही जारी है। बता दें, मार्केट में करीब डेढ़ करोड़ Bitcoins आ चुके हैं।
कैसे माइनिंग होता है Bitcoin ?
Bitcoin जारी करने की प्रक्रिया “माइनिंग” कहलाती है। Bitcoin को माइन करने के लिए 2 key होती हैं। एक भेजने के लिए और दूसरी प्राप्त करने के लिए। इसका सिस्टम ठीक एक लाटरी जैसा होता है। लाटरी सिस्टम से जो कोई जटिल गणित के सवाल का उत्तर दे पाएगा उसको कुछ Bitcoin इनाम में मिलेंगे। जैसे-जैसे Bitcoin बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे गणित के सवाल और भी जटिल होते जाते हैं। Bitcoin से जुड़ा लेनदेन बिटकॉइन से जुड़े हर इंसान को पता रहता है लेकिन किसने ख़रीदा और किससे ख़रीदा इस बात की गोपनीयता बनी रहती है। इससे धोखाधड़ी की शिकायतें कम हो जाती हैं। आप Unocoin द्वारा Bitcoin खरीद सकते हैं।
Bitcoin के लेन-देन का लेज़र:
Bitcoin के लेन-देन का एक लेज़र बनाया जाता है। यह एक ओपन लेज़र होता है। इसके लेज़र से पूरी जानकारी (पहले बिटकॉइन से लास्ट तक) प्राप्त की जा सकती है। बिटकॉइन का जो सबसे लम्बा लेज़र मेंटेन करता है उसी का लेज़र माना जाता है और उसे ही इनाम के तौर पर बिटकॉइन मिलते हैं। ऐसे बहुत लोग लेज़र मेंटेन करते हैं। बिटकॉइन का लेज़र मेंटेन करने के लिए भी आपको कुछ इनाम दिया जाता है। लेज़र मेंटेन करने से आप धोखाधड़ी के शिकार नहीं होते है। Bitcoin का कोड बहुत कठिन होता है। जिसे हैक करना बहुत मुश्किल है।
Bitcoin से लेनदेन :
कई लोग यह सोचते हैं कि यह एक न दिखने वाली करेंसी है तो क्या इससे लेन-देन संभव होगा? तो हम आपको बताते हैं कि, जी हाँ Bitcoin से लेन-देन बिलकुल संभव है। Bitcoin द्वारा सबसे पहले पिज्जा खरीदा गया था और आज लगभग 1 लाख से भी ज्यादा व्यपारी Bitcoin से लेन-देन करते हैं। Bitcoin का भुगतान किसी ऐप के द्वारा भी किया जा सकता है। Dell, PayPal, Microsoft, जैसी कंपनिया भी Bitcoin को स्वीकार करती हैं। Bitcoin के लेनदेन का एक नुकसान यह है कि इससे कहीं-कहीं ड्रग्स का भी लेनदेन किया जा रहा है। क्योंकि इससे पता नहीं चलता की कौन खरीद रहा है कौन बेच रहा है।
Bitcoin से जुड़ी कुछ बातें:
दिसम्बर 2017 में Bitcoin की वैल्यू एक लाख डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी।
देशभर के Bitcoin एक्सचेंजों पर IT विभाग ने दिसम्बर 2017 में छापेमारी की थी।
Bitcoin की कीमत में भारी गिरावट भी दर्ज की जाती है।
कभी-कभी Bitcoin में निवेश करना मंहगा पड़ जाता है।
Bitcoin लोगो को बहुत जल्दी आकर्षित करता है।
हम Bitcoin को पेमेंट सिस्टम भी कह सकते हैं।
Bitcoin से एक बार अमिताभ बच्चन को 100 करोड़ से ज्यादा का फायदा हुआ था लेकिन इसमें गिरावट आने से उनको करोड़ों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ा था।
आज तक किसी को नहीं पता चल पाया है कि Bitcoin बढ़ता कैसे है।
अगर आपके पैसे Bitcoin द्वारा डूब गए तो इसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं की जाएगी।
Charlie Munger ने कहा था कि, 'Bitcoin एक बीमारी की तरह है।'
Warren Buffet ने 2014 में कहा था कि, 'Bitcoin एक धोका साबित हो सकता है।'
Benjamin Graham ने कहा था कि, 'Bitcoin लोगों को धोखे में लेकर डूबेगी।'
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।
क्रिप्टोकरेंसी से बिलकुल अलग है आरबीआई की डिजिटल करेंसी, जानिए दोनों के बीच का मुख्य अंतर और खासियत
Digital Currency: आरबीआई रिटेल और होलसेल सेगमेंट में इस्तेमाल के लिए फेजवाइज तरीके से डिजिटल करेंसी पेश करेगा। इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के जरिए होगी।
