मुख्य निवेश विकल्प

पीपीएफ सरकार की एक संप्रभु गारंटी के साथ आता है, जो इसे सभी निवेश विकल्पों में से सबसे सुरक्षित बनाता है। आयकर धारा 80 सी के तहत, पीपीएफ को ईईई टैक्स स्टेटस (EEE Tax status) प्राप्त है, इसलिए इसमें निवेश राशि, प्राप्त ब्याज के साथ-साथ मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पर टैक्स छूट मिलती है। पीपीएफ का टैक्स-फ्री स्टेटस और संप्रभु गारंटी इसे 5 साल की टैक्स सेविंग एफडी से बेहतर विकल्प बनाती है। हालांकि, लिक्विडिटी की कमी पीपीएफ का सबसे बड़ा निगेटिव प्वाइंट है। पीपीएफ में निवेश लॉक-इन पीरियड 15 साल है। वैसे निवेशक, जो जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, लम्बी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और पूंजी सुरक्षा को भी तरजीह देते हैं, उन्हें पीपीएफ का विकल्प चुनना चाहिए।
योजना संबंधी दस्तावेज क्या होते हैं? ये दस्तावेज क्या जानकारी प्रदान करते हैं?
सभी म्यूचुअल फंड विज्ञापनों में एक संदेश होता है: “योजना संबंधी सभी दस्तावेजों को सावधानी के साथ पढ़ें।” ये दस्तावेज क्या होते हैं?
3 मुख्य दस्तावेज होते हैं: मुख्य जानकारी ज्ञापन (किम), योजना जानकारी दस्तावेज (एसआईडी) और अतिरिक्त जानकारी कथन (एसएआई)।
इनको एसेट प्रबंधन कंपनी एएमसी द्वारा एक विशेष योजना के लिए तैयार किया जाता है और अनुमोदन के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड सेबी के पास प्रस्तुत किया जाता है।
(एसआईडी) में निम्नलिखित जानकारियां होती हैं:
- सभी बुनियादी विशेषताएं जैसे निवेश के उद्देश्य और नीतियां, परिसंपत्ति आवंटन पैटर्न, फीस तथा तरलता प्रावधान।
- फंड मैनेजमेंट टीम विवरण
- योजना में शामिल सभी जोखिम कारक और जोखिम शमन तंत्र।
- भार, योजनाएं तथा विकल्प, पिछला प्रदर्शन, प्रतिमान जैसे योजना विवरण।
- सामान्य यूनिट होल्डर जानकारी
- एएमसी शाखाएं, निवेश सेवा केन्द्र, स्वीकार्यता का आधिकारिक बिंदु।
छोटी बचत की योजनाएं (Small Savings Schemes)
मध्यम वर्गीय (Middle Class) लोगों, खास कर नौकरीपेशा लोगों के लिए छोटी बचत की योजनाएं (Small Savings Schemes) कुछ ज्यादा ही मायने रखती है। ये योजनाएं केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा प्रायोजित होती हैं और वही हर तिमाही इन बचत योजनाओं के लिए ब्याज दर घोषित करती हैं। इन योजनाओं में बैंक से थोड़ा ज्यादा ब्याज होता है। वैसे व्यक्ति जो अपने निवेश पर उच्चतम ब्याज दर और सुरक्षा की इच्छा रखते हैं, वे इसे तवज्जो दे सकते हैं। इन जमा योजनाओं पर आयकर (Income tax) में छूट भी मिलती है।
डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund)
डेट म्यूचुअल फंड आम तौर पर बाज़ार से जुड़े मुख्य निवेश विकल्प फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट (Fixed Income Instruments) जैसे सरकारी सिक्योरिटीज़, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स, कॉर्पोरेट बॉन्ड्स आदि में निवेश करते हैं। फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट के कारण डेट म्यूचुअल फंड इक्विटी फंड की तुलना में अधिक सुरक्षित माने जाते हैं, क्योंकि फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट को खरीदा-बेचा जा सकता है इसलिए डेट फण्ड सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉज़िट की तुलना में ज़्यादा रिटर्न देते हैं। इस प्रकार, डेट फंड उन लोगों के मुख्य निवेश विकल्प लिए आदर्श विकल्प हैं, जो छोटी अवधि के आर्थिक लक्ष्यों के लिए ऐसा निवेश विकल्प चाहते हैं जो फिक्स्ड डिपॉज़िट से अधिक रिटर्न दे।
इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund)
इक्विटी म्यूचुअल फंड को अपना न्यूनतम 65 फीसदी इक्विटी में निवेश करना होता है। क्योंकि इक्विटी ने फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट (Fixed Income Instruments) और महंगाई दर (Inflation Rate) के मुकबले अधिक रिटर्न दिया है, इसलिए यह उन निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो इक्विटी के द्वारा लम्बे समय में अधिक रिटर्न चाहते हैं लेकिन शेयरों में सीधे निवेश करने का समय या विशेषज्ञता उनके मुख्य निवेश विकल्प पास नहीं है। इसके अतिरिक्त, इक्विटी म्यूचुअल फंड में इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) नामक एक विशेष श्रेणी भी शामिल है, जो आयकर धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट के लिए योग्य है। आयकर धारा 80 सी के अंतर्गत जितने भी निवेश विकल्प आते हैं, उनमें सबसे छोटी अवधि (तीन वर्ष) ईएलएसएस की ही है। अगर आप तीन वर्ष के लिए इसमें निवेश बनाए रखते हैं तो रिटर्न पर धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट मिलेगी।
मंदी आई तो कहां से निकाले पैसा और किस जगह करें निवेश? पहले से करें तैयारी ताकि बढ़ती रहे आपकी जमा पूंजी
मंदी की आशंका के बीच जोखि रहित निवेश योजनाओं में पैसा रखना ज्यादा सही है.