Representations of cryptocurrency Bitcoin are seen in this picture illustration taken June 7, 2021. REUTERS/Edgar Su/Illustration
भारत को जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी मिलने वाली है। इसको लेकर भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने अपनी योजना का खुलासा किया है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबि शंकर ने गुरुवार को कहा कि रिजर्व बैंक फेसवाइज तरीके से डिजिटल करेंसी पेश करने की योजना बना रहा है। सबसे पहले डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया जाएगा।
देश में डिजिटल करेंसी को लेकर लंबे समय से तैयारी चल रही है। आरबीआई भी काफी समय से डिजिटल करेंसी लाने की बात कर रहा है। इसको लेकर कई बार संकेत दिए जा चुके हैं। दुनिया के कई अन्य देश भी डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी कर रहे हैं। आज हम आपको डिजिटल करेंसी के बारे वह सबकुछ बताने जा रहे हैं जो आप जानना चाहते हैं। साथ ही हम आपको डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर भी बताएंगे..
क्या होती है डिजिटल करेंसी?: यह एक प्रकार से प्रचलित करेंसी का वर्चुअल रूप होता है। इसको केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) भी कहा जाता है। डिजिटल करेंसी को केवल केंद्रीय बैंक जारी करता है। इसे सरकार की मान्यता प्राप्त होती है। फिजिकल करेंसी के मुकाबले इसकी वैल्यू में कोई अंतर नहीं होता है। उदाहरण के लिए 10 रुपए के नोट और 10 रुपए की डिजिटल करेंसी की वैल्यू बराबर होगी। डिजिटल करेंसी में बिना किसी रुकावट लेन-देन भी किया जा सकता है।
Mainpuri By-Election: डिंपल के खिलाफ लड़ रहे BJP के रघुराज सिंह शाक्य से ज्यादा पढ़ी-लिखी हैं उनकी पत्नी, गहनों और हथियारों की शौकीन, देखें- प्रॉपर्टी की डिटेल
Ravindra Jadeja’s wife Rivaba Lifestyle: BJP नेता और क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा के पास करीब सौ करोड़ की संपत्ति, जानिए डिटेल
Rajasthan Politics: अजय माकन ने नहीं मानी अध्यक्ष खड़गे की बात, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान पहुंचने से पहले सचिन पायलट खेमे ने भी सख्त किए तेवर
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?: क्रिप्टोकरेंसी एक अलग प्रकार की करेंसी होती है। यह अलग-अलग प्रकार की होती है। इसे वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है। सभी क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू अलग-अलग होती है और इसकी कीमतों में उतार चढ़ाव होता रहता है। क्रिप्टोकरेंसी मान्यता प्राप्त नहीं है। पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी का चलन बढ़ा है। इस समय पूरी दुनिया में करीब 4 हजार क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं। इसमें बिटकॉइन सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी का चलन तेजी से बढ़ा है।
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में प्रमुख अंतर
- डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक जारी करता है। क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के जरिए तैयार की जाती है।
- डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक और उस देश की सरकार से मान्यता प्राप्त होती है। क्रिप्टोकरेंसी के पास केंद्रीय बैंक या सरकार की मान्यता नहीं होती है।
- डिजिटल करेंसी की वैल्यू स्थिर रहती है। क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू में बहुत उतार-चढ़ाव होता है।
- डिजिटल करेंसी को संबंधित देश की मुद्रा में बदला जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी में ऐसा नहीं हो पाता है।
अंतरमंत्रालीय समिति ने की थी डिजिटल करेंसी की सिफारिश: वित्त मंत्रालय ने 2017 में एक उच्च स्तरीय अंतरमंत्रालयी समिति की सिफारिश की थी। इस समिति को वर्चुअल या क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी पॉलिसी और कानूनी फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए कहा गया था। इस समिति ने देश में फिजिकल करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी लाने की सिफारिश की थी।
क्रिप्टोकरेंसी के जन्म की कहानी (A dive into the birth of a Cryptocurrency)
आजकल बहुत से लोगों की रुचि क्रिप्टोकरेंसी में बढ़ी है। क्रिप्टोकरेंसी में रुचि अब तक के उच्चतम स्तर पर है, चाहे वह लोकप्रिय टोकन की तकनीक की जिज्ञासा के कारण हो या बस उनसे लाभ उठाने की इच्छा के कारण हो।
हम में से कई लोग लाभ के लिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदते और बेचते हैं, उसी तरह जैसे हम पारंपरिक शेयरों के साथ करते हैं, पर ये थोड़े अलग हैं। जब आप स्टॉक खरीदते हैं, तो आप एक कंपनी में स्वामित्व का एक अंश खरीद रहे होते हैं, जबकि क्रिप्टोकरेंसी के साथ, आपके पास एक्सचेंज का माध्यम होता है और ‘कंपनी’ में खरीदारी नहीं करते हैं जब तक कि आप आईसीओ में भाग नहीं लेते। इसके अलावा, ब्लॉकचेन की विकेंद्रीकृत प्रकृति, इसकी अंतर्निहित तकनीक के कारण क्रिप्टो को स्टॉक के रूप में विनियमित नहीं किया जाता है। इसी कारण इसमें लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है।
हालांकि, बिटक्वाइन और ईथर जैसे लोकप्रिय टोकन के आंतरिक कामकाज के बारे में जिज्ञासा इस रुचि के कारण होती है। हम में से कई, विशेष रूप से, क्रिप्टोकरेंसी की उत्पत्ति के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं। यह देखते हुए कि क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से डिजिटल क्षेत्र में मौजूद है और केंद्रीय बैंक द्वारा जारी नहीं की जाती, गैर-तकनीकी लोगों के लिए यह समझना मुश्किल हो सकता है कि बिटक्वाइन कहां से उत्पन्न होता है और यह कैसे कार्य करता है।
हालांकि बिटक्वाइन जटिल है, इसकी आंतरिक कार्यप्रणाली उतनी हैरान करने वाली नहीं है जितनी लोग सोचते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी किस प्रकार बनाई जाती है?
यदि आपने कोई क्रिप्टो या ब्लॉकचेन से संबंधित साहित्य पढ़ा है, तो आप शायद “माइनिंग” शब्द के बारे में जानते होंगे। माइनिंग क्रिप्टोकरेंसी उद्योग में अक्सर उपयोग किया जाने वाला शब्द है क्योंकि यह वो तरीका है जिसके द्वारा क्रिप्टोकरेंसी वितरित की जाती है।
एक बात का ध्यान रखें कि सभी क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन पर बनी हैं और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित सारे लेनदेन ब्लॉकचेन पर होते हैं। ब्लॉकचेन पर लेनदेन पूरा करने से पहले इसका अनुरोध या इसकी पहल की जानी चाहिए। सत्यापन पुष्टि की प्रक्रिया होती है और इसे प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए नियमित रूप से ब्लॉकचेन नेटवर्क (जैसे बिटक्वाइन नेटवर्क) पर किया जाना चाहिए।
ये सत्यापन कंप्यूटर के नेटवर्क द्वारा किए जाते हैं, और जो लोग लेनदेन को मान्य करने के लिए अपने कंप्यूटर को इस्तेमाल करने देते हैं उन्हें नेटवर्क के मूल टोकन से पुरस्कृत किया जाता है। इस प्रकार की गतिविधि को माइनिंग कहते हैं।