मंदी के दौरान इक्विटी और रियल एस्टेट मार्केट बुरी तरह प्रभावित होता है. इसलिए आमतौर पर निवेशक यहां से पैसा निकालना शुरू . अधिक मुख्य निवेश विकल्प पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 11, 2022, 10:43 IST
दुनिया में मंदी की आशंका के बीच बाजार जोखिम से जुड़ी योजनाओं में निवेश प्रभावित होने का डर है.
मंदी के दौरान निवेशक सुरक्षित विकल्पों में निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं.
बैंक एफडी, पीपीएफ-एनपीएस और सोने में निवेश को जोखिम रहित माना जाता है.
नई दिल्ली. बढ़ती महंगाई और उस पर नियंत्रण पाने के लिए ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी से दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है और आर्थिक मंदी की आशंका गहराती जा रही है. चूंकि मंदी का सीधा असर देश की इकोनॉमी पर पड़ता है इसलिए शेयर बाजार समेत अन्य एसेट क्लास में निवेश प्रभावित होता है. ऐसे में आम निवेशकों के मन में सवाल रहता है कि आखिर इस वक्त में सुरक्षा के लिहाज से निवेश कहां किया जाए.
निवेश की बात: म्यूचुअल फंड में कम जोखिम अच्छा फायदा, कम प्रदर्शन मुख्य निवेश विकल्प करने वाली थीम में लगाएं पैसा
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी (सीआईओ) एस. नरेन कहते हैं कि इस समय ऐसी थीम में निवेश करें, जो अभी तक प्रदर्शन नहीं कर पाई हैं। आप चाहें तो इसके लिए एसेट अलोकेशन या फिर हाउसिंग थीम का चुनाव कर सकते हैं क्योंकि एसेट अलोकेशन बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाता है और कोरोना के बाद से हाउसिंग सेक्टर तेजी में है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई कारण हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, आपके पैसे का प्रबंधन एक ऐसा फंड प्रबंधक करता है, जिसे इसमें महारत हासिल होती है और दशकों से वह इसी काम को करता है। इसलिए फंड प्रबंधन को आपके पैसे के निवेश की जानकारी होती है। फंड प्रबंधक नुकसान से बचाने के लिए आपके पैसे को बहुत ही सोच-समझकर इक्विटी मार्केट, डेट मार्केट या किसी अन्य साधन में निवेश करता है।
विस्तार
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी (सीआईओ) एस. नरेन कहते हैं कि इस समय ऐसी थीम में निवेश करें, जो अभी तक प्रदर्शन नहीं कर पाई हैं। आप चाहें तो इसके लिए एसेट अलोकेशन या फिर हाउसिंग थीम का चुनाव कर सकते हैं क्योंकि एसेट अलोकेशन बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाता है और कोरोना के बाद से हाउसिंग सेक्टर तेजी में है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई कारण हो मुख्य निवेश विकल्प मुख्य निवेश विकल्प सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, आपके पैसे का प्रबंधन एक ऐसा फंड प्रबंधक मुख्य निवेश विकल्प करता है, जिसे इसमें महारत हासिल होती है और दशकों से वह इसी काम मुख्य निवेश विकल्प को करता है। इसलिए फंड प्रबंधन को आपके पैसे के निवेश की जानकारी होती है। फंड प्रबंधक नुकसान से बचाने के लिए आपके पैसे को बहुत ही सोच-समझकर इक्विटी मार्केट, डेट मार्केट या किसी अन्य साधन में निवेश करता है।
महंगाई से पार पाने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट घाटे का सौदा
फिक्स्ड डिपॉजिट एक तरह से घाटे का सौदा होता है। फिलहाल ज्यादातर बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर 5-6 फीसदी का ब्याज देते हैं, जबकि महंगाई की दर 7 फीसदी के करीब है। ऐसे में आपका फायदा एक फीसदी कम होता है। इसलिए आप चाहें तो इस पैसे को म्यूचुअल फंड की शॉर्ट टर्म फंड में रखें, जहां पर सालाना 7-8% तक फायदा मिल सकता है। सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में भी निवेश कर मुख्य निवेश विकल्प सकते हैं। यानी शॉर्ट टर्म से सीधे आपका पैसा एसआईपी में चला जाएगा तो आपको दो तरह से इस पर फायदा मिलेगा।
ज्यादा रिटर्न के लिए छोटी अवधि के निवेश विकल्प
आपकी शादी, आपका पहला घर या फिर आपकी पहली कार की खरीदारी में अभी शायद दो साल का वक्त बाकी है। लेकिन, अगर आप पैसे बचाना नहीं शुरू करेंगे तो हो सकता है कि दो साल पांच, दस या फिर पंद्रह सालों में बदल जाएं।
आपकी पहली पसंद साधारण बैंक बचत खाता हो सकता है, लेकिन इस पर मिलने वाला रिटर्न बाकी निवेश विकल्पों के मुकाबले काफी कम होता है, बैंक बचत खाते का मुख्य फायदा बेहद कम जोखिम होता है।
छोटी अवधि के निवेश विकल्प के जरिए कम समय में बेहतर रिटर्न कमाया जा सकता मुख्य निवेश विकल्प है, चाहे निवेश कुछ महीनों या फिर एक साल के लिए ही न किया गया हो। अगर आप अगले दो सालों में शादी करने का इरादा रखते हैं, तो आप अपनी पूंजी बढ़ाने के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना चाहेंगे।