हालांकि, माइनिंग का तरीका अलग-अलग होता है और ऐसा करने के लिए दो ब्लॉकचेन सिस्टम का उपयोग किया जा सकता है: प्रूफ-ऑफ-वर्क और प्रूफ-ऑफ-स्टेक। दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है कि सत्यापन किस प्रकार पूरा किया जाता है। प्रूफ-ऑफ़-वर्क सिस्टम में सत्यापनकर्ताओं को एक जटिल गणितीय पहेली को हल करने के लिए अपने कंप्यूटर का उपयोग करना होता है।
माइनिंग प्रक्रिया में शामिल लोगों को लेन-देन के एक समूह (एक ब्लॉक) के मान्य होने के बाद टोकन की एक पूर्वनिर्धारित मात्रा के साथ पुरस्कृत किया जाता है और इस तरह से बाजार में अधिक क्वाइंस/टोकन आते हैं। बिटक्वाइन नेटवर्क प्रूफ-ऑफ-वर्क सिस्टम का एक उदाहरण है जो बहुत अधिक ऊर्जा का उपयोग करता है।
प्रूफ-ऑफ-स्टेक नेटवर्क में सत्यापनकर्ता केवल वे लोग नहीं होते जो जटिल गणितीय पहेली को हल करने का निर्णय लेते हैं। इसके बजाए सत्यापनकर्ताओं को इस आधार पर चुना जाता है कि उनके पास पहले से कितने टोकन हैं, यानी उनके पास नेटवर्क में कितनी बड़ी हिस्सेदारी है। इसके अलावा, प्रूफ-ऑफ-वर्क के विपरीत, प्रूफ-ऑफ-स्टेक सिस्टम में बहुत कम ऊर्जा की खपत होती है; उदाहरणों में पोल्काडॉट, EOSIO और कार्डानो शामिल हैं, इथेरियम जल्द ही इस प्रणाली में माइग्रेट करने की योजना बना रहा है, इससे इसके वर्तमान ऊर्जा उपयोग का 95% तक कम हो जाएगा।
क्रिप्टो की कीमत किस प्रकार तय की जाती है?
आज कल हजारों क्रिप्टोकरेंसी प्रचलन में हैं, लेकिन कुछ की कीमत दसियों हज़ार डॉलर है जबकि अन्य की कीमत काफी कम हैं। इसका कारण क्या है? और कुछ क्रिप्टोकरेंसी दूसरों की तुलना में अधिक मूल्यवान क्यों हैं?
माइनिंग के माध्यम से बनाए गए सारे बिटक्वाइन (या क्वाइन) माइनर के पास नहीं होते। इसके बजाए कई क्वाइंस को एक्सचेंज प्लेटफॉर्म और अन्य साइटों को खरीदने के क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी लिए बेच दिया जाता है, इस तरह वे पूरे बाजार में फैल जाते हैं। जिस कीमत पर टोकन आम जनता को बेचा जाएगा, उसे विभिन्न मानदंडों द्वारा निर्धारित किया जाता है।
इसके साथ ही माइनिंग की लागत का मुद्दा होता है। माइनिंग उपकरण और बिजली की लागत को कवर करने के लायक राशि के लिए प्रूफ-ऑफ-वर्क टोकन बेचा जाना चाहिए। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी की कीमत निर्धारित करने में मांग और आपूर्ति सबसे महत्वपूर्ण कारक होते हैं।
कुल मिलाकर, कुछ के लिए क्रिप्टोकरेंसी पैसा है, और पैसे का मूल्य प्राप्त होता है। उदाहरण के लिए, डॉजकोइन को लें, जो अधिकांश समय एक अल्पविकसित क्रिप्टोकरेंसी के रूप में जाना गया। हालांकि, जब एलोन मस्क ने टोकन के बारे में ट्वीट करना शुरू किया, तो इसकी कीमत आसमान छूने लगी।
सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमत में विभिन्न कारकों के कारण उतार-चढ़ाव होती रहती है। प्रतिबंधित आपूर्ति के कारण (प्रत्येक ब्लॉक के लिए वितरित टोकन की संख्या में गिरावट) हर बार इसकी कीमत बढ़ जाती है। हर बार एक नया विकास होता है जो बिटक्वाइन की मांग को बढ़ाता है जिससे आपूर्ति और मांग के पुराने स्थापित नियम के अनुसार कीमत बढ़ जाती है।
निष्कर्ष
जबकि हम में से बहुत से लोग क्रिप्टोकरेंसी से अपरिचित हैं, उनके आंतरिक कामकाज और बुनियादी सिद्धांतों को आसानी से वर्णित किया जा सकता है, जिससे हमें इस नवीन अवधारणा की बेहतर समझ मिलती है।
अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
क्या है Bitcoin और Cryptocurrency, कैसे होती है इसकी माइनिंग?
राज एक्सप्रेस। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक ऐसी करेंसी है, जो ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर कई नियम निर्धारित किए गए हैं। क्योंकि, कई देशों में इसे अवैध माना जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम जो सुना जाता है वो बिटकॉइन (Bitcoin) का है और बिटकॉइन आज कल काफी ट्रैंड में चल रहा है। कई लोग तो ऐसा मानते हैं कि, सिर्फ Bitcoin ही एक क्रिप्टोकरेंसी है। जबकि मार्केट में कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल हैं। हालांकि, आज भी ज्यादातर लोग Bitcoin में ही इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। इसलिए हम समझें कि आखिर क्या है Bitcoin? साथ ही विस्तार से इससे जुड़े तथ्य।
क्या है Bitcoin?
Bitcoin करेंसी तो है, लेकिन यह एक क्रिप्टोकरेंसी है। इसे 'सातोशी नकामोति' ने 2008 में बनाया था, लेकिन किसी को यह आज तक नहीं पता चल पाया है कि यह कोई इंसान है, या ऑर्गनाइज़ेशन है। सातोशी Bitcoin की एक कोड भी है। इसे पहली बार 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था। हम यह कह सकते हैं कि Bitcoin एक कोड है। इसे एक डिजिटल डॉक्यूमेंट भी कहा जा सकता है। इसे ख़रीदा भी जा सकता है। हालांकि रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे मान्यता नहीं दी है, लेकिन इसके बाद भी भारत में Bitcoin को ख़रीदा जा सकता है। सातोशी नकामोति ने दुनिया में टोटल 2.1 करोड़ Bitcoin बनाये हैं। Bitcoin सोने के भाव में बिकता है। इसके कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी ?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक तरह की करेंसी है। लेकिन इसे केवल इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन ही बनाना संभव है।
Bitcoin की ग्रोथ :
अगर हम Bitcoin की ग्रोथ देखें तो इसकी शुरुआत में कोई ग्रोथ नहीं हुई थी। 2009 में Bitcoin को लांच किया गया था तब उसकी वैल्यू 0 डॉलर थी। ना कोई उसे खरीदता था न ही बेचता। इतना ही नहीं 2010 में भी इसकी वैल्यू 1 डॉलर तक नहीं पहुंची। यह केवल लगभग 32 पैसे पर आकर रुक गया था। 2010 यह 18 से 20 रुपये तक ही पंहुचा था। ऐसे ही 2012 में इसकी कीमत 850 रुपये, 2014 में 31000 रुपयेऔर 2014 में इसकी कीमत 58000 रुपये, 2017 में 61722 रुपयेतक पहुंची, लेकिन 2012 से 2017 तक इसकी ग्रोथ देखे तो यह 87000% तक पहुंच गई थी। क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी हालांकि, उसके बाद से Bitcoin में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहा, लेकिन अब काफी समय से इसमें गिरावट का दौर ही जारी है। बता दें, मार्केट में करीब डेढ़ करोड़ Bitcoins आ चुके हैं।
कैसे माइनिंग होता है Bitcoin ?
Bitcoin जारी करने की प्रक्रिया “माइनिंग” कहलाती है। Bitcoin को माइन करने के लिए 2 key होती हैं। एक भेजने के लिए और दूसरी प्राप्त करने के लिए। इसका सिस्टम ठीक एक लाटरी जैसा होता है। लाटरी सिस्टम से जो कोई जटिल गणित के सवाल का उत्तर दे पाएगा उसको कुछ Bitcoin इनाम में मिलेंगे। जैसे-जैसे Bitcoin बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे गणित के सवाल और भी जटिल होते जाते हैं। Bitcoin से जुड़ा लेनदेन बिटकॉइन से जुड़े हर इंसान को पता रहता है लेकिन किसने ख़रीदा और किससे ख़रीदा इस बात की गोपनीयता बनी रहती है। इससे धोखाधड़ी की शिकायतें कम हो जाती हैं। आप Unocoin द्वारा Bitcoin खरीद सकते हैं।
Bitcoin के लेन-देन का लेज़र:
Bitcoin के लेन-देन का एक लेज़र बनाया जाता है। यह एक ओपन लेज़र होता है। इसके लेज़र से पूरी जानकारी (पहले बिटकॉइन से लास्ट तक) प्राप्त की जा सकती है। बिटकॉइन का जो सबसे लम्बा लेज़र मेंटेन करता है उसी का लेज़र माना जाता है और उसे ही इनाम के तौर पर बिटकॉइन मिलते हैं। ऐसे बहुत लोग लेज़र मेंटेन करते हैं। बिटकॉइन का लेज़र मेंटेन करने के लिए भी आपको कुछ इनाम दिया जाता है। लेज़र मेंटेन करने से आप धोखाधड़ी के शिकार नहीं होते है। Bitcoin का कोड बहुत कठिन होता है। जिसे हैक करना बहुत मुश्किल है।
Bitcoin से लेनदेन :
कई लोग यह सोचते हैं कि यह एक न दिखने वाली करेंसी है तो क्या इससे लेन-देन संभव होगा? तो हम आपको बताते हैं कि, जी हाँ Bitcoin से लेन-देन बिलकुल संभव है। Bitcoin द्वारा सबसे पहले पिज्जा खरीदा गया था और आज लगभग 1 लाख से भी ज्यादा व्यपारी Bitcoin से लेन-देन करते हैं। Bitcoin का भुगतान किसी ऐप के द्वारा भी किया जा सकता है। Dell, PayPal, Microsoft, जैसी कंपनिया भी Bitcoin को स्वीकार करती हैं। Bitcoin के लेनदेन का एक नुकसान यह है कि इससे कहीं-कहीं ड्रग्स का भी लेनदेन किया जा रहा है। क्योंकि इससे पता नहीं चलता की कौन खरीद रहा है कौन बेच रहा है।
Bitcoin से जुड़ी कुछ बातें:
दिसम्बर 2017 में Bitcoin की वैल्यू एक लाख डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी।
देशभर के Bitcoin एक्सचेंजों पर IT विभाग ने दिसम्बर 2017 में छापेमारी की थी।
Bitcoin की कीमत में भारी गिरावट भी दर्ज की जाती है।
कभी-कभी Bitcoin में निवेश करना मंहगा पड़ जाता है।
Bitcoin लोगो को बहुत जल्दी आकर्षित करता है।
हम Bitcoin को पेमेंट सिस्टम भी कह सकते हैं।
Bitcoin से एक बार अमिताभ बच्चन को 100 करोड़ से ज्यादा का फायदा हुआ था लेकिन इसमें गिरावट आने से उनको करोड़ों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ा था।
आज तक किसी को नहीं पता चल पाया है कि Bitcoin बढ़ता कैसे है।
अगर आपके पैसे Bitcoin द्वारा डूब गए तो इसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं की जाएगी।
Charlie Munger ने कहा था कि, 'Bitcoin एक बीमारी की तरह है।'
Warren Buffet ने 2014 में कहा था कि, 'Bitcoin एक धोका साबित हो सकता है।'
Benjamin Graham ने कहा था कि, 'Bitcoin लोगों को धोखे में लेकर डूबेगी।'
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